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गाड़ियां गैराज में रख गोरखपुर यूनिवर्सिटी पैदल पहुंचे कुलपति से लेकर शिक्षक, जानें क्या है मामला
दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय गोरखपुर में मंगलवार को अजीब नजारा देखने मिला। जहां गाड़ियों का शोर रहता था, वहां माहौल इको फ्रैंडली था। कुलपति से लेकर प्रोफेसर तक पैदल क्लास रूम तक जाते दिखाई दिए।
गोरखपुर यूनिवर्सिटी पैदल पहुंचते शिक्षक।
गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय गोरखपुर में मंगलवार को अजीब नजारा देखने मिला। जहां गाड़ियों का शोर रहता था, वहां माहौल इको फ्रैंडली था। कुलपति से लेकर प्रोफेसर तक पैदल क्लास रूम तक जाते दिखाई दिए। कुलपति के निर्देश पर शुरू हुए 'नॉन मोटराइज्ड व्हीकल डे' की सफलता पर शिक्षकों ने एक-दूसरे को बधाई दी। वहीं सोशल मीडिया पर पैदल चलने की तस्वीरों को शिक्षकों ने अपलोड किया है।
पर्यावरण संरक्षण और शहर को जाम से निजात दिलाने के लिए 'नॉन मोटराइज्ड व्हीकल डे' योजना शुरू की गई है। इसके तहत महीने के आखिरी कार्यदिवस पर शिक्षक पैदल परिसर में आएंगे। पहले दिन एलएलबी की प्रवेश परीक्षा होने की वजह से बेहद चुनौतीपूर्ण रहा। कुछ लोगों को योजना के क्रियान्वयन में आशंका थी। प्रॉक्टोरियल बोर्ड, शिक्षकों, कर्मचारियों के प्रयास से किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं हुई है।
कुलपति प्रो राजेश सिंह ने कहा कि 'नॉन मोटराइज्ड व्हीकल डे' के माध्यम से समाज को सकारात्मक संदेश देने की अनूठी पहल की गई है। विश्वविद्यालय द्वारा जब भी 'ऑटोमोबाइल मुक्त परिसर दिवस' को मनाया जाएगा तो समाज भी पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक होगा। शहर को ट्रैफिक जाम से भी ये पहल निजात दिलाएगी। लोगों की मानसिक सोच में बदलाव आएगा। मंगलवार को आयोजित एलएलबी की प्रवेश परीक्षा में 2200 अभ्यर्थी शामिल हुए हैं। किसी प्रकार की कोई समस्या उत्पन्न नहीं हुई है। अंग्रेजी विभाग के प्रोफेसर अजय शुक्ला ने कहा कि अच्छी पहल का स्वागत है। पैदल जाने से ईंधन की बचत तो होगी ही, सेहत भी बनेगी।
शिक्षकों ने सभी प्रवेश द्वार खोलने की मांग की
अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रोफेसर अजय सिंह ने कहा कि पूर्व में कुलपति के मार्गदर्शन में आयोजित बैठक में ये फैसला लिया गया है। आज आखिरी कार्यदिवस पर इसे लागू भी कर दिया गया है। ये फैसला पर्यावरण प्रदूषण, जाम के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। वाणिज्य विभाग के डीन प्रोफेसर एके तिवारी ने कहा कि हमारे व्यवहार से ही पर्यावरण प्रदूषण होता है। इसके निदान का प्रयास भी मानव मात्र को ही करना होगा।
डीन साईंस प्रो. शांतनु रस्तोगी ने कहा कि व्यवहारिक दिक्कतों को भी दूर करने की जरूरत है। विश्वविद्यालय के सभी प्रवेश द्वार को नॉन मोटराइज्ड व्हीकल डे के दिन खोला जाए। डीन आर्ट्स प्रो. नंदिता आईपी सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय के प्रयास से ट्रैफिक जाम से भी जनता को मुक्ति मिलेगी। ईंधन की बचत होगी। सभी प्रवेश द्वारों को खोला जाए, ताकि शिक्षकों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों को किसी प्रकार की समस्या का सामना ना करना पड़े। डीन एजुकेशन प्रो. शोभा गौड़ ने कहा कि सभी के सहयोग से नई व्यवस्था पहले दिन सफलता पूर्वक संचालित हुई है।
पुलिस प्रशासन ने भी सराहना की
योजना पर प्रभावी रणनीति तैयार करने के नजरिए से मंगलवार को पुलिस प्रशासन के साथ विश्वविद्यालय प्रशासन की बैठक का आयोजन प्रशासनिक भवन के कमेटी हॉल में किया गया। इसमें मौजूद एएसपी राहुल भाटी ने कहा कि ये सिलसिला आगे भी जारी रहना चाहिए। पार्किंग, जाम, कानून व्यवस्था को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन की वार्ता पुलिस प्रशासन से होनी चाहिए। पुलिस प्रशासन की ओर से व्यवस्था को बनाए रखने में हर संभव मदद की जाएगी। ताकि विश्वविद्यालय प्रशासन इसे एक दिन से बढ़ाकर दो से चार दिनों तक करने पर विचार करे।
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