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Mahakumbh 2025: महाकुंभ में किन्नर अखाड़े में 18 महामंडलेश्वर बनने शुरू, कई राज्यों में होगा किन्नर अखाड़े का विस्तार
Maha Kumbh 2025: महाकुंभ क्षेत्र में सनातन धर्म को विस्तार देने के क्रम में किन्नर अखाड़े ने 18 महा मंडलेश्वर बनाने शुरू कर दिए। किन्नर अखाड़े की महाकुंभ प्रभारी कौशल्यानंद गिरी ने इसकी पुष्टि की है।
Maha Kumbh 2025-18 New Mahamandleshwar Mahant ( Pic- Social- Media)
Maha Kumbh 2025: सनातन धर्म के ध्वज वाहक 13 अखाड़ों के अनुगामी बनकर चल रहे अखाड़ों में भी विस्तार की ललक तेज हो रही है। इसी सिलसिले में प्रयागराज महा कुम्भ में जूना अखाड़े के अनुगामी किन्नर अखाड़े ने बड़ी संख्या में महा मंडलेश्वर बनाने शुरू हो गए हैं।
किन्नर अखाड़े में एक 18 नए महा मंडलेश्वर
महाकुंभ क्षेत्र में सनातन धर्म को विस्तार देने के क्रम में किन्नर अखाड़े ने 18 महा मंडलेश्वर बनाने शुरू कर दिए। किन्नर अखाड़े की महाकुंभ प्रभारी कौशल्यानंद गिरी ने इसकी पुष्टि की है।कुंभ मेला क्षेत्र के सेक्टर-16 लगे किन्नर अखाड़ा के शिविर में यह प्रक्रिया शुरू की गई और शाम तक इसे पूरा कर लिया गया। किन्नर अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने इन्हे संन्यास की दीक्षा प्रदान की। जिन 18 लोगों को यह जिम्मेदारी मिलनी है उसमें पहले दिन राजस्थान की किन्नर ईश्वर नंद गिरी का पट्टाभिषेक कर उन्हें महा मंडलेश्वर बनाया गया।
कई राज्यों में किन्नर अखाड़ा कर रहा है विस्तार
किन्नर अखाड़े की महाकुंभ प्रभारी कौशल्या नंद गिरी ने बताया कि किन्नर अखाड़ा सभी राज्यों में सनातन धर्म का प्रचार कर उसका विस्तार करना चाह रहा है। इसके लिए सभी राज्यों में पदाधिकारी बनाए गए हैं।गुरुवार को देश के अलग-अलग प्रदेशों से 18 पुरुष, महिला और किन्नरों को महामंडलेश्वर व महंत बनाए जाने की प्रक्रिया देर शाम तक चलती रही। इसमें एक महा मंडलेश्वर का पट्टाभिषेक हुआ जबकि एक महंत बनाए गए। पिंडदान के बाद संन्यास प्रक्रिया पूरी की गई। सभी ने संन्यास दीक्षा ली। उसके बाद संगम स्नान कर पूजन किया। गुरुवार को किन्नर अखाड़ा में जिन लोगों को यह उपाधि दी गई उसमें यूपी के काशी, वृन्दावन, सिक्किम , तमिलनाडु, राजस्थान, गुज़रात, मध्यप्रदेश बिहार राज्य के लोग शामिल हुए । किन्नर अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने बताया कि महाकुंभ में अभी 18 लोगों को महामंडलेश्वर, महंत सहित अन्य पदों की जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। विदेश के किन्नरों को भी इसके बाद किन्नर अखाड़ा में जिम्मेदारी दी जाएगी जिससे कि सनातन धर्म का प्रचार प्रसार दुनिया भर में हो सके।
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