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Siddharthnagar News: अज्ञात कारणों से पेंट की दुकान में लगी आग, कर्ज लेकर खोली थी दुकान
Siddharthnagar News: मकसूद सिद्दकी पुत्र अब्दुल माबूद औराताल चौराहे जीवकोपार्जन के लिए कर्ज लेकर पेंट की दुकान किये थे। मंगलवार की रात्रि करीब 9 बजे दुकान बंद कर घर चले गए। जिससे लाखों का नुकसान हो गया।
Siddharthnagar News(Pic:Newstrack)
Siddharthnagar News: डुमरियागंज थाना क्षेत्र के औराताल चौराहे पर बीती रात अज्ञात कारणों से पेंट की दुकान में आग लग गई। जिसमें उपकरण समेत करीब 11 लाख की क्षति होने की बात पीड़ित ने बताई। घटना की सूचना पर सुबह ही लेखपाल ने नुकसान का आंकलन कर रिपोर्ट तहसील प्रशासन को सौपने की तैयारी मे जुट गए। क्षेत्र कुसहटा निवासी मकसूद सिद्दकी पुत्र अब्दुल माबूद औराताल चौराहे जीवकोपार्जन के लिए कर्ज लेकर पेंट की दुकान किये थे। मंगलवार की रात्रि करीब 9 बजे दुकान बंद कर घर चले गए। करीब दस बजे दुकान के सामने रह रहे बृजेश व विशाल ने दुकान से धुंआ निकलता देख मकसूद को फोन कर सूचना दी।
अग्निशमन विभाग का नहीं लगा नंबर
चंद मिनटो में स्वजनों संग पहुंचे तो देखा धुंआ व पेंट की महक करीब 500 मीटर दूर से आ रही थीं। जब दुकान पर पहुंचे तो शटर इतना गर्म था किसी की हिम्मत नहीं हो रही थी खोलने की। किसी तरह खोला तो अंदर धुंआ व तीव्र गंध इतनी उठ रही थी सांस लेना दुभर हो गया। धुएँ के कारण दुकान में लगा अग्निश्मन यंत्र नहीं दिख रहा था। आग लगने की सूचना पर पहुंचे आस पास के दुकानदारों व ग्रामीणों से सहयोग करीब 1 घंटे की मशक्क्त के बाद आग पर काबू पाया सका। इस दौरान पीड़ित अग्निशमन विभाग को मदद के लिए फोन लगाना चाहा लेकिन नंबर नहीं लगा। आग जब शांत हुई तो दुकान के अंदर पहुंचते ही मकसूद के आँखों से आंसु निकलने लगे।
लाखों का हुआ नुकसान
मकसूद ने बताया की आग से दुकान लगा 2.50 लाख की लागत का कलर मिक्सिंग मशीन, लेपटाप, इन्वेटर व बैट्री, एक गाडी पुट्टी, स्टेनर, आयल पेंट सहित पेंट करीब 11 लाख रुपये की क्षति हुई है। पेंट में मिले रसायन के कारण गंध सुबह तक दुकान से उठ रही थी। वहीं कर्ज लेकर इस उम्मीद से दुकान खोली थी की बच्चों की पढ़ाई लिखाई व दवाई का इंतजाम अब आसानी से हो जाएगा। लेकिन अज्ञात् कारणों से लगी आग में सारे अरमान राख हो गए। घटना की सूचना पर क्षेत्रीय लेखपाल अम्बिकेश सिंह ने नुकसान का आंकलन कर नियमानुसार तहसील प्रशासन को रिपोर्ट सौंपने में जुट गए थे।
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