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Sonbhadra News: प्रधानों को दिए जाएं प्रशासनिक अधिकार, पंचायत राज प्रधान संगठन ने किया धरना-प्रदर्शन
Sonbhadra News Today: राष्ट्रीय पंचायत राज ग्राम प्रधान संगठन 12 सूत्री मांगों को लेकर आवाज बुलंद की। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री और मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन भी जिला प्रशासन को सौंपा।
Sonbhadra News (Newstrack)
Sonbhadra News: राष्ट्रीय पंचायत राज ग्राम प्रधान संगठन ने मनरेगा योजना से कराए गए कार्य के सामग्री अंश का भुगतान छह माह बाद भी न होने, ग्राम पंचायतों का कार्यकाल पूर्ण हुए बगैर ही उन्हें नगर निकायों में शामिल करने, मोबाइल ऐप हाजिरी में आ रही दिक्कत आदि को लेकर बृहस्पतिवार को कलेक्ट्रेट में धरना-प्रदर्शन किया। 12 सूत्री मांगों को लेकर आवाज बुलंद की। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री और मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन भी जिला प्रशासन को सौंपा।
सीएम ने अधिकार देने की थी घोषणा
कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष गोपीनाथ गिरि ने कहा कि ग्राम पंचायतों को स्वतंत्र इकाई का दर्जा प्राप्त है लेकिन पंचायत न तो स्वतंत्र रूप से अपनी कार्ययोजना बना पा रही हैं, न ही उस पर कोई कार्य कर पा रही है। सभी कार्य अधिकारियों के आदेश के अधीन हो रहे हैं, बावजूद कार्यों का भुगतान लटका पड़ा है। जिलाध्यक्ष लक्ष्मी जायसवाल ने कहा कि गत 15 दिसंबर 21 को सीएम ने प्रधानों के सम्मेलन में घोषणा की थी कि ग्राम पंचायतों को पांच लाख तक के कार्य का प्रशासनिक-वित्तीय स्वीकृति का अधिकार दिया जाएगा और भुगतान भी ग्राम पंचायतों द्वारा डोंगल लगाकर किया जाएगा लेकिन अब तक यह घोषणा मूर्तरूप नहीं ले पाई है।
प्रधानों को मिलता है सीमित धनराशि - मंडल उपाध्यक्ष
बगैर ग्राम पंचायतों का कार्यकाल पूरा किए, उन्हें निकायों में शामिल किए जाने का आदेश वापस लेने की मांग की। मंडल उपाध्यक्ष मिर्जापुर एवं जिला प्रभारी मोहन पांडेय ने कहा कि मजदूरों की हाजिरी मोबाइल ऐप से लगाने का निर्देश दिया गया है जबकि अधिकांश ग्राम पंचायतों में नेटवर्क की समस्या है। प्रधानों को मिलने वाले राज्य वित्त की धनराशि को भी सीमित कर दिया गया है जिसका ज्यादातर हिस्सा मानदेय आदि पर खर्च हो जा रहा है। इसका सीधा असर पंचायतों के विकास पर पड़ रहा है। संतोष पासवान, लालू यादव, नंदलाल मौर्या, सुनीता देवी, जुबेर अहमद, अमित कुमार केशरी, रामप्रताप आदि का कहना था कि प्रधानों का शोषण किया जा रहा है। इस पर अविलंब रोक नहीं लगाई गई तो सभी प्रधान इसको लेकर आंदोलन का रास्ता अपनाने को बाध्य होंगे। इस दौरान संगठन के सभी ब्लाक अध्यक्ष एवं प्रधान मौजूद रहे।
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