Shravasti News: नवरात्रि से पहले देवी मंदिरों की सजावट शुरू

Shravasti News: गांव टंडवामहंत स्थित पौराणिक सिद्धपीठ सीताद्वार मंदिर में माता सीता के नव रूपों की पूरे नवरात्र तक विधिवत पूजा अर्चना होती है।

Radheshyam Mishra
Published on: 18 Sept 2025 10:47 AM IST (Updated on: 18 Sept 2025 10:53 AM IST)
Shravasti News: नवरात्रि से पहले देवी मंदिरों की सजावट शुरू
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आगामी शारदीय नवरात्रि को लेकर देवी मंदिरों की सजावट शुरू   (photo: social media )

Shravasti News: आगामी शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर 2025 से शुरू हो रहे हैं, और इस अवसर पर देवी मंदिरों में सजावट और तैयारियां शुरू हो गई हैं, जिसमें देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाएगी।

बता दें कि पूरे देश में नवरात्रि पर मां के नव रूपों की पूजा-अर्चना होती है। इसी की तैयारी चल रही है। मूर्तिकार मां दुर्गा की मूर्तियों को अंतिम आकार देने में जुटे हुए हैं। श्रावस्ती के इकौना थाना क्षेत्र अन्तर्गत गांव टंडवामहंत स्थित पौराणिक सिद्धपीठ सीताद्वार मंदिर में माता सीता के नव रूपों की पूरे नवरात्र तक विधिवत पूजा अर्चना होती है। इस दौरान यहां पर उतर प्रदेश और अन्य राज्यों के श्रद्धालु माता का दर्शन करने आते हैं।इसी तरह से भिनगा तहसील अन्तर्गत सिद्ध पीठ जगपति माता मंदिर, भिनगा के राजा परिवार की राजषी काली माता मंदिर और इकौना के ज्वाला देवी मंदिर समेत अन्य देवी मंदिरों में आगामी शारदीय नवरात्रि को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। मंदिर प्रांगण में सजावट और धार्मिक परंपराओं का कार्य शुरू हो चुका है। विशेष रूप से सीता माता मंदिर में देवी को आभूषणों को नई चमक देने के लिए कारीगरों द्वारा की जा रही है।

कैसी है तैयारी?

सीता द्वार मंदिर के महंत पंडित संतोष दास तिवारी बताते हैं कि यह सेवा वह पांच साल की उम्र से करते आ रहे हैं। इसके अलावा उनके बाप दादा भी तीन पीढ़ियों से पिछले सैकड़ों सालों से परंपरागत रूप से सेवा किया जाता आ रहा है। वृहस्पतिवार को आज द्वदश पर्व के अवसर पर सुबह 8:,00 बजे से मंदिर पहुंचे और देवी के लिए नये वस्त्र से मंदिर और बर्तनों की सफाई शुरू की। इस दौरान मंदिर संस्था के विश्वस्त और पुजारियों की मौजूदगी में देवी की आभूषणों व पूजा सामग्री को सभा भवन में लाकर सूचीबद्ध किया गया। इसके बाद कामगारों को सौंपा गया।

सभी आभूषणों और वस्त्रों व बर्तनों को पहले सोडा और एसिड मिश्रित गुनगुने पानी में डुबोया गया, फिर ब्रश से साफ किया गया।इसके बाद उन्हें स्वच्छ पानी से धोकर मुलायम कपड़े से पोंछा गया। सफाई के दौरान सभी तरह की शुद्धता की भी जांच की गई।इस सेवा में देवी की उत्सव मूर्ति, पादुका, गदा, तलवार, चौकी, नक्काशीदार थाल, दीपक, धूप पात्र, पालना, कलश, समई, झूमर, गले के दागिने और अन्य दर्जनों वस्त्रों व पूजा सामग्री को चमकाया गया।इस दौरान मंदिर प्रांगण में भक्तों की भीड़ उमड़ी रही है। लोग पूरी निष्ठा और आस्था के साथ सेवा में जुटे रहे। कोई फायर टेस्ट करता दिखा तो कोई आभूषणों व वस्त्रों को गुनगुने पानी में डुबो रहा था, वहीं कुछ लोग ब्रश से उन्हें चमका रहे थे।भक्तों का कहना है कि देवी का दरबार अब पहले से कहीं अधिक दिव्य और आलोकित दिखाई दे रहा है। शारदीय नवरात्र की भव्य शुरुआत से पहले देवी की आभा और मंदिर की रौनक भक्तों के आकर्षण का केंद्र बन चुकी है।

मालूम हो कि हिंदू धर्म में नवरात्रि का बहुत विशेष महत्व है. यह साल में दो बार आती है। चैत्र नवरात्र और शारदीय नवरात्रि।नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित होते हैं। यह समय भक्ति, साधना और शक्ति उपासना का होता है।नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा से नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है और जीवन में सकारात्मकता आती है। उल्लेखनीय है कि नवरात्रि का अर्थ है नौ रातें.. इन नौ रातों और दस दिनों तक शक्ति की आराधना की जाती है. नवरात्रि का संबंध सत्य की असत्य पर विजय और धर्म की अधर्म पर जीत से है। यह समय मंत्र-जाप, ध्यान और तपस्या के लिए अत्यंत शुभ होता है।

Monika

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पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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