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सहारनपुर: किसानों को रुला रहा जरबेरा फूल, खेती करना पड़ा महंगा, नहीं हो रही बिक्री
जरबेरा फूल की सुगंध भी किसानों की जिंदगी में महक नहीं ला पा रही है। मुनाफे की उम्मीद से जरबेरा फूल की खेती करने वाले किसान लॉक डाउन की वजह से घाटे का सामना कर रहे हैं।
सहारनपुर : जरबेरा फूल की सुगंध भी किसानों की जिंदगी में महक नहीं ला पा रही है। मुनाफे की उम्मीद से जरबेरा फूल की खेती करने वाले किसान लॉक डाउन की वजह से घाटे का सामना कर रहे हैं। अब अनलॉक में भी स्थिति में सुधार नहीं हो पा रहा है।
सरकार से लिया था 40 लाख रुपये का लोन
ब्लॉक नकुड के गांव फतेहपुर जट्ट में जरबेरा फूल की खेती करने वाले किसान अशोक कुमार का कहना है कि लॉकडाउन ने उनका सारा खेल बिगाड़ दिया है। उन्हें मुनाफे की उम्मीद से खेती की शुरुआत की थी लेकिन मुनाफा होने की बजाय उन्हें बहुत बड़ा घाटा हो चुका है। किसान अशोक कुमार का कहना है कि इस खेती की शुरुआत के लिए उन्होंने सरकार से 40 लाख रुपये का लोन लिया था। उन्हें उम्मीद थी कि इस खेती से वह इस लोन को आसानी से पूरा कर देंगे और मुनाफा भी कमाएंगे लेकिन लॉकडाउन के कारण बंद हुए होटल और फीका शादियों का सीजन उनके लिए घाटे का सौदा साबित हो रहा है।
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नहीं चूका पा रहे बैंक की किस्त
उन्होंने कहा कि अब अनलॉक में भी स्थिति में किसी प्रकार का कोई सुधार नहीं हो रहा है। लॉकडाउन से पहले जहां यह फूल 10 से 12 रुपये प्रदीप पीस बिक रहा था अब यह फूल 70 से 80 पैसे बिक रहा है। किसान का कहना है कि वह सही तरीके से बैंक की किस्त भी नहीं जमा कर पा रहे हैं। किसान नेट सरकार से इस खेती को करने वाले किसानों की मदद की गुहार लगाई है।
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मजदूरों के हाल और ख़राब
वहीं किसान के साथ काम करने वाले मजदूर भी परेशान हैं। मजदूरों का कहना है कि जब उनका अन्नदाता किसान ही परेशान है उसे मुनाफा नहीं हो रहा है तो फिर वह किस तरह से हमारी मजदूरी के पैसे हमें देंगे।मजदूरों का कहना है कि किसान की हालत खराब होने से उनकी भी हालत खराब हो गई है।
रिपोर्ट- नीना जैन
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