TRENDING TAGS :
Hapur News: मुठभेड़ में घायल बदमाश निकला बावरिया गिरोह का सदस्य, 20 जिलों में दर्ज हैं मुकदमे
Hapur News: बावरिया गैंग के सदस्य देश के विभिन्न राज्यों के साथ साथ उत्तर प्रदेश में भी सक्रिय है।
Hapur encounter
Hapur News: धौलाना पुलिस और बदमाश के बीच सोमवार की रात हुई मुठभेड़ में पकड़ गया  बदमाश बावरिया गिरोह का सदस्य है। पुलिस ने जानकारी की तो पता चला कि बदमाश ने खुद के नाम पर भाई को जेल भिजवा दिया था। घायल बदमाश बावरिया गिरोह का सक्रिय सदस्य है। उसके खिलाफ  हापुड़, गाजियाबाद आदि समेत आसपास के जिले में 20 अभियोग पंजीकृत है, जिसकी जांच की जा रही है।
धौलाना थाना प्रभारी निरीक्षक सुमन कुमार सिंह ने बताया कि पकड़ा गया आरोपी सुबोध बावरिया है। पूछताछ में उसने बताया कि बीते वर्ष सितंबर माह में जेवर थाना क्षेत्र के अंतर्गत पुलिस मुठभेड़ में वह बच निकला था। जेवर मुठभेड़ के दौरान पुलिस ने सुबोध के बड़े भाई पवन उर्फ पुन्नू और सुबोध के लड़के रेशू  को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में सुबोध ने बताया कि जेवर की मुठभेड़ में उसके भाई ने योजना के तहत खुद को सुबोध बताते हुए पुलिस के सामने आया था। न्यायालय तक में अपना नाम उसने सुबोध बताया था। यह सब इसलिए किया कि पवन पर उससे कई अधिक मुकदमें दर्ज हैं। अधिक मुकदमें होने के कारण जमानत मिलने में दिक्कत आ सकती थी। उन्होंने बताया कि जेवर पुलिस की वांछितों की सूची में पवन फरार हो गया जबकि सुबोध की गिरफ्तारी दिखाई गई थी। सुबोध का पुत्र जो पवन के साथ जेवर पुलिस ने पकड़ा था उसने भी इस हकीकत को पुलिस को नहीं बताया था।
जिले में बावरिया गैंग कई वारदातों को दे चुका है अंजाम
बावरिया गैंग के सदस्य देश के विभिन्न राज्यों के साथ साथ उत्तर प्रदेश में भी सक्रिय है। इस गैंग को लेकर फिल्म भी बनाई जा चुकी है। अगर इस गैंग की वारदातों पर बात करें तो जनपद में भी कई वारदातों को इस गैंग के सदस्यों ने अंजाम दिया। नवज्योति कालोनी में एक परिवार के कई सदस्यों की निर्मम हत्या की थी। देवलोक कालोनी में भी तिहरा हत्याकांड, मेरठ रोड स्थित नवज्योति कालोनी में भी डकैती और हत्याकांड समेत कई वारदातों को अंजाम दिया है।
डंडे के प्रहार से कर देते हैं हत्या तक
पिछले वर्षों में हुई वारदातों में देखा गया है कि बावरिया गैंग के सदस्य वारदात को अंजाम देने से पहले पेड़ों की शाखा तोड़कर डंडों तैयार कर लेते हैं। घर में घुसे ही वहां मौजूद लोगों के सिर पर अपने साथ लाए डंडों से प्रहार कर देते हैं। यह प्रहार इतना तेज होता है कि व्यक्ति की मौत तक हो जाती है। सोते हुए व्यक्ति पर वार करने से इस गिरोह के सदस्य पीछे नहीं रहते हैं। वारदात के समय खून बहाने को भी शुभ मानते हैं।
विभिन्न आवाज कर खुलवाते हैं दरवाजा
पिछले वर्षों में हुई वारदातों में यह भी देखा गया है कि बावरिया गैंग के सदस्य घर में पहुंचने के बाद जानवरों, बच्चों के रोने की आवाज जोर जोर से निकलाते हैं ताकि धोखे में फंसकर लोग दरवाजा खोल दें और वारदात को अंजाम दे दे। इसके साथ ही इस गिरोह के पास सरिये से बना एक हथियार रहता है जिसे ज्ञान कहते हैं। ज्ञान की मदद से ताला और दरवाजे की चटखनी आसानी से खोल देते हैं। लूट की वारदात का एक हिस्सा ज्ञान नामक हथियार का भी निकालने की परंपरा है।
स्टेशनों और बाहरी इलाकों में डालते हैं डेरा
बावरिया गिरोह के सदस्य अधिकांश रेलवे स्टेशनों के पास और कालोनी और शहर के बाहरी इलाकों में डेरा डालते हैं। दिन में फेरी लगाकर अपना टारगेट (घर) चिंहित हैं और रात में वारदात को अंजाम देकर अधिकांश रेल मार्ग से भागने में सफल हो जाते हैं।
पुलिस ने की है कई बड़ी कार्रवाई
पिछले कुछ दशकों से पुलिस के लिए सिरदर्द बना बावरिया गिरोह के खिलाफ कई बड़ी कार्रवाई विभिन्न राज्यों और जनपदों में हुई है। बड़ी संख्या में पुलिस ने इस गिरोह के सदस्यों को गिरफ्तार भी किया है और कई संगीन अपराधियों को मुठभेड़ में ढेर किया है।
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!


