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Raebareli News: रायबरेली में सीडीओ का जल क्रांति प्लान, कागजों से धरातल पर उतरेंगे 500 तालाब, बुझेगी सदियों की प्यास
Raebareli News: अधिकारी (सीडीओ) अर्पित उपाध्याय ने रायबरेली जिले में जल संरक्षण को लेकर एक महत्वाकांक्षी और नवोन्मेषी पहल की है।
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Raebareli News: मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) अर्पित उपाध्याय ने रायबरेली जिले में जल संरक्षण को लेकर एक महत्वाकांक्षी और नवोन्मेषी पहल की है। उनके इस दूरदर्शी योजना के मूर्त रूप लेने के साथ ही जिले को आने वाले सैकड़ों वर्षों तक भूगर्भीय जल की समस्या से निजात मिलने की उम्मीद है। इस नवाचार में न केवल जल संरक्षण का लक्ष्य निहित है, बल्कि रोजगार सृजन और सरकारी भूमि का संरक्षण भी शामिल है।
सीडीओ अर्पित उपाध्याय ने जिले भर के लगभग तीन हजार पुराने दस्तावेजों का गहन अध्ययन किया। इस विस्तृत पड़ताल के बाद उन्होंने पांच सौ ऐसे तालाबों की पहचान की, जो सरकारी कागजों में तो दर्ज हैं, लेकिन वर्तमान में उनका भौतिक अस्तित्व समाप्त हो चुका है।
अपनी इस खोज के बाद, सीडीओ ने इन चिन्हित पांच सौ तालाबों को पुनर्जीवित करने की योजना बनाई है। पहले चरण में, मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) के तहत वर्तमान वित्तीय वर्ष में दो सौ तालाबों का विकास कार्य शुरू किया जाएगा। शेष तीन सौ तालाबों को अगले वित्तीय वर्ष में विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है।
इस महत्वाकांक्षी परियोजना का मुख्य उद्देश्य वाटर रिचार्जिंग को बढ़ावा देना है, ताकि भूगर्भीय जल स्तर में सुधार हो सके। इसके साथ ही, सीडीओ अर्पित उपाध्याय ने इस पहल को रोजगार से जोड़ने की भी एक अभिनव योजना तैयार की है। उनके अनुसार, विकसित किए गए इन तालाबों को मत्स्य पालन के लिए पट्टे पर दिया जाएगा, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
सीडीओ अर्पित उपाध्याय का यह भी मानना है कि इस योजना के क्रियान्वयन से सरकारी जमीनों का अतिक्रमण भी रोका जा सकेगा, क्योंकि तालाबों के विकास के बाद इन जमीनों पर अवैध कब्जे की संभावना कम हो जाएगी। मनरेगा के माध्यम से संचालित हो रहे इस कार्य के जल्द ही पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही है।
अमृत सरोवरों की तर्ज पर, यदि जिले में प्रतिवर्ष दो-दो सौ तालाबों को पुनर्जीवित करने का यह क्रम जारी रहता है, तो आने वाले चार से पांच वर्षों में रायबरेली जिले के सभी तालाब पानी से लबालब नजर आएंगे, जिससे जल संकट की समस्या काफी हद तक समाप्त हो जाएगी। सीडीओ अर्पित उपाध्याय का यह नवाचार निश्चित रूप से जिले के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा।