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Sonbhadra News: मंत्री के लिए कूलर, छात्राओं के लिए तीखी धूप-उमस पर उठे सवाल, युवा मंच ने की सीएम से एक्शन की मांग
Sonbhadra News: बच्चियों को गर्म हवाओं के थपेड़े और उमस से हो रही परेशानी से राहत के लिए कोई इंतजाम न किए जाने को लेकर भी नाराजगी जताई गई है।
मंत्री के लिए कूलर, छात्राओं के लिए तीखी धूप-उमस पर उठे सवाल, युवा मंच ने की सीएम से एक्शन की मांग (Photo- Social Media)
Sonbhadra News: सोनभद्र । जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान परिसर में तीन घंटे तक धूप-उमस से बेहाल हालत में छात्राओं को साइकल वितरण के लिए इंतजार कराए जाने का मामला तेजी से तूल पकड़ने लगा है। एक तरफ जहां मंच पर समाज कल्याण राज्य मंत्री के लिए कूलर की व्यवस्था, वहीं मंच के नीचे गर्म हवाओं की मार झेलने के लिए तीन घंटे तक विवश रही छात्राओं, तीन की हालत बिगड़़ने को लेकर तीखे सवाल उठाए जा रहे हैं। वहीं, युवा मंच की तरफ से मुख्यमंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप और समुचित एक्शन लिए जाने की गुहार लगाई गई है।
बच्चियों को गर्म हवाओं के थपेड़े और उमस से हो रही परेशानी से राहत के लिए कोई इंतजाम न किए जाने को लेकर भी नाराजगी जताई गई है। मांग की गई है कि भविष्य में ब्लाक स्तर पर ही इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाएं, ताकि छात्राओं या किसी अन्य को तपती धूप और उमस भरे माहौल में मुख्य अतिथि या कार्यक्रम के समापन के इंतजार में घंटो पसीने से तरबतर हालत में इंतजार न करना पड़े।
थोड़ी सी चूक ने सरकार की बड़ी सौगात पर उठा दिए सवाल
एक तरफ जहां पूरे उत्तर प्रदेश में लगभग जनजातीय समाज की तीन हजार छात्राओं के लिए साइकल वितरण की स्वीकृति दी गई थी। वहीं, उसमें अकेले सोनभद्र में 1914 छात्राओं के लिए यह स्वीकृति मिली थी। जिले के दूर-दराज इलाकों की भौगोलिक दुरूहता और चार से आठ किमी दूर स्कूलों में छात्राओं के आने-जाने में हो रही परेशानी को देखते हुए यह बड़ी सौगात मानी जा रही थी लेकिन आयोजन स्थल पर मंच के लिए कूलर सहित अन्य इंतजामात और गर्म थपेड़ों के बीच नीचे बैठी छात्राओं को गर्मी और उमस से होने वाली परेशानी को अनदेखी करने के परिणाम ने आयोजन की गरिमा पर तो सवाल उठाए ही, विभिन्न संगठनों-दलों को सरकार और सरकारी व्यवस्था पर सवाल उठाने का बड़ा मौका दे दिया।
मीडिया को जारी बयान में युवा मंच की जिला संयोजक सविता गोंड़ और अध्यक्ष रूबी सिंह गोंड की तरफ से अव्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा गया है कि साइकल वितरण कार्यक्रम के दौरान सामने आई अव्यवस्था, गरीबों विशेषकर आदिवासियों व दलितों के प्रति शासन व प्रशासन के उपेक्षा भरे नजरिए का परिणाम है। भीषण गर्मी के बावजूद जहां राज्य मंत्री कार्यक्रम स्थल पर कई घंटे देर से पहुंचते है।
वहीं, मंच पर उनके लिए कूलर लगता है लेकिन आदिवासी बच्चियों और उनके अभिभावकों के लिए एक पंखा तक नसीब नहीं होता। आरोप लगाया गया है कि सुबह से बुलाई गई बच्चियों के लिए पीने के पानी और भोजन की भी कोई समुचित व्यवस्था नहीं की गई। सरकार की नीति पर सवाल उठाते हुए कहा गया है कि नौकरशाही और सरकारों द्वारा जो नीतियां बनाई जा रही हैं वह सोनभद्र की संरचना के लिहाज से व्यवाहारिक नहीं है। पठारी-पहाड़ी इलाका और प्रदेश का दूसरे सबसे बड़े क्षेत्रफल वाले जिले में जिला मुख्यालय पर केंद्रित कार्यक्रम करने की जगह यदि इसे ब्लॉक स्तर पर किया जाता तो बेहतर रहता।
इन‘-इन सौगातों को भी सुनिश्चित करने की उठाई गई मांग
युवा मंच नेताओं का कहना है कि बार-बार मांग करने के बावजूद आदिवासी लड़कियों के लिए आवासीय डिग्री कॉलेज बनाने की मांग को पूरा नहीं किया जा रहा है। चकरिया और पिपरखांड़ में बने कौशल विकास केंद्र अब तक चालू नहीं हुए। सभी तहसीलों में एक पॉलिटेक्निक कॉलेज और हर ब्लॉक में आईटीआई कॉलेज खोलने और उसमें लड़कियों के लिए फैशन डिजाइनिंग, कॉस्मेटिक, ब्यूटी पार्लर, ड्रेस मेकिंग, नर्सिंग, पैरामेडिकल ट्रेंनिंग आदि क्षेत्र में पढ़ाई सुनिश्चित करने की व्यवस्था नहीं हो रही। कहा गया कि अभी जो मानक साइकिल वितरण में तय किया गया है उसमें बहुत कम संख्या में ही छात्राओं को साइकिल मिल पाती है। दलित, आदिवासी और गरीब सभी छात्राओं को भी साइकल वितरण की सौगात दी जानी चाहिए।