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Block Pramukh Election: कुशीनगर में 7 सीटों पर बीजेपी का कब्जा, सात पर होगा चुनाव
Block Pramukh Election: कुशीनगर में चौदह क्षेत्र पंचायतों में से सात सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों का एकल नामांकन हुआ, इसमे छः महिलाएं और एक पुरुष हैं।
ब्लाॅक प्रमुखों के चुनाव (प्रतीकात्मक तस्वीर: सोशल मीडिया)
Block Pramukh Election: पिछले कई दिनों से चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम के बीच गुरुवार को नामांकन के बाद जिले के चौदह क्षेत्र पंचायतों में से सात सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों का एकल नामांकन हुआ, इसमे छः महिलाएं और एक पुरुष हैं। इन सभी का निर्विरोध चुना जाना लगभग तय माना जा रहा है। बाकी के सात सीटों पर भाजपा व सपा के बीच ही सीधा घमासान है, पार्टी जिलाध्यक्षों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
जिले की चर्चित सीटों में से एक कप्तानगंज क्षेत्र पंचायत में गोसेवा आयोग के उपाध्यक्ष अतुल सिंह के पुत्र विशाल सिंह का एकल नामांकन हुआ है। इसी प्रकार मोतीचक में अभी हाल ही कोरोना के कारण दिवंगत हुए भाजपा पिछड़ा प्रकोष्ठ के नेता प्रदीप सिंह की पत्नी अर्चना सिंह, तमकुहीराज से निवर्तमान प्रमुख भाजपा नेता वशिष्ठ राय गुड्डू की पत्नी अनुराधा राय, सेवरही से भाजपा के वरिष्ठ नेता अजय तिवारी के छोटे भाई की पत्नी अनु तिवारी, हाटा से भाजपा के वरिष्ठ नेता व शिक्षक सुधीर राव की पत्नी आरजू राव, फाजिलनगर से व्यवसायी राजेश जायसवाल की पत्नी उर्मिला जायसवाल और मोतीचक से भाजपा की ही रंजना पासवान का ही एकल नामांकन हुआ है।
सपा जिलाध्यक्ष ने दी प्रतिक्रिया
समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष डाॅ मनोज कुमार यादव ने क्षेत्र पंचायत प्रमुख चुनाव पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि कसया, पडरौना, रामकोला, विशुनपुरा और खड्डा क्षेत्र पंचायत में सपा काफी मजबूती से लड़ रही है। इन सभी जगहों पर सपा के उम्मीदवारों का चुनाव जीतना तय है। यादव ने बताया कि सत्ता के दबाव में तमकुहीराज में पार्टी की महिला प्रत्याशी के साथ अभद्रता की गई तथा पार्टी नेताओं से मारपीट की घटना सामने आई है। मारपीट की घटना की हम निंदा करते है और जिला प्रशासन से घटना की निष्पक्षता के साथ जांच की मांग करते हैं।
भाजपा जिलाध्यक्ष का बयान
भाजपा जिलाध्यक्ष प्रेम चन्द्र मिश्र ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आज भाजपा के कुशल रणनीति के कारण सात सीटों पर जहां हम निर्विरोध हुए हैं वहीं अन्य सीटों पर भी प्रतिस्पर्धा में आगे हैं। चुनाव में समाजवादी पार्टी को कई जगहों पर प्रत्याशी खोजने से भी नहीं मिले जबकि बसपा तो मैदान ही छोड़कर भाग खड़ी हुई। उन्होंने कहा कि केंद्र और प्रदेश की लोकप्रिय सरकारों के कामकाज को लोगों ने सराहा है, गुंडई के आधार पर सरकार चलाने वाले लोगों को जनता नापसंद कर रही है।
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