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Sonbhadra News: प्राथमिक विद्यालय हादसा, गेट गिरने से बच्चे की मौत, जांच टीम के सामने आईं ढेरों खामियां
Sonbhadra News: प्राथमिक विद्यालय में हादसे में मासूम की मौत मामले में जांच टीम को ढेरों खामियां मिली है।
सोनभद्र में प्राथमिक विद्यालय हादसा
Sonbhadra News: दुद्धी ब्लाक के पगडेवा गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय में हादसे में मासूम की मौत के पीछे प्रथमदृष्ट्या स्थानीय जिम्मेदारों की लापरवाही और ग्रामीणों के अनुरोध के बावजूद संजीदगी न दिखाए जाने का मामला सामने आया है। जिला मुख्यालय और ब्लाक से मौत का सच खंगालने सोमवार को पहुंची टीम को भी ग्रामीणों के कई तीखे सवालों का सामना करना पड़ा। फिलहाल मामले में उत्तरदायित्व तय करने और संबंधितों पर कार्रवाई के लिए, टीम की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। वहीं बीएसए हरिवंश कुमार की तरफ से यहां के प्रभारी प्रधानाध्यापक को निलंबित करने के साथ ही, बीईओ दुद्धी से विस्तृत जांच रिपोर्ट तलब कर ली गई है।
ग्रामीणों की मनाही के बावजूद उखाड़े गए थे प्लास्टर
सोमवार की दोपहर बाद जब टीम मौके पर जांच के लिए पहुंची तो पता चला कि प्रधान नदारद है। ब्लाक से जांच अधिकारी के रूप में गए एडीओ पंचायत समर बहादुर सिंह ने ग्रामीणों से घटना की जानकारी लेने के बाद प्रधान को तलब किया, तो बताया गया कि वह गांव से बाहर हैं। मौके पर चहारदिवारी, विद्यालय भवन और छत के उखड़े प्लास्टर को देखकर एकबारगी वह भी अवाक रह गए। ग्रामीणों का कहना था कि बगैर बजट आए, आनन-फानन में प्लास्टर उखाड़ने को लेकर किए कार्य को लेकर उनकी तरफ से एतराज भी जताया गया लेकिन न तो प्रधान ने इस पर ध्यान दिया, न ही प्रधानाध्यापक ने इस पर संजीदगी दिखाने की जरूरत समझी।
उधर, डीपीआरओ विशाल सिंह के निर्देश पर एडीपीआरओ राजेश सिंह और एडीपीआरओ टेक्निकल सुमन पटेल ने भी मौके पर पहुंचकर जांच की और ग्रामीणों का बयान दर्ज किया। बताते है कि मौके की स्थिति और ग्रामीणों से पूछताछ में सामने आई लापरवाही उन्हें भी नाराज करने वाली रही। मंगलवार को इसकी रिपोर्ट डीपीआरओ को सौंपी जाएगी।
जांच में जो भी पाए जाएंगे दोषी, की जाएगी कार्रवाई: डीपीआरओ
डीपीआरओ विशाल सिंह ने कहा कि मौके पर जांच के लिए टीम भेजी गई है। वहां मोबाइल नेटवर्क न होने से वस्तुस्थिति की जानकारी नहीं मिल पाई है। मंगलवार को जैसे ही इसकी रिपोर्ट मिलेगी, उसका अध्ययन कर कार्रवाई आगे बढ़ा दी जाएगी। वहीं एडीओ पंचायत समरबहादुर सिंह का कहना था कि इस मामले में किसी भी दोषी को बख्शा नही जाएगा। जो भी मौके पर स्थिति मिली है, उसकी रिपोर्ट अधिकारी को भेजी जाएगी। बताते हैं कि मौके पर शुरूआती पूछताछ में गांव के सेक्रेटरी ने बताया कि कायाकल्प के तहत सिर्फ स्कूल की छत और फर्श पर टाइल्स लगाने का काम लिया गया था।
जांच करने पहुंचे अधिकारियों को असहज किए रहे ग्रामीणों के चुभते सवाल
मौके पर जांच करने पहुंचे अधिकारियों को ग्रामीणों के कई चुभते सवालों का भी सामना करना पड़ा। ग्रामीणों ने सवाल उठाते हुए कहा कि गत मई माह में सिर्फ फर्श पर टाइल्स लगाने के लिए ही बजट धनराशि मिली थी। ऐसे में विद्यालय भवन के दिवार, चहारदिवारी और छत के प्लास्टर को ग्रामीणों की मनाही के बावजूद क्यूं उखाड़ा गया? जीर्ण-शीर्ण हालत में पड़ी छत की अब तक मरम्मत क्यूं नही कराई गई? अगर बजट की की व्यवस्था नही हो रही है, तो नौनिहालों को खतरनाक छत के नीचे पढ़ने के लिए विवश कर उनका जीवन क्यूं खतरे में डाला जा रहा है?
पिछले सप्ताह हादसे का जताया गया था अंदेशा
विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष हरेराम की तरफ से किए जा रहे दावों पर यकीन करें तो पिछले सप्ताह ही प्रधानपति और सेक्रेटरी से गांव के लोगों ने विद्यालय गेट की खतरनाक स्थिति को देखते हुए आशंका जताई थी और उसे अविलंब बनवाने या फिर उखाड़नेका अनुरोध भी किया था बावजूद ध्यान न देने का परिणाम हुआ कि उसी गेट के गिरने से जहां एक मासूम की जान चली गई। उधर, पुलिस की तरफ से भी घटना को लेकर सक्रियता बनी रही। हाथीनाला थानाध्यक्ष ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों से जरूरी जानकारी हासिल की और कार्रवाई का भरोसा दिया।
अंत तक मामले को दबाने की हुई कोशिश
ब्ताते हैं कि गत शुक्रवार की दोपहर में अवकाश के दौरान आधा दर्जन बच्चे जर्जर हाल में खडे गेट पर चढ़ कर खेल रहे थे। गेट का पिलर कमजोर होने के कारण बच्चों का दबाव नहीं सह पाया और गिर पड़ा। इससे छह बच्चे घायल हो गए। इसमें लोहे के गेट के नीचे दब जाने के कारण श्लोक पटेल (7) पुत्र सुरेंद्र पटेल गंभीर रूप से घायल हो गया। उपचार के लिए वाराणसी ले जाया गया, जहां शनिवार की रात उसकी मौत हो गई। आनन-फानन में बगैर पीएम कराए उसका अंतिम संस्कार भी करा दिया गया।
दिलचस्प मसला है कि शुक्रवार की दोपहर हुए हादसे को रविवार शाम तक दबाए रखा गया। मोबाइल नेटवर्क से अछूते, दुरूह क्षेत्र स्थित पकडेवा गांव में हुए हादसे की खबर किसी तरह दुद्धी तहसील मुख्यालय पर पहुंची। वहां से वायरल हुई जानकारी अधिकारियों के संज्ञान में आई तो हड़कंप मच गया।
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