Shravasti News: विधायक, डीएम, एसपी ने आग प्रभावितों को दी सहायता, राप्ती नदी की कटान के मुहाने पर गिलौला का गांव नरैनापुर, ग्रामीणों को सता रहा है बाढ़ का डर

Shravasti News: शनिवार को भाजपा विधायक रामफेरन पांडेय के साथ डीएम अजय कुमार द्विवेदी व एसपी घनश्याम चौरसिया मौके पर गांव पहुंचे। उन्होंने पीड़ितों को आठ-आठ हजार रुपये की सरकारी सहायता प्रदान की।

Radheshyam Mishra
Published on: 17 May 2025 8:58 PM IST
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Shravasti News (Social Media) 

Shravasti News: जिले में इकौना तहसील अन्तर्गत इमलिया के ग्रामीणों पर दैवीय आपदा कहर बनकर टूट रही है। पहले राप्ती नदी ने कटान में आशियाना छीना तो अब आग की लपटों ने रहने का ठिकाना। ऐसे में प्रभावित परिवार अब विद्यालय के निकट तिरपाल तानकर गुजर बसर करने को विवश हैं। शनिवार को गांव पहुंचे श्रावस्ती विधायक राम फेरन पांडेय डीएम अजय कुमार द्विवेदी,एसपी घनश्याम चौरासिया ने सरकारी सहायता राशि एवं राहत सामग्री प्रदान की। बता दें इमलिया गांव तकरीबन 12 वर्ष पूर्व राप्ती नदी की कटान की भेंट चढ़ गया। ऐसे में विस्थापित हुए 40 परिवार मार्ग किनारे फूस का छप्पर व झोपड़ी बनाकर गुजर बसर कर रहे थे। बीती रात शुक्रवार दोपहर अज्ञात कारणों से आग लगने से 19 झोपड़ियां जल कर राख हो गईं थी। प्रभावित परिवार खुले आसमान के नीचे रहने को विवश हो गए। शनिवार को भाजपा विधायक रामफेरन पांडेय के साथ डीएम अजय कुमार द्विवेदी व एसपी घनश्याम चौरसिया मौके पर गांव पहुंचे। उन्होंने पीड़ितों को आठ-आठ हजार रुपये की सरकारी सहायता प्रदान की।

इस तरह पीड़ित परिवारों को 01 लाख 44 हजार की आर्थिक सहायता प्रदान की गई। इनमें से समयदीन पुत्र रामछबीले, बच्चाराम पुत्र समयदीन, छांगुर पुत्र समयदीन, रामधीरज पुत्र बहादुर, अनिल पुत्र रामधीरज, ननकऊ पुत्र ढूढन, देवता पुत्र ढूढन, छोटेलाल पुत्र ढूढन, जगदीश पुत्र बहादुर, गंगाराम पुत्र रामदुलारे, दुखहरन पुत्र राम उदित, रामसमुझ पुत्र महादेव प्रसाद, पिन्टू पुत्र रामसमुझ, सुनीता पत्नी प्रकाश, राजमन पुत्र ननकऊ, लालजी पुत्र ननकऊ, जयजयराम पुत्र देवता एवं प्रदीप कुमार पुत्र गंगाराम सम्मिलित रहे। जिलाधिकारी ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा सभी अग्निकांड पीड़ितों के रूकने हेतु गांव के सरकारी स्कूल में व्यवस्था करा दी गई है। जिसमें उनके भोजन-पानी, मेडिकल आदि की व्यवस्था भी की गई है। साथ ही सभी पीड़ितों को राशन किट भी मुहैया कराया गया है। इसके अलावा एक दिन पूर्व ही रेडक्रॉस की ओर से तिरपाल तथा स्वच्छता किट भी प्रदान की जा चुकी है। वही विधायक ने कहा कि प्रदेश सरकार जनता के हित में सदैव तत्पर है और किसी भी आपदा की स्थिति में पीड़ितों को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।

डीएम ने बताया कि राहत कार्यों को तेजी से पूरा किया जा रहा है तथा प्रभावित परिवारों की हर जरूरत का ध्यान रखा जा रहा है। साथ ही जिनका मकान आग में पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ है, उनका सर्वे कराकर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास मुहैया कराया जाएगा। जिससे उन्हें किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत न होने पाये।इस अवसर पर उप जिलाधिकारी इकौना ओम प्रकाश, उप जिलाधिकारी प्रवीण यादव, क्षेत्राधिकारी इकौना सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।

नदी की कटान के मुहाने पर गांव, इस बार क्या होगा

वही तहसील इकौना में विकास खंड गिलौला अन्तर्गत आने वाले नदी के कछार में स्थित गांव नरैनापुर नदी की कटान के मुहाने पर है। विगत वर्ष बाढ़ थमने के कारण गांव का वजूद बच गया था। इसके बावजूद कटान रोकने का अभी तक कोई ठोस इंतजाम नहीं हुआ। ऐसे में ग्रामीणों को संभावित बाढ़ का खतरा अभी से सताने लगा है।बता दें कि नरैनापुर गांव का वजूद मिटाने के लिए विगत वर्ष राप्ती नदी की उग्र लहरें खेतों व चकमार्गों को काटते हुए तेजी से गांव की ओर बढ़ रही थी। इस कारण गांव का मुख्य मार्ग व विद्यालय भी नदी के मुहाने पर आ गया था। गनीमत रही कि बाढ़ का खतरा टल गया था।इससे गांव, विद्यालय व सड़क बच गई थी। ग्रामीणों का कहना है कि इसकी कई बार अधिकारियों से शिकायत भी की गई। इसके बावजूद न तो गांव को कटान से बचाने के लिए कोई अभी तक इंतजाम किया गया और न ही कटाव रोधी कार्य ही कराया गया। ऐसे में ग्रामीणों को आगामी बरसात व संभावित बाढ़ का खतरा अभी से सताने लगा है। ग्रामीणों का कहना है कि राप्ती नदी कटान करते हुए एकदम गांव के किनारे आ गई है। यदि बरसात पूर्व इंतजाम न हुआ तो गांव व विद्यालय इस बार सिर्फ कागजों व नक्शे पर ही दिखाई देगा। ग्रामीण बाउर, मंगरे, गुड़ई, जग्गी,रामरत्ती ,विनोद, बुधराम, भगवानदीन, रमेश ,राम लौटन,सुखदेई आदि बताते हैं कि कई बार गांव के लोगों ने संबंधित अधिकारियों से मिलकर गांव को बचाने की गुहार लगाई, लेकिन अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया। यदि बांध निर्माण नहीं हुआ तो अबकी बार आने वाली बाढ़ में गांव का नामोनिशान मिटना निश्चित है।बाद में अधिकारी और प्रतिनिधि सिर्फ सांत्वना और औपचारिता ही पूरी करते देखे जाएंगे।

Ramkrishna Vajpei

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