लखनऊ में कर्बला शहीदों की याद में 72 ताबूतों की कराई ज़ियारत

कर्बला के शहीदों की याद में मंगलवार (31 अक्टूबर) को 72 ताबूतों की ज़ियारत कराई गई। लखनऊ के असिफी मस्जिद स्थित बड़े इमामबाड़े में बड़ी संख्या में ग़मज़दा अज़ादारों ने नम आंखों से कर्बला के शहीदों को याद किया। इससे पहले इमामबाड़े में मजलिस का आयोजन किया गया जिस में कर्बला में शहीद किए गए इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत बयान की गई।  

priyankajoshi
Published on: 31 Oct 2017 9:11 PM IST
लखनऊ में कर्बला शहीदों की याद में 72 ताबूतों की कराई ज़ियारत
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लखनऊ: कर्बला के शहीदों की याद में मंगलवार (31 अक्टूबर) को 72 ताबूतों की ज़ियारत कराई गई। लखनऊ के असिफी मस्जिद स्थित बड़े इमामबाड़े में बड़ी संख्या में ग़मज़दा अज़ादारों ने नम आंखों से कर्बला के शहीदों को याद किया। इससे पहले इमामबाड़े में मजलिस का आयोजन किया गया जिस में कर्बला में शहीद किए गए इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत बयान की गई।

कर्बला के शहीदों की याद में मनाया जाने वाले गमो के महीने मुहर्रम और सफर में अज़ादार इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत की याद में मजलिसों मातम में व्यस्त रहते हैं। लखनऊ में मंगलवार को आसिफी मस्जिद स्थित बड़े इमामबाड़े में 72 ताबूतों की ज़ियारत कराई गई।

इमामबाड़े से एक-एक कर शहीदों के जुलूस बरामद हो रहे थे जिस की ज़ियारत करने के लिए बड़ी संख्या में अज़ादार इमामबाड़े मौजूद थे। इस दौरान कैसर जौनपुरी एक एक शहीद का कर्बला की जंग में रोल बयान कर रहे थे। कर्बला में हुई जंग में एक तरफ जहां बुज़ुर्ग जवान सब शहीद किए गए वहीं एक ऐसा दर्दनाक मौका भी कर्बला में आया जब इमाम हुसैन अपने 6 माह के बच्चे अली असग़र को पानी पिलाने के लिए लेकर गए तो उस 6 माह के मासूम को पानी देने के बजाये उसे भी तीर मार कर शहीद कर दिया गया। इस दौरान लोग इमाम हुसैन व उन के साथियों पर हुए ज़ुल्म और सितम को याद कर आंसू बहा रहे थे।

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इन्होंने पत्रकारीय जीवन की शुरुआत नई दिल्ली में एनडीटीवी से की। इसके अलावा हिंदुस्तान लखनऊ में भी इटर्नशिप किया। वर्तमान में वेब पोर्टल न्यूज़ ट्रैक में दो साल से उप संपादक के पद पर कार्यरत है।

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