TRENDING TAGS :
मोदी राज में यूपी के किसान गन्ने की होली जलाने को मजबूर
हरदोई : हरदोई किसान यूनियन ने कलेक्ट्रेट में जम कर नारेबाजी की और गन्ने की होली जला सरकार के प्रति अपने आक्रोश को व्यक्त किया। किसानों का ये आक्रोश जायज भी है। बड़े वादे करने वाली सरकार ने गन्ने के दामों में महज दस रुपय की बढ़ोत्तरी कर अपनी पीठ थपथपाई ली। लेकिन इससे गन्ना किसानों को कोई राहत नहीं मिली है। ऊपर से जीएसटी लागू होने के बाद अब खाद-बीज व कीटनाशक के दामों में बढ़ोत्तरी से खेती और घाटे में चली गई। किसानों ने सोचा था कि सरकार से कुछ राहत मिलेगी लेकिन यहां भी उन्हें भीख ही नसीब हुई।
ये भी देखें: खुद को बेहतर पेश करने के चक्कर में हरदोई चेयरमैनी के BJP उम्मीदवार आपस में भिड़े
कलेक्ट्रेट पर गन्ने की होली जला किसानों ने प्रशासन व सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन भी सौंपा है। यूनियन अध्यक्ष राजबहादुर सिंह ने कहा कि बढ़ती महंगाई में हमें गन्ने और धान की लागत निकालना भी मुश्किल हो रहा है। सरकारें हमारी सुनती नहीं। जो बढ़ोतरी हुई है वो भीख से ज्यादा कुछ नहीं है। सरकार को इसपर शर्मिंदा होना चाहिए।
उन्होंने बताया कि आज प्रदेश भर में जिला मुख्यालयों पर गन्ने को जला कर विरोध जताया गया है। जब तक सरकार कोई जायज कदम नहीं उठाएगी हम चुप नहीं रहेंगे। हम दिल्ली तक प्रदर्शन कर अपनी आवाज़ बुलंद करेंगे।
क्या हैं मांग
स्वामी नाथन आयोग की रिपोर्ट लागू हो
किसान आयोग का गठन हो
फसलों का वाजिब दाम मिले
फसल बीमा योजना सिर्फ दिखावा
किसानों का आरोप है कि इस योजना में किसानों से ही पैसा वसूल किया जा रहा है। पीएम मोदी दावा करते हैं कि एक वर्ष में किसानों की आय को दोगुना कर देंगे। आखिर कैसे करेंगे वो ऐसे ही 10 रुपए बढ़ा कर। जीएसटी को भी किसानों ने सरकार का षड़यंत्र बताया, और कहा कि इसके लागू होने के बाद से किसान पूरा मर चुका है।
वहीं अधिकारी किसानों के प्रदर्शन से और गन्ना दहन से इंकार कर रहे हैं।
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!