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Raebareli Liquor Case: पहाड़पुर ठेका संचालक को भेजा गया जेल, प्रधान केतन सिंह भी गिरफ्तार
Raebareli Liquor Case: रायबरेली के चर्चित शराब कांड में पुलिस प्रशासन तेजी से कार्रवाई कर रही है। अब इस मामले में पुलिस ने प्रधान केतन सिंह को गिरफ्तार करते हुए पहाड़पुर ठेका संचालक को भी जेल भेज दिया है।
प्रतीकात्मक तस्वीर
रायबरेली। बीते दिनों हुए चर्चित शराब काण्ड में हुई मौतों के मामले में जहां कोतवाली पुलिस ने पहाड़पुर दुकान के सेल्स मैन को शनिवार, अनुज्ञापी को रविवार को जेल भेजा तो वहीं सोमवार को संचालक पूरे पोतराम सिंह निवासी धीरेन्द्र सिंह को भी जेल भेज दिया है। मामले के मुख्य सूत्रधार पिण्डारीखुर्द प्रधान कुंवर प्रवीण सिंह उर्फ केतन सिंह को एसओजी व कोतवाली पुलिस की संयुक्त टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस अधीक्षक श्लोक कुमार के नेतृत्व में पुलिस दबिश पर दबिश दे घटना में संलिप्त अन्य की लगातार तलाश कर रही हैं। इस पूरे काण्ड के बड़े गुनहगारों का बेनकाब होना जरूरी है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।
बताते चलें कि पहाड़पुर गांव में जहरीली शराब पीने से हुई दर्जन भर मौतों के बाद पुलिस की गिरफ्त में आये सरकारी शराब की दुकान के संचालक धीरेन्द्र सिंह व सेल्समैन रामप्रताप द्वारा पुलिस को दी गयी जानकारी के आधार पर पिण्डारीखुर्द के प्रधान व देशी शराब की दुकान रसेहता के संचालक केतन सिंह को एसओजी व पुलिस की संयुक्त टीम ने दबोच लिया है। वहीं अब मामले की तह तक जाने के लिए पुलिस अधीक्षक श्लोक कुमार ने स्वयं कमान सम्भालते हुए केतन सिंह से गहन पूछताछ कर रहे हैं।
यही नहीं केतन की निसान देही पर संदिग्धों को पकड़ उनसे भी कड़ी पूछताछ कर कप्तान जल्द से जल्द जहरीली शराब गैंग के मुख्य सरगना को दबोचने की फिराक में हैं। जिसके लिए पिछले तीन दिनों से लगातार कप्तान के साथ एडीशनल एसपी सहित एसओजी व कोतवाली पुलिस क्षेत्र में दबिश पर दबिश डाल रहे हैं। सूत्रों की माने तो मिलावटी जहरीली शराब काण्ड के तार जनपद ही नहीं गैरजनपदों से जुड़े हो सकते हैं यही नहीं इसमें कुछ सफेदपोशों के भी जद में आने की सम्भावना है।
लाइसेंस किसी और के नाम, संचालन कर रहा कोई और
चर्चित जहरीली शराब काण्ड में पहाड़पुर की सरकारी शराब की दुकान का लायसेंस धीरेन्द्र सिंह निवासी पूरे बिन्दासिंह मजरे रसेहता के नाम था। लेकिन संचालन धीरेन्द्र सिंह निवासी पूरे पोतराम सिंह के द्वारा किया जा रहा था। वहीं रसेहता की दुकान का लायसेंस अरशद खां निवासी थुलवासा के नाम पर था, लेकिन उसका भी संचालन पिण्डारीखुर्द प्रधान केतन सिंह द्वारा किया जा रहा था।
आबकारी विभाग की नाक के नीचे ही हो रहे खेल में कार्यवाही करने की बजाय मूकदर्शक की भूमिका निभाना कुछ और ही कहानी बयां कर रही है। यही नही प्रशासन की कार्रवाई के बाद भी क्षेत्र की ऐसी दर्जनों दुकाने अभी और भी हैं जिनका अनुज्ञापी कोई और संचालन कोई और कर रहा है। यहां तक कि दुकानों का लाइसेंस भी विभाग द्वारा जिस स्थान के नाम पर दिया गया उनका संचालन भी कहीं दूसरी जगह ही हो रहा है।
आबकारी विभाग द्वारा मौतों के तांडव के बाद भी इस तरह की दुकानों पर कार्यवाही न करना विभाग पर प्रश्न चिन्ह लगा रहा है। वहीं विंडीज़ ब्रांड की शराब को विभाग द्वारा प्रतिबंधित करने के बाद राजस्व, आबकारी व पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा दुकानों की चेकिंग की गई, लेकिन इस पहलू पर टीम ने गौर करना भी उचित नहीं समझा और खाली विंडीज़ ब्रांड की शराब खंगालती रही। विभाग द्वारा ऐसी दुकानों को चिन्हित कर कार्यवाही करनी चाहिए। जिससे लोगों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे इन मौत के सौदागरों से लोगों को बचाने के साथ ही करे कोई और भुगते कोई और जैसी घटनाओं से बचा जा सके।
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