न गंगा माई के, न गोमाता के भाजपाई, सिर्फ छल कर सत्ता हासिल करने वाले जीव: अखिलेश

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि उन्हें 8 वर्षों का हिसाब जनता को देना होगा।

Shreedhar Agnihotri
Written By Shreedhar AgnihotriPublished By Dharmendra Singh
Published on: 30 May 2021 10:35 PM IST (Updated on: 30 May 2021 10:55 PM IST)
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एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (फोटो साभार-सोशल मीडिया)

लखनऊ: केंद्र की मोदी सरकार के सात साल पूरे होने पर आज पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि डबल इंजन की भाजपा सरकार में 4 वर्ष केंद्र के साथ और 4 वर्ष राज्य सरकार के जोड़कर इनमें उपलब्धियों के नाम पर नतीजा शून्य बटा शून्य ही रहा है। उन्होंने कहा कि न गंगा माई के, न गोमाता के भाजपाई। ये सिर्फ जनता को छल कर सत्ता हासिल करने के एक मात्र काम में लगे रहने वाले जीव हैं। गोशालाओं में गाएं मर रही हैं, आदि गंगा गोमती में नालों की गंदगी के साथ जलकुंभी छाई है, गंगा की निर्मलता प्रदुषित हो गई है।

उन्होंने कहा कि भाजपा ने अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य ढांचा, कानून व्यवस्था सबको बर्बाद कर रसातल में पहुंचा दिया है। विकास और शांति व्यवस्था के हर मोर्चे पर भाजपा ने अपनी विफलता के झंडे गाड़ रखे हैं। फिर भी भाजपाई गांव-शहर तक अपने झूठे सेवा कार्य की कहानियां बखानने जा रहे हैं
अखिलेश ने कहा कि उन्हें 8 वर्षों का हिसाब जनता को देना होगा। अस्पतालों में इलाज-दवा-आक्सीजन के अभाव में तड़प-तड़प कर और कफन-दफन के बिना मरे हुए लोगों की आत्माएं भाजपाई सरकार की कथित उपलब्धियों की सबसे बड़ी गवाह हैं। उन्होंने कहा कि बढ़ती मंहगाई और गिरती अर्थव्यवस्था ने भारतीयों के जीवन ढांचे को ही बदल कर रख दिया है। लोगों की आय घटी, एक करोड़ से अधिक की नौकरी चली गई। बीमारी, घरेलू खर्च चलाने के लिए लोग काफी कर्ज लेने को मजबूर हुए हैं। अर्थव्यवस्था के नकारात्मक संकेतो के अनुसार जीवनस्तर अभी और गिरावट संभावित है।
अखिलेश ने कहा कि कोरोना संकट से अभी भी न निपटने की नीति है, न नियत है। इस महामारी से निपटने में भाजपा सरकार की विफलता जगजाहिर है, लेकिन अपनी प्रशंसा के लिए प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में ऐलान कर दिया था कि 'हमने वैक्सीन के बिना कोविड को हरा दिया' मुख्यमंत्री जी भी झूठ की नाव में सवार अपनी उपलब्धियों का बखान करते रहे।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश में समाजवादी सरकार में जो व्यवस्थाएं की गई थीं, भाजपा सरकार ने उन्हें द्वेषवश बर्बाद कर दिया। स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली से हालात बिगड़ते गए। गांवो में शहरों से ज्यादा संक्रमण फैला। अस्पतालों में लापरवाही की हद हो गई जब भाजपा विधायक तक के परिवारीजनों की जानें चली गई और उनकी शिकायतों पर सुनवाई तक नहीं हुई।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में भाजपा सरकार द्वारा बेवजह की सख्ती के कारण कारोबारी और ट्रान्सपोर्टर्स परेशान हैं। बुनकरों का रोजगार ठप्प है। होटल, रेस्त्रां, लाज बंद होने से पर्यटन का धंधा बंद है। भाजपा सरकार में महिलाएं और बेटियां बेहाल रहीं। 69,000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले में 5,844 सीटों पर धांधली हुई। नोटबंदी, जीएसटी थोपकर समस्त व्यापारिक गतिविधियों को चौपट कर दिया गया।


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