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Pilibhit News: जिनके पास रोटी नहीं थी, आज लग्जरी गाड़ियों में चल रहे, वरूण गांधी ने विरोधियों पर साधा जोरदार निशाना
Pilibhit News: वरूण गांधी ने जनसंवाद कार्यक्रम में कहा कि राजनीति में पैसा कमाने नहीं आया हूं, वो पहले से ही मेरे पास है।
Pilibhit News: यूपी के पीलीभीत जनपद में दो दिवसीय दौरे पर रविवार को पहुंचे सांसद वरुण गांधी ने पूरनपुर क्षेत्र के ग्राम बैजूनगर, विधिपुर, इटोरिया, शिवनगर, बानगंज, ग्रांट, लालपुर, नदहा, सिसैया, पिपरिया आदि गांव में आयोजित जनसंवाद कार्यक्रमों को संबोधित किया। सांसद वरुण गांधी ने बिना नाम लिए कुछ क्षेत्रीय नेताओं पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिनके पास पहले खाने को रोटी नहीं थी, आज वह बड़े-बड़े काफिले में चल रहे हैं। क्या कभी किसी ने पूछा वह किस पैसे चल रहे हैं।
वरूण ने कहा- मेरे पिता ने दान कर दी थी एक लाख करोड़ की कंपनी
वरुण गांधी ने कहा कि उनके पिता ने एक लाख करोड़ की मारुति कंपनी देश के नाम दान दे दी थी, क्या आज के नेता ऐसा कर पाएंगे। आज कोई 500 रूपये टेबल पर छोड़ने को तैयार नहीं है, एक लाख करोड़ की बात तो छोड़ो। सांसद ने जनता से कहा आप लोगों को अच्छे, बुरे की पहचान है, आपको यह सिखाने की जरूरत नहीं है।
सब लोग जानते हैं कौन सही है और कौन गलत
वरूण ने कहा कि सही का साथ दीजिए यही धर्म है, इसी का नाम राष्ट्रीयता, इसी का नाम मानवता और इसी का नाम जिंदगी है। सांसद ने कहा याद रखना यह जो बाजू हैं, यह आपकी पहचान है, अपनी पहचान को अगर कूड़े में डाल दोगे तो गीदड़ आपको कभी बढ़ने नहीं देंगे। सांसद बोले मैं राजनीति में नाम और पैसा कमाने नहीं आया हूं, वह सब मेरे पास पहले से है।
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पीलीभीत के साथ जो रिश्ता, वही जीवन की सबसे बड़ी पूंजी।
जनसंवाद कार्यक्रम में वरूण ने कहा कि जब आप दिल्ली, जयपुर, पटना, कोलकाता, सोनीपत, मुंबई आदि कहीं भी जाते हैं तो वहां बोलते हो कि वरुण गांधी और मेनका गांधी वाले पीलीभीत से हूं। बस यही पूंजी हमारे लिए काफी है। सांसद वरुण गांधी ने कहा हमारे देश में 90 फीसदी सरकारी नौकरी संविदा पर हो रही हैं, संविदा की नौकरी असली नौकरी नहीं है। किसी आशा बहू, आंगनबाड़ी, शिक्षा मित्र या किसी अन्य संविदा कर्मचारी से पूछो तो वे कहते हैं कि जब उनसे काम लेना होता है, काफ़ी काम लेते है, लेकिन जब उनको निकालना होता है तो मक्खी कि तरह निकलकर फेंक देते हैं। न ही कोई सुरक्षा है न भविष्य। सांसद ने कहा इस सभा में काफी नौजवान बैठे हैं, उनका भविष्य क्या है। क्या पूरे दिन यूट्यूब पर या इस्टाग्राम ही देखते रहेंगे या अपने जीवन में कुछ और भी करेंगे, अगर करेंगे तो कैसे करेंगे, महंगी शिक्षा है, माता-पिता के पास इतने पैसे हैं नहीं कि वह पढ़ा सके।
सांसद वरुण गांधी ने बिना नाम लिए कुछ क्षेत्रीय नेताओं पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिनके पास पहले खाने को रोटी नहीं थी, आज वह बड़े-बड़े काफिले में चल रहे हैं। क्या कभी किसी ने पूछा वह किस पैसे चल रहे हैं। कोविड-19 के दौरान उनके अलावा कितने नेता घर से बाहर निकले आप यह दृश्य खुद देख चुके हैं। अच्छे समय में दुनिया हमेशा साथ रहती है लेकिन खराब समय में जो काम आए, वही सच्चा दोस्त होता है।
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