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Maha Kumbh 2025: विदेशी पर्यटकों को खींच रही चुम्बकीय सनातनी चेतना
Maha Kumbh 2025: प्रयागराज में पहली बार इतने विशाल भू-भाग पर आयोजित महाकुंभ कई कारणों से दुनिया भर में चर्चित हो गया। पूरी दुनिया से तमाम मशहूर सेलेब्स आस्था के संगम में डुबकी लगाने के लिए यहां पहुंच रहा है।
Maha Kumbh 2025: सैकड़ों वर्षों के आंदोलन का प्रतिफल राम मंदिर हो या 144 वर्षों बाद नक्षत्रों के संयोग का महाकुंभ हो, अयोध्या और प्रयागराज में सनातनी चुम्बकीय शक्ति विदेशी पर्यटकों को यूपी की पावन धरती की तरफ खींच रही है। भारत की संस्कृति दुनिया को आकर्षित करती है। यूपी भारत की सनातनी सांस्कृतिक चेतना का केंद्र बन गया है। सैकड़ों वर्षों की प्रतीक्षा के बाद चेतना के संर्घर्षों का आध्यात्मिक प्रतिफल जब अपनी अद्भुत छटाएं बिखेरता है, तो ऐसे भव्य और दिव्य नजारे देखने वालों में ऊर्जा का प्रसार करते हैं। अपने अधिकारों के लिए लड़ने और अपनी संस्कृति को बचाने के संघर्ष वाली चैतन्य शक्ति के दर्शन कराते हैं।
काशी, मथुरा, अयोध्या और प्रयागराज में विदेशी पर्यटकों का बढ़ता सैलाब आस्था की शक्ति से विकास और उन्नति को गति देने के सिद्धांत को समझने के लिए भी यूपी में उमड़ पड़ा है। उत्तर प्रदेश के सूचनातंत्र और डिजिटल तिलिस्म ने दुनिया के सामने नये उत्तर प्रदेश की जो सुंदर तस्वीरें पेश की उसे हकीकत में देखने को आतुर देश-दुनिया राम, कृष्ण और भोलेनाथ की पावन धरती की शक्ति की क़ायल हो गई।
दुनियाभर में चर्चा में छाया महाकुंभ
हजारों वर्ष पुरानी राम जन्मभूमि के संघर्षों की गाथा ने अयोध्या की बहुप्रतीक्षित राममंदिर के प्रति गैर हिन्दुओं में भी एक विशेष आकर्षण पैदा हो गया है और अब प्रयागराज में पहली बार इतने विशाल भू-भाग पर आयोजित महाकुंभ कई कारणों से दुनिया भर में चर्चित हो गया। जितने क्षेत्रफल में यह आध्यात्मिक अनुष्ठान आयोजित हो रहा है, दुनिया के कुछ छोटे देशों का इतना आकार है।
क्राउड प्रबंधन से लेकर आम और खास लोगों की धर्म के प्रति दीवानगी भी इस दिव्य और भव्य आयोजन को ख़ास बना रही है। भारत का हर आम इंसान, बच्चा, बूढ़ा, जवान, महिलाएं हों, सेलिब्रिटी, देश-दुनिया के शीर्ष उद्योगपति, मुख्यमंत्रियों से लेकर विपक्षी नेता हों या प्रधानमंत्री, हर कोई आस्था के संगम में डुबकी लगा रहा है। भारत विश्वभर को संदेश दे रहा है कि आस्था मजबूत करती है। हम आस्था और अर्थव्यवस्था दोनों में साथ आगे बढ़ कर दिखा रहे हैं।
विदेशी पर्यटकों का आकर्षण
अयोध्या में भव्य और दिव्य राममंदिर मे प्राण प्रतिष्ठा के पहले वर्ष 2024 में 17 करोड़ पर्यटकों की वृद्धि हुई। जिसमें करीब सात लाख विदेशी पर्यटकों की संख्या शामिल है। इस वर्ष 2025 के जनवरी में प्रयागराज में 144 वर्ष के संयोग में दिव्य और भव्य महाकुंभ में विदेशी पर्यटकों की संख्या में जिस तरह इजाफा हो रहा है। उससे लगता है कि प्रयागराज और अयोध्या के अतिरिक्त मथुरा व काशी का आकर्षण इस वर्ष विदेशी पर्यटक की संख्या का रिकार्ड कायम करेगा।
सरकार के आकलन के अनुसार, इस बार महाकुंभ में 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के शामिल होने का अनुमान है, जिनमें करीब 15 लाख विदेशी पर्यटक भी होंगे। अयोध्या में राममंदिर निर्माण के बाद उत्तर प्रदेश के धार्मिक तीर्थ स्थल पर्यटकों की पहली पसंद बनने लगे हैं।
अयोध्या में बढ़ी पर्यटकों की संख्या
बीते सोमवार पर्यटन मंत्री ने बताया कि श्रीराम जन्मभूमि में श्री राम लला के विराजमान होने के बाद अयोध्या में पर्यटकों की संख्या में तेज गति से वृद्धि दर्ज की गई है। वर्ष 2024 में वहां कुल 16,44,19,522 श्रद्धालु पहुंचे, जबकि वर्ष 2023 में यह संख्या 5,75,70,896 थी। इस प्रकार एक वर्ष में 10,68,48,626 की वृद्धि हुई है। काशी में वर्ष 2024 में 110097743 श्रद्धालु आए, जबकि 2023 में कुल 101867618 श्रद्धालु पहुंचे थे।
इस प्रकार पर्यटकों की संख्या में 82,30,125 की वृद्धि दर्ज हुई है। मथुरा में इस वर्ष 90081788 श्रद्धालु पहुंचे, जबकि वर्ष 2023 में 77927299 श्रद्धालु पहुंचे थे। इस प्रकार 1,21,54,489 की वृद्धि हुई है। प्रयागराज में वर्ष 2024 में 51262806 पर्यटक आए, जबकि वर्ष 2023 में 50671622 पर्यटक पहुंचे थे। इस प्रकार 591,184 पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हुई।
बदली यूपी के बारे में लोगों की धारणा
दरअसल, उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार बनने के बाद कानून व्यवस्था को लेकर यूपी की धारण दुनिया में बिल्कुल बदल गई। बेहतर कानून व्यवस्था और कानून का राज्य पर्यटकों को आकर्षित करता है। जिस देश या राज्य में अद्भुत पर्यटक स्थल होंने के साथ सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद होती है, खासखर विदेशी सैलानी वहां आना पसंद करते हैं। इसके अतिरिक्त यूपी में डबल इंजन की सरकार में एयरपोर्ट, सड़कें, हाईवे और स्वच्छ इंडिया अभियान ने भी विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़ाने में बड़ा योगदान दिया है।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं।)