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Sonbhadra : भ्रष्टाचार-उदासीनता की भेंट चढ़ गई सरकार के सौ दिन पूरे होने पर मिली सौगात, अनुरक्षण की आई बारी तो ठेकेदार हो गया नदारद, डीएम का निर्देश भी नहीं डाल पाया असर
Sonbhadra News: निर्माण के महज वर्ष बाद भी गड्ढों में तब्दील होनी शुरू हुई सड़क कई जगह, जानलेवा स्थिति में तब्दील हो गई। वर्ष 2021 से 2026 तक इस मार्ग के सालाना अनुरक्षण की प्रक्रिया तय की गई थी।
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Sonbhadra News: योगी सरकार के पहले कार्यकाल में सौ दिन पूरे होने पर कोन-विंढमगंज मार्ग के नए सिरे से निर्माण की दी गई सौगात भ्रष्टाचार और उदासीनता की भेंट चढ़ गई है। निर्माण के महज वर्ष बाद भी गड्ढों में तब्दील होनी शुरू हुई सड़क कई जगह, जानलेवा स्थिति में तब्दील हो गई। वर्ष 2021 से 2026 तक इस मार्ग के सालाना अनुरक्षण की प्रक्रिया तय की गई थी। प्रतिवर्ष अनुरक्षण पर व्यय होने वाली धनराशि का निर्धारण भी कर दिया गया था लेकिन थोड़ा-बहुत कार्य करने के बाद ठेकेदार ने यहां से मुंह मोड़ लिया।
मौजूदा डीएम बीएन सिंह ने भी जिले में तैनाती के कुछ दिन बाद ही इस सड़क का निरीक्षण किया था। तीखे तेवर दिखाते हुए स़ड़क को अविलंब आवागमन के लिए सुगम बनाने और संबंधित ठेकेदार को ब्लैकलिस्टेड करने के निर्देश दिए थे लेकिन कई माह व्यतीत होने के बाद भी न तो सड़क की हालत सुधरी, न ही संबंधित ठेकेदार यानी ठेका फर्म को ही अब तक ब्लैकलिस्टेड किया जा सका है। अलवित्ता विभागीय लोगों को इसकी प्रक्रिया जारी है। यह प्रकिया वर्ष 2024 से पहले पूरी हो जाएगा या कभी नोटिस कभी निर्देश के बीच ही, अनुरक्षण की निर्धारित अवधि का वक्त गुजार दिया जाएगा? इसकी चर्चाएं बनी हुई हैं।
वर्ष 2017 में प्रदेश में योगी सरकार बनने के सौ दिन पूरी होने के बाद, कोन-विंढमगंज मार्ग के बीच आवागमन को आसान बनाने के लिए प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत कोन-विंढमगंज मार्ग के नए सिरे से निर्माण की सौगात दी गई थी। लगभग 22 किमी लंबी इस सडक के निर्माण की लागत सौ करोड़ 82 लाख निर्धारित की गई थी। आठ मार्च 2019 तक कार्य समाप्ति की समय सीमा निर्धारित की गई थी लेकिन निर्माण कार्य नवंबर 2020 में जाकर पूर्ण हो पाया। पहली नवंबर 2021 से इसके अनुरक्षण कार्य के शुरूआत की तिथि तय की गई। इसके लिए सालाना व्यय निर्धारित करते हुए, पहले वर्ष 14 लाख 77 हजार, दूसरे वर्ष 24 लाख 42 हजार, तीसरे वर्ष 34 लाख 10 हजार, चौथे वर्ष 43 लाख 72 हजार और पांचवें वर्ष 53 लाख 40 हजार रूपये खर्च की सीमा भी तय कर दी गई लेकिन निर्माण कार्य में कुछ इस तरह गुणवत्ता की धज्जियां उड़ाई गई कि सड़क बनने के एक साल के भीतर जगह-जगह से टूटकर गड्ढों में तब्दील हो गई। रही-सही कसर आगे चलकर कागजी अनुरक्षण ने पूरी कर दी। वर्ष 2024 से जब इसको लेकर खासा हो हल्ला मचना शुरू हुआ तो पता चला कि ठेकेदार की ओर से कार्य ही नहीं कराया जा सका।
सड़क की हालत पर दंग रह गए थे डीएम, दिया था यह निर्देश
गत 15 अक्टूबर को मौजूदा डीएम बीएन सिंह ने कोन-विंढमगंज मार्ग का निरीक्षण किया था। कचनरवा मार्केट के सामने सड़क पर कई जगह गड्ढे देख नाराजगी जताई थी। एक्सईएन पीएमजेएसवाई को निर्देशित किया था कि सड़क का निर्माण कराने वाले ठेकेदार को ब्लैकलिस्टेड किया जाए। साथ ही, सड़क की निगरानी में लापरवाही करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन स्तर पर पत्राचार करने के लिए कहा था लेकिन अब तक न तो ठेकेदार को ब्लैकलिस्टेड किए जाने की जानकारी सामने आ सकी है, ना ही जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढों के चलते जानलेवा स्थिति में तब्दील होती जा रही सड़क की स्थिति में ही कोई तब्दीली सामने आ पाई है।
अब डीएमएफ से कराया जाएगा निर्माण: जेई
फोन पर जेई संतोष कुमार ने बताया कि ठेकेदार ने अनुरक्षण का कार्य नहीं कराया है। इसलिए उसका भुगतान रोक दिया गया है। उसे ब्लैकलिस्टेड करने के लिए विभागीय स्तर पर नोटिस-पत्राचार की कार्रवाई जारी है। सड़क का नए सिरे से निर्माण के लिए डीएमएफ से प्रस्ताव तैयार कराया गया है। बताते चलें कि पिछले दिनों सीएम योगी आदित्यनाथ के आगमन के समय कई सड़कों की मरम्मत और नए सिरे से निर्माण की सौगात दी गई थी लेकिन कोन-विंढमगंज मार्ग की स्थिति कब तक दुरूस्त होगी? फिलहाल इसका जवाब नहीं मिल पा रहा है।
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