गंगा में मूर्तियों के विसर्जन पर हाईकोर्ट से रोक हटाने की मांग, 5 अक्टूबर को सुनवाई

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Published on: 24 Sept 2016 8:17 PM IST
गंगा में मूर्तियों के विसर्जन पर हाईकोर्ट से रोक हटाने की मांग, 5 अक्टूबर को सुनवाई
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इलाहाबाद: शंकराचार्य स्वरूपानंद के शिष्य अविमुक्तेश्वरानंद ने इलाहाबाद हाईकोर्ट मे अर्जी देकर मांग की है कि कोर्ट गंगाजी में मूर्तियों के विसर्जन पर लगाई अपनी रोक को हटाए। हाईकोर्ट मे अर्जी दायर कर कहा गया है कि कोर्ट के संज्ञान में उन तथ्यों को अभी तक नहीं लाया गया है, जिससे कोर्ट यह समझ सके कि गंगा मूर्तियों के विसर्जन से नहीं, बल्कि अन्य कारणों से मैली हो रही है।

इस अर्जी मे संत ने कहा है कि यूपी को छोडकर शेष राज्यों में मूर्तियों के विसर्जन पर कोई रोक नहीं है। मिट्टी से बनी सामान्य मूर्तियों को गंगाजी में प्रवाहित करने से उसे कोई खतरा नहीं है। सदियों से गंगाजी से मिट्टी और बालू निकालकर भक्त वही मूर्ति बनाते आ रहे हैं और पूजा कर प्रवाहित करते हैं. पेंट आदि खतरनाक केमिकल्स से युक्त बनी मूर्तियों को अवश्य गंगा मे प्रवाहित नहीं किया जाना चाहिए। लेकिन इसकी आड़ में मिट्टी से बनी मूर्तियों के गंगा मे प्रवाह पर से रोक हटाया जाए। संत की इस अर्जी पर हाईकोर्ट ने 5 अक्टूबर को सुनवाई करने का निर्देश दिया है। संत की अर्जी में कहा गया है कि दुर्गा पूजा निकट है, ऐसे मे इस पर शीघ्र निर्णय की जरूरत है।

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