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तो प्रदेश के लाखों बच्चों के लिए रामबाण है रोटावायरस वैक्सीन, ये है वजह
लखनऊ: सूबे की महिला एवं बाल कल्याण, परिवार कल्याण और पर्यटन मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने मंगलवार को बच्चों को रोटावायरस से होने वाली जानलेवा दस्त से बचाव हेतु पिलाई जाने वाली वैक्सीन का शुभारंभ किया। गौरतलब है कि रोटावायरस दस्त के कारण गंभीर अवस्था में बच्चों को अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है। कई बार ये स्थिति जानलेवा साबित हो जाती है। इसलिए राज्य के नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में एक नई वैक्सीन शामिल की जा रही है। जो रोटावायरस के कारण गंभीर रूप से बीमार बच्चों को सुरक्षा देगा। इस वैक्सीन के इस्तेमाल से सूबे के 57 लाख बच्चों के जीवन को सुरक्षित बनाया जा सकेगा।
वैक्सीन लागू करने वाला 11 वां राज्य बना यूपी
राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ ए पी चतुर्वेदी ने बताया कि प्रत्येक नवजात को जन्म के छठें, दसवें और चौदहवें सप्ताह में रोटावायरस वैक्सीन की पांच बूंदे पेंटा 1,2 और 3 वैक्सीन के साथ पिलाई जानी है। अब यूपी ऐसा ग्यारहवां राज्य हो जाएगा, जो इस वैक्सीन केा बच्चों को रोटा वायरस से पूर्ण प्रतिरक्षित करेगा।
डेवलपमेंट इंडीकेटर पर पड़ेगा सकारात्मक प्रभाव
चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के प्रमुख सचिव प्रशांत त्रिवेदी ने कहा कि इस वैक्सीन से होने वाली मौतों में कमी आएगी। इसके साथ ही कुपोषण दर और डेवलपमेंट इंडीकेटर पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
यह वैक्सीन सबसे पहले भारत में नियमित प्रतिरक्षण कार्यक्रम के तहत 2016 में ओडिशा में शुरू की गई थी, जिसके बाद इसे हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, असम, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, त्रिपुरा और झारखंड में दिया जाना शुरू किया जाएगा।
यूनीसेफ के अमित मेहरोत्रा ने बताया कि वैश्विक स्तर पर रोटावायरस बीमारी से निजात पाने के लिए ऐसा माना जाता है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सभी देशों के राष्ट्रीय प्रतिरक्षण कार्यक्रम में इस वैक्सीन को शामिल करने की सिफारिश की गई है। 95 देशों में रोटावायरस वैक्सीन की शुरूआत हो गई है। जिन देशों में रोटावायरस वैक्सीन प्रारंभ हो गई है। वहां रोटावायरस के कारण अस्पताल में एडमिट बच्चों की दर में कमी दर्ज की गई है।
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