राम मंदिर: अमेठी में सियासत हुई तेज, मोदी-योगी के विरुद्ध साधु-संतों ने किया सद्‌बुद्धि महायज्ञ

Anoop Ojha
Published on: 3 Oct 2018 10:25 AM IST
राम मंदिर: अमेठी में सियासत हुई तेज, मोदी-योगी के विरुद्ध साधु-संतों ने किया सद्‌बुद्धि महायज्ञ
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अमेठी: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र अमेठी से ही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विरुद्ध बगावत का बिगुल बज गया है। मंदिर मुद्दे पर दोनों जगह सरकार बनानें के बाद अब तक मंदिर निर्माण नहीं होने पर संतो ने सरकार के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है।

सगरा आश्रम पर पीठाधीश्वर मौनी महाराज के अनुयायियों किया सद्‌बुद्धि महायज्ञ

भाजपा सरकार के देश के कई राज्यों में आने के बाद पार्टी के अहम मुद्दे श्रीराम मंदिर निर्माण को भूल जाने से लोगों में काफी आक्रोश है। अमेठी के संतों ने सद्‌बुद्धि महायज्ञ कर भाजपा सरकार पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। नाराज साधु-संन्यासी भाजपा के नेताओं को घेरने के लिए प्रयासरत हैं। यहां सगरा आश्रम पर पीठाधीश्वर मौनी महाराज के अनुयायियों सहित अन्य साधुओं ने महायज्ञ कर ईश्वर से सरकार को सद्‌बुद्धि प्रदान करने का वरदान मांगा। उनका कहना है कि भाजपा सरकार को सबसे पहले राम मंदिर का मुद्दा दिखाई पड़े। भाजपा सरकार में बढ़ रहे अपराधों और गरीबों पर अत्याचार के लिए भी संतों ने पूजा की।

राम मंदिर: अमेठी में सियासत हुई तेज, मोदी-योगी के विरुद्ध साधु-संतों ने किया सद्‌बुद्धि महायज्ञ

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सत्ता में आने के बाद ये लोग भगवान राम को ही भूल गए:मौनी महाराज

मौनी महाराज ने कहा कि राम मंदिर मुद्दा उठा कर सत्ता में आने के बाद ये लोग भगवान राम को ही भूल गए। केंद्र और राज्य सरकार की गिरते कानून व्यवस्था पर भी कई सवालिया निशान खड़े किए। संतों ने कहा कि राम मंदिर पार्टी के एजेंडे में पहले से ही था। अब वोट की राजनीति हो रही है, जो भाजपा में योगी जी और मोदी जी कर रहे हैं, मोदी और योगी को सद्‌बुद्धि हो। रामलला, गौहत्या, गंगा निर्मल, सुचारू कानून व्यवस्था का संकल्प लिया गया था, वो सब कहां है? पांच साल बीतने वाले हैं, लेकिन धरातल पर कोई काम नहीं देख रहा है। बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले को निरस्त कर दिया जा रहा है, आने वाला समय दुखद होने वाला है।

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1989 में धारण किया था मौन

आपको बता दें कि हाल ही में 21 अगस्त को मौनी महाराज ने अयोधया में श्री राम मंदिर के निर्माण कराए जानें को लेकर 72 घंटों के लिए भू समाधि लिया था। पिछले 52 बार समाधि लेने के बाद ये उनकी 53 वीं समाधि थी। अमेठी स्थित साधना आश्रम में रहने वाले 50 वर्षीय शिव योगी स्वामी ने ग्यारह वर्ष की उम्र में वैराग्य धारण कर लिया था। मन में भगवान शिव का दर्शन करने और राष्ट्र कल्याण की भावना को लेकर उन्होंने वर्ष 1989 में मौन धारण किया। मौन रहकर भगवान का पूजन-अर्चन करने का सिलसिला वर्ष 2002 तक लगातार चलता रहा। महाबीर पुल के पास स्थित शिविर में शिव योगी वर्ष 1984 से कल्पवास करने को जातेे हैं लेकिन मौन रहने की वजह से एक साल के अंतराल पर पूरे क्षेत्र में उन्हें मौनी बाबा के नाम से जाना जाता है।

स्वामी ने समाधि लेने की शुरुआत नेपाल के पशुपति नाथ मंदिर से की थी। उन्होंने बताया कि राष्ट्र के कल्याण की भावना के उद्देश्य को लेकर अब तक 52 बार भू और जल समाधि ले चुके हैं। पहली बार समाधि लेने के लिए नेपाल के पशुपति नाथ मंदिर में गए। वहां 41 दिनों तक लगातार भू समाधि ली थी। इससे खुश होकर नेपाल के महाराज वीरेन्द्र विक्रम शाह ने 11 हजार रुद्राक्ष और चांदी का मुकुट भेंट किया था।

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