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रोटोमैक फर्जीवाड़ा : विक्रम और राहुल कोठारी के खिलाफ चार्जशाीट का कोर्ट ने लिया संज्ञान
लखनऊ : सीबीआई के स्पेशल जज एमपी चौधरी ने बैंकों को हजारों करोड़ का चूना लगाने के मामले में रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड व इसके चेयरमैन विक्रम कोठारी तथा उनके बेटे राहुल कोठारी के साथ ही दो अन्य अभियुक्तों के खिलाफ दाखिल आरोप पत्र पर गुरूवार को संज्ञान ले लिया। अदालत ने अभियोजन स्वीकृति के अभाव में शशि कुमार विश्वास के खिलाफ आरोप पत्र पर संज्ञान नहीं लिया है। 44 पन्ने के आरोप पत्र में 37 गवाह जबकि 115 दस्तावेजी साक्ष्य शामिल हैं। हालाकि सीबीआई की विवेचना अभी प्रचलित है। केार्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 21 जून की तारीख तय की है।
सीबीआई ने बीते 21 मई को इन तीनों अभियुक्तों के अलावा बैंक ऑफ बड़ौदा के स्केल-2 आफीसर क्रेडिट आफीसर शशि कुमार विश्वास, सेवानिवृत सहायक महाप्रबंधक श्रीकांत उपाध्याय उर्फ एसके उपाध्याय तथा फोरेक्स के सेवानिवृत वरिष्ठ प्रबंधक ओम प्रकाश कपूर उर्फ ओपी कपूर के खिलाफ आईपीसी की धारा 120 बी सपठित धारा 420, 467, 468, 471 तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में आरोप पत्र दाखिल किया था।
यह है मामला
18 फरवरी, 2018 को इस मामले की शिकायत बैंक ऑफ बड़ौदा, कानपुर के रीजनल मैनेजर बृजेश कुमार सिंह ने मेसर्स रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के साथ ही इसके चेयरमैन विक्रम कोठारी, उनकी पत्नी साधना कोठारी व बेटे राहुल कोठारी तथा बैंक के अज्ञात अफसरों के खिलाफ सीबीआई में दर्ज कराई थी। जिसके मुताबिक मेसर्स रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने आपराधिक षडयंत्र व धोखाधड़ी के जरिए बैंक ऑफ इंडिया, ओरियन्टल बैंक ऑफ कामर्स, बैंक ऑफ बड़ौदा, इलाहाबाद बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया व इंडियन ओवरसीज बैंक को करोडों का चूना लगाया है।
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शिकायत में कहा गया था कि इन सात बैंको ने अभियुक्तों की कंपनी को नॉन फॅड बेस्ड और फंड बेस्ड 2129 करोड की लिमिट मंजूर की थी। जिसके एवज में कंपनी पर 2919.39 करोड का बकाया है। बैंक ऑफ बड़ौदा ने 435 करोड़ की क्रेडिट की सुविधा कंपनी को दी थी। जिस पर 456.63 करोड की देनदारी कंपनी पर बनती है। चूकि यह फ्राड बड़ी रकम का है। इसलिए हमें आशंका है कि कंपनी के डायरेक्टर कानूनी प्रक्रिया से बचने के लिए देश छोड़ कर भाग सकते है। जबकि इसमें जनता का पैसा दांव पर लगा है। यदि ये विदेश भाग गए तो कई कानूनी पेचीदगियां सामने आएगी। इसलिए इन्हें भागने से रोकने के लिए हम यह रिक्वेस्ट करते हैं कि इनका पासपोर्ट रद्द अथवा जब्त किया जाए।
सीबीआई ने उसी रोज एफआईआर दर्ज कर इस मामले की विवेचना शुरु की थी। 23 फरवरी को सीबीआई ने इस मामले में विक्रम कोठारी व राहुल कोठारी को इस मामले में गिरफ्तार किया था। यह दोनों अभियुक्त न्यायिक हिरासत में निरुद्ध हैं।
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