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बड़ी खबर! डिस्चार्ज के नाम पर फैलाया जा रहा झूठ, सच्चाई जान उड़ जाएंगे होश
निजी व सरकारी अस्पतालों से संक्रमण से ठीक होकर डिस्चार्ज होने वालों का आंकड़ा महज 100 रहा।
कोरोना रिकवरी केस (कॉन्सेप्ट फोटो- सोशल मीडिया)
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी से कोरोना महामारी को लेकर बहुत बड़ी खबर सामने आ रही है। लखनऊ में कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों के डिस्चार्ज को लेकर झूठ फैलाया जा रहा है। जी हां, स्वास्थ्य विभाग डिस्चार्ज के नाम पर गोलमाल कर रहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कल यानी बीते शुक्रवार को अस्पताल से कुल 200 मरीज डिस्चार्ज हुए थे और बताया जा रहा है कि अस्पताल से 6 हजार मरीज डिस्चार्ज हो रहे है। हैरत की बात तो है कि ये मामला राजधानी के केजीएमयू (KGMU), लोहिया संस्थान , पीजीआई (PGI) जैसे बड़े चिकित्सा संस्थान से ये काम कर रहे हैं।
लखनऊ में वाहवाही लूटने में जुटे अफसर शासन को भी गुमराह कर रहे हैं। अभी तक से संक्रमित मरीजों के साथ खिलवाड़ करने वाले अफसर फर्जीवाड़े के जरिए ना केवल शासन को बल्कि आम जन मानस को भी गुमराह कर रहे हैं। आपको बता दें कि केजीएमयू (KGMU), लोहिया संस्थान , पीजीआई (PGI) जैसे बड़े चिकित्सा संस्थान होम आईसोलेशन में ठीक होने वाले मरीजों को जोड़कर आंकड़ा बता रहा है।
स्वास्थ विभाग का दावा
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, डिस्चार्ज होने वाले मरीजों का आंकडा 50 पार हो सका था। वहीं अन्य निजी व सरकारी अस्पतालों से संक्रमण से ठीक होकर डिस्चार्ज होने वालों का आंकड़ा महज 100 रहा। पर दावा किया जा रहा है कि 6 हजार मरीज डिस्चार्ज हुए हैं। रिपोर्ट ये भी बताती है कि स्वास्थ्य विभाग 98 प्रतिशत होम आईसोलेशन में ठीक होने वालों का भी आंकड़ा डिस्चार्ज की सूची में मर्ज किया गया है। कल डिस्चार्ज हुए रोगियों की तादाद निम्न है...
अस्पताल डिस्चार्ज
बलरामपुर 6
लोहिया अस्पताल 12
चंदन 00
चरक 4
केजीएमयू 25
इंटीगेल कॉलेज 22
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