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वाराणसी से कछुआ सेन्चुरी शिफ्ट करने के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका खारिज
याची का कहना था कि वाराणसी में मालवीय पुल से रामनगर तक गंगा नदीमें कछुआ सेंचुरी होने से गंगा में बहाए गये शव के अवशिष्ट कछुओं द्वारा खाने के कारण प्रदूषण कम होता है। सेंचयरी शिफ्ट होने से गंगा में प्रदूषण बढ़ेगा। कछुओं की सुरक्षा की जाय।
प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी में गंगा में कछुओं की सेंचुरी को नेवादा प्रयागराज से मिर्जापुर जिले तक शिफ्ट करने के खिलाफ जनहित याचिका ख़ारिज कर दी है। कोर्ट ने इसे कछुओं के हित में माना। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर व न्यायमूर्ति वाई के श्रीवास्तव की खंडपीठ ने भरत झुनझुनवाला की जनहित याचिका पर दिया है।
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याची का कहना था कि वाराणसी में मालवीय पुल से रामनगर तक गंगा नदीमें कछुआ सेंचुरी होने से गंगा में बहाए गये शव के अवशिष्ट कछुओं द्वारा खाने के कारण प्रदूषण कम होता है। सेंचयरी शिफ्ट होने से गंगा में प्रदूषण बढ़ेगा। कछुओं की सुरक्षा की जाय।
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कोर्ट ने कहा वाराणसी में नावों के संचालन के कारण सेंचुरी शिफ्ट की गयी है। यह कछुओं की सुरक्षा के हित में है। इसका आशय यह नही कि वाराणसी में वन्य जीवों की सुरक्षा नही होगी। कोर्ट ने याची को अपने सुझाव सम्बन्धित अधिकारियो के समक्ष रखने की छूट दी है।
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