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Shravasti News: रात और सुबह में हुई बारिश... फिर खिली चटख धूप; संक्रामक बीमारियों का बढ़ा खतरा
Shravasti News: तराई में मौसम निरंतर करवट ले रहा है। शुक्रवार दोपहर बाद बूंदाबांदी के बाद शनिवार अलल सुबह में बादल जमकर बरसे। शनिवार दोपहर मौसम साफ हो गया चटक धूप निकली।
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Shravasti News: यूपी के श्रावस्ती में तराई में मौसम का मिजाज शनिवार दूसरे दिन भी बिगड़ा रहा। शुक्रवार रात गरज-चमक के साथ रिमझिम बारिश हुई। वहीं सुबह मौसम अचानक बदल गया और तेज हवाओ के साथ बरसात हुई। इससे कुछ समय के लिए लोगों ने राहत महसूस किया, किन्तु दोपहर के बाद खिली चटक धूप ने लोगों को फिर से उमस भरी गर्मी का एहसास दिलाया।इस बीच फिर से लोग पेड़,पोखरा की तरह गर्मी से राहत पाने के लिए मुखातिब हुए। वहीं सुबह बरसात ने ग्राम पंचायतों की पोल खोल दी। नालियां गंदगी से भरी पड़ी दिखी जो साफ सफाई और स्वच्छ भारत मिशन को आइना दिखा रही थी।
बता दें कि तराई में मौसम निरंतर करवट ले रहा है। शुक्रवार दोपहर बाद बूंदाबांदी के बाद शनिवार अलल सुबह में बादल जमकर बरसे। शनिवार दोपहर मौसम साफ हो गया चटक धूप निकली। वर्षा के चलते जिले में जगह-जगह जलभराव और कीचड़ की स्थिति बन गई। सबसे अधिक समस्या गिलौला बाजार समेत ब्लाक के ग्रामीण क्षेत्रों में देखने को मिली। गिलौला बाजार के नेहरू स्मारक इंटर कालेज रास्तों पर जलभराव और कीचड़ से यहां के लोगों को काफी दिक्कतें उठानी पड़ रही है। वहीं जल भराव वाले इलाकों में एलर्जी और त्वचा रोगियों के भी मरीजों की अच्छी खासी संख्या दिखने लगी है।
सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए आने वाले इन्हीं मरीजों की भीड़ लग रही है। बारिश से भीषण गर्मी से तो लोगों को कुछ राहत मिल गई है लेकिन वातावरण में उमस बढ़ जाने से मौसमी बीमारियां तेजी से पांव पसार रही हैं। शनिवार को जिला अस्पताल में खांसी जुकाम, वायरल बुखार के मरीजों की सबसे ज्यादा संख्या रही है।
विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मौसम में दूषित जल, खराब स्वच्छता तथा घरों, स्कूलों और स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों में बुनियादी स्वच्छता की कमी के कारण बीमारियां फैलती है। बताया है कि जलवायु परिवर्तन जल-जनित संक्रमणों का एक प्रमुख कारण बन गया है। वैश्विक तापमान में वृद्धि से आजकल पानी का वाष्पीकरण होता है और इसके परिणामस्वरूप वायुमंडलीय नमी की मात्रा में वृद्धि होती है। ये परिवर्तन भारी वर्षा और बाढ़ का कारण बनते हैं, जो बदले में जल-जनित संक्रमणों के प्रकोप को बढ़ाते हैं।