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गोल्ड कारोबारी ने की थी आत्महत्या, आईपीएल में सट्टे और ट्रेडिंग में हो गया था कर्जदार
जांच में मृतक के पांच बैंक अकाउंट की जानकारी मिली है। किसी में भी 10,000 तक की धनराशि नहीं थी। उसके दिये 9 चेक बाउंस हो चुके थे। एसटीएफ, गोरखपुर पुलिस और विधि बिज्ञान प्रयोगशाला, लखनऊ इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि मृतक नितिन ने कर्ज और घाटे से परेशान होकर आत्महत्या की है।
गोरखपुर: शहर के सोना कारोबारी नितिन अग्रवाल की मौत को पुलिस ने आत्महत्या बताया है। आईजी मोहित अग्रवाल ने जानकारी देते हुए कहा कि कर्ज के दबाव के कारण नितिन ने आत्महत्या कर ली। पुलिस के अनुसार नितिन पर आईपीएल में सट्टे और मेटल ट्रेडिंग में करीब दो करोड़ का कर्ज हो गया था। नितिन अग्रवाल का जला हुआ शव उनकी कार में पाया गया था।
आगे स्लाइड में मृतक ने क्या कहा था घटना से पहले...
पुलिस थ्योरी
गोल्ड कारोबारी नितिन अग्रवाल की डेड बॉडी पिछले रविवार को सहजनवा के तेनुआ टोल प्लाजा पर कार में पायी गयी थी।
इस संदिग्ध मौत को लेकर मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश दिये तो आईजी एसटीएफ और डिस्ट्रिक्ट पुलिस ने संयुक्त जांच शुरू की।
पुलिस की थ्योरी के मुताबिक मरने से पहले नितिन ने अपनी पत्नी से फोन पर कहा था कि मैं जा रहा हूं, तुम लोग भी जहर खा कर मर जाना।
उसने पत्नी से कहा था कि एक सफेद कागज बिस्तर पर रखा है उसे ढूंढ लेना। यह जानकारी पत्नी ने ससुर को दी थी।
पुलिस के मुताबिक घटना की सुबह नितिन 10:30 बजे घर से स्कूटी लेकर निकला।
घर से 500 मीटर दूर बलेनो गाड़ी लेकर 11:10 पर नौशड के नजदीक स्थित पेट्रोल पंप पर पहुंचा और 120 रुपये का पेट्रोल बोतल में लिया।
सीसीटीवी फुटेज में उसके साथ किसी अन्य को गाड़ी में बैठे हुए नहीं पाया गया।
फॉरेंसिक टीम ने भी गाड़ी में किसी और के होने की बात से इनकार किया है।
आगे स्लाइड में जानिये क्या निकला कॉल डीटेल्स में...
कॉल डीटेल्स के संकेत
घर से पेट्रोल पंप और फिर तेनुआ टोल प्लाजा तक पहुंचने के दौरान मृतक फोन पर लगातार पत्नी और परिचितों से बात करता रहा।
उसके मोबाइल में 2 सिम कार्ड थे। एक नंबर 7607******से 10:31 से 12:00 बजे के बीच कुल 27 कॉल और एसएमएस किए गए थे।
इनमें 14 आउट गोइंग कॉल्स और एक आउटगोइंग मैसेज 11 इनकमिंग कॉल्स और एक इनकमिंग मैसेज शामिल हैं।
इनमें से 3 आउटगोइंग कॉल पत्नी रश्मि को 11:50 पर 116 सेकंड तक, फौरन बाद 334 सेकंड और 11:57 पर 653 सेकंड की हुई हैं।
अन्य कॉल्स मित्रों और कारोबारियों से पैसे के लेनदेन के संबंध में हुई है।
दूसरे नंबर 7523****** से सुबह 10:45 से 12:00 बजे के बीच एक आउटगोइंग कॉल तथा एक इनकमिंग कॉल हुई।
सीट पर तार से बॉडी बंधी मिलने के सवाल पर आईजी मोहित अग्रवाल ने कहा कि गाड़ी में आग लगने से वायरिंग का तार मृतक के शरीर पर गिर पड़ा था।
इसी के कारण बॉडी को बंधा माना जा रहा था, लेकिन न तो पुलिस ने बॉडी निकलते समय हाथ पैरों का बंधा होना पाया, न पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में ऐसा कोई निशान पाया गाय।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत का कारण सांस की नली में कार्बन पार्टिकल्स का पाया जाना बताया गया है।
फॉरेंसिक रिपोर्ट में जबरन जलाए जाने या दुर्घटना के कारण आग लगने की संभावना भी नहीं पाई गई।
आगे स्लाइड में जानिये विशेषज्ञों का निष्कर्ष...
निष्कर्ष
मनोचिकित्सकों एवं फॉरेंसिक एक्सपर्ट इस नतीजे पर पहुंचे कि फांसी लगाने का स्थान न मिलना और गोली खाकर बचने की संभावना के कारण उसने ये तरीके नहीं चुने।
फाइनेंशियल क्राइसिस जॉइंट टीम की विवेचना में पता चला है कि नितिन सोना, तांबा, चांदी और जिंक में ट्रेडिंग का काम करता था।
इसमें उसे नुकसान हुआ था, लेकिन उसने अपने पिता से यह छिपाकर रखा था।
जांच में मृतक के पांच बैंक अकाउंट की जानकारी मिली है। किसी में भी 10,000 तक की धनराशि नहीं थी। उसके दिये 9 चेक बाउंस हो चुके थे, जिसका उस पर दबाव था।
एसटीएफ, गोरखपुर पुलिस और विधि विज्ञान प्रयोगशाला, लखनऊ इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि मृतक नितिन ने कर्ज और घाटे से परेशान होकर आत्महत्या की है।
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