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Sant Kabir Nagar: मंझरिया की सहायक अध्यापिका अनीता सिंह पहुंचीं नई ऊंचाइयों पर, अंग्रेजी माध्यम में बनीं ARP
Sant Kabir Nagar: मंझरिया की शिक्षिका अनीता सिंह बनीं अंग्रेजी माध्यम की ARP, शिक्षा के क्षेत्र में एक और बड़ी उपलब्धि।
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Sant Kabir Nagar News: संतकबीरनगर-उत्तर प्रदेश के संतकबीरनगर के प्राथमिक विद्यालय मंझरिया में सहायक अध्यापिका के पद पर कार्यरत अनीता सिंह ने अपनी अटूट मेहनत और अद्वितीय प्रतिभा के बल पर एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। बेसिक शिक्षा विभाग में अनिता सिंह खलीलाबाद ब्लॉक की पहली महिला एआरपी बनी है जनपद में कुल दो महिलाओं का एआरपी में चयन हुआ है एआरपी का चयन अप्लाई के बाद इंटरव्यू लेने के बाद किया गया है जनपद के हर ब्लॉक में 5 एआरपी का चयन हुआ है । वर्ष 2014 में शिक्षा के क्षेत्र में कदम रखने वाली अनीता सिंह ने बहुत कम समय में ही एक समर्पित और काबिल शिक्षिका के रूप में अपनी पहचान बनाई है।
अनीता सिंह की कर्तव्यनिष्ठा और रचनात्मक सोच का परिचय तब मिला जब पिछड़े क्षेत्र के विद्यालय को और हाईटेक बनाने के लिए उन्होंने अपने मित्रों और निजी संसाधनों की मदद से उसे एक आकर्षक ट्रेन के मॉडल में तब्दील कर दिया। उनका यह अभिनव प्रयास न केवल विद्यालय के बच्चों के लिए शिक्षा को रुचिकर बनाने में सहायक सिद्ध हुआ, बल्कि पूरे प्रदेश में इसकी सराहना हुई और यह एक प्रेरणादायक उदाहरण बन गया।
अब, अपनी इसी लगन और योग्यता के परिणामस्वरूप, अनीता सिंह का चयन अंग्रेजी माध्यम में एआरपी (Academic Resource Person) के प्रतिष्ठित पद पर हुआ है। इस खबर के सामने आते ही उनके सहकर्मियों, छात्रों और शुभचिंतकों में खुशी की लहर दौड़ गई और उन्हें हार्दिक बधाईयां दी जा रही हैं।
अनीता सिंह की शैक्षिक नवाचार की यात्रा यहीं नहीं थमती। कोरोना महामारी के चुनौतीपूर्ण समय में भी उन्होंने माध्यमिक शिक्षा को नई दिशा देने का कार्य किया। उन्होंने ऑनलाइन कक्षाओं की शुरुआत की, जो छात्रों के लिए एक वरदान साबित हुईं और उनकी शैक्षणिक निरंतरता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी यह पहल व्यापक रूप से सफल रही और अन्य शिक्षकों के लिए भी एक अनुकरणीय उदाहरण बनी।
शिक्षा के प्रति अपने समर्पण को दर्शाते हुए, अनीता सिंह ने ग्रामीण क्षेत्रों में मुफ्त पुस्तकालयों की स्थापना में भी सक्रिय योगदान दिया है। उनका मानना है कि शिक्षा हर बच्चे का अधिकार है और ज्ञान की रोशनी हर गांव तक पहुंचनी चाहिए। इस दिशा में उनके द्वारा किए गए प्रयास अत्यंत सराहनीय हैं और समाज में शिक्षा के महत्व को बढ़ावा देते हैं।
अनीता सिंह की यह सफलता न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि यह उन सभी शिक्षकों के लिए एक प्रेरणास्रोत है जो विपरीत परिस्थितियों में भी शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उनकी कहानी यह सिद्ध करती है कि सच्ची निष्ठा, रचनात्मकता और अथक प्रयास से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। मंझरिया और आसपास के क्षेत्र के लोग आज अनीता सिंह की इस नई उपलब्धि पर गर्व महसूस कर रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि वह एआरपी के रूप में भी शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करेंगी।