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Sonbhadra: जमीन बिक्री में फर्जीवाड़ा, बीजेपी नेता व जमींदार सहित तीन पर धोखाधड़ी का केस
Sonbhadra News: भाजपा नेता यादवेंद्र द्विवेदी ने आरोपों को पूरी तरह गलत बताया है। बताया कि जिस वक्त जमीन के पट्टा और बक्शीशनामा की प्रक्रिया पूरी की गई उस समय शिकायतकर्ता का राजस्व रिकॉर्ड में कहीं कोई नाम नहीं था।
Sonbhadra News (Pic:Social Media)
Sonbhadra News: आजादी के 77 वर्ष बाद भी जमींदारी की व्यवस्था बरकरार रखने वाले सोनभद्र मुख्यालय पर, जमीदारी से जुडी एक ही जमीन को दो पक्षों को बिक्री (इश्तमरारी पट्टा) किए जाने का आरोप लगाया गया है। मामले में संबंधित जमींदार पारसनाथ और खरीदार अमित चौबे के साथ ही जमीन पर कब्जे के सहयोग के आरोप में भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष यादवेंद्र द्विवेदी के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया है। वहीं जमीन की खरीदारी करने वाले पक्ष की तरफ से आरोपों को झूठा बताया गया है। इस मामले को लेकर मुकदमा पहले से विचाराधीन होने और एसडीएम कोर्ट की तरफ से यथा स्थिति का आदेश पारित होने की जानकारी दी गई है।
मंजूलता पांडेय की तरफ से एसपी के यहां सौंपे गए शिकायती पत्र में आरोप लगाया गया है कि उन्होंने वर्ष 1999 में पारसनाथ पुत्र अमरनाथ महाल, अमरनाथ जमींदार, निवासी सांई मंदिर की गली कस्बा- राबर्ट्सगंज, सोनभद्र स्थित मौजा टांड़ के डौर उर्फ राबर्ट्सगंज से आराजी नंबर 147/1 रकबा 5 बिस्वा का, मांगी गई कीमत देकर इस्तमरारी पट्टा हासिल किया था और वर्ष 1999 में ही, उक्त भूमि में एक कमरा व पक्की बाउंड्री चारों ओर 6 फीट ऊंचा कराया। मिट्टी पटवाई। 30 जनवरी 2024 को अचानक से उक्त जमीन पर तोड़फोड़ कर कब्जा किया जाने लगा और बाउंड्री गेट में ताला जड़ दिया गया।
दूसरे को जमीन बेचवाने का आरोप
आरोप लगाया गया है कि शिकायतकर्ता का इस्तीफा फर्जी हस्ताक्षर बनाकर पारसनाथ जमींदार, स्वामित्व व कब्जे वाली भूमि की खतौनी से नाम कटवा दिया गया और उसमें से तीन बिस्सा जमीन अमित चौबे निवासी मझिगांव को और दो बिस्वा जमीन माया देवी के नाम बख्शीश नामा कर दिया गया। इस मामले में भाजपा के यादवेंद्र द्विवेदी पर भी शामिल होने का आरोप लगाया गया है। पुलिस के मुताबिक प्रकरण में आईपीसी की धारा 419, 420, 467, 468, 471, 447 आईपीसी के तहत केस दर्ज कर छानबीन की जा रही है।
तथ्यों को छिपा कर दी गई पुलिस को तहरीर: यादवेंद्र
भाजपा नेता यादवेंद्र द्विवेदी ने आरोपों को पूरी तरह गलत बताया है। बताया कि जिस वक्त जमीन के पट्टा और बक्शीशनामा की प्रक्रिया पूरी की गई उस समय शिकायतकर्ता का राजस्व रिकॉर्ड में कहीं कोई नाम नहीं था। न ही जमीन पर किसी तरह का कोई कब्जा ही था। अब अचानक से सामने आकर आरोप लगाए जा रहे हैं। बताया कि इसको लेकर एक मुकदमा भी एसडीएम की कोर्ट में विचाराधीन है जिस पर एसडीएम ने यथास्थिति का आदेश भी जारी कर रखा है। बावजूद पुलिस को गलत तथ्यों की जानकारी देकर एफआईआर कराई गई है।
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