Sonbhadra: ऊर्जा निगमों के विद्यालयों को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी, परियोजना प्रमुखों से मांगी आख्या

Sonbhadra News Today: सोनभद्र में ऊर्जा निगमों की परियोजनाओं की ओर से संचालित विद्यालयों को निजी घरानों को सौंपे जाने की तैयारी है।

Kaushlendra Pandey
Report Kaushlendra PandeyPublished By Shreya
Published on: 6 April 2022 10:45 PM IST
Sonbhadra: ऊर्जा निगमों के विद्यालयों को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी, परियोजना प्रमुखों से मांगी आख्या
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विद्यालय (कॉन्सेप्ट फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

Sonbhadra News Today: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में घाटे में चल रही परियोजनाओं को निजी हाथों में सौंपने की चर्चाओं के बीच ऊर्जा निगमों की परियोजनाओं की तरफ से संचालित विद्यालयों को निजी घरानों को सौंपने की तैयारी किए जाने की बात सामने आई है। इसको लेकर शक्ति भवन से परियोजना प्रमुखों को पत्र भी जारी किया है और उन्हें अपने स्तर से परीक्षण कर सात अप्रैल तक आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।

उप महाप्रबंधक मानव संसाधन अनिल कुमार मिश्र ने ओबरा, अनपरा, पनकी, हरदुआगंज, पारीछा, कासिमपुर आदि परियोजनाओं के मुख्य अभियंताओं को जारी पत्र में परियोजनाओं में संचालित विद्यालयों को निजी संस्थानों को सौंपे जाने के पहल की जानकारी दी है। पत्र में निर्देशित किया गया है कि परियोजनाधीन निगमीय विद्यालयों को निजी संस्थानों को दिए जाने की संभावनाओं के संबंध में परीक्षण कर सात अप्रैल तक विभागीय ईमेल पर आख्या उपलब्ध करा दें।


कर्मचारी समिति ने जताया कड़ा एतराज

उधर, विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने इस पर कड़ा एतराज जताया है। संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कहा कि संघर्ष समिति किसी भी परियोजना के विद्यालय को निजी घरानों को सौंपने के किसी भी प्रस्ताव और कोशिश का कड़ा विरोध करती है। बताया कि संघर्ष समिति ने ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा से इस बात का अनुरोध किया है कि परियोजनाओं के विद्यालयों को निजी घरानों को सौंपने के प्रस्ताव को तत्काल निरस्त करें। चार अप्रैल का पत्र जारी करने और सात अप्रैल तक रिपोर्ट मांगने, यानी निजीकरण की प्रक्रिया के लिए महज तीन दिन का समय दिए जाने पर भी संघर्ष समिति ने नाराजगी जताई है। कहा कि इससे साबित है कि सरकार को निजीकरण की कितनी जल्दी पड़ी है।

बताते चलें कि पनकी, ओबरा, अनपरा,हरदुआगंज, पारीछा, पिपरी, खारा, माताटीला स्थित सभी परियोजनाओं पर प्राथमिक और इंटरमीडिएट स्कूल हैं। यह सब उप्र राज्य विद्युत परिषद द्वारा बनाये गए हैं और इनमें कार्यरत शिक्षक व अन्य कर्मचारी बिजली निगमों के कर्मचारी हैं। ऐसे में ऊर्जा मंत्री से वार्ता के बाद चार अप्रैल से प्रस्तावित सामूहिक अवकाश आंदोलन स्थगित करने वाली संघर्ष समिति एक बार फिर से आंदोलन की राह पर दिखती नजर आ सकती है।

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