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Sonbhadra News: सितंबर के शुरूआती सप्ताह ने बिजली खपत के तोड़े कई रिकार्ड, 27389 मेगावाट पर पहुंची मांग
Sonbhadra News: सितंबर माह के पहले सप्ताह ने ही यूपी के इतिहास में सितंबर माह में अब तक की हुई अधिकतम खपत के जहां सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। वहीं, न्यूनतम खपत के आंकड़े ने भी 21449 मेगावाट का आंकड़ा छूकर, एक नया रिकार्ड बना डाला है।
Sonbhadra News: सितंबर माह के पहले सप्ताह ने ही यूपी के इतिहास में सितंबर माह में अब तक की हुई अधिकतम खपत के जहां सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। वहीं, न्यूनतम खपत के आंकड़े ने भी 21449 मेगावाट का आंकड़ा छूकर, एक नया रिकार्ड बना डाला है। वहीं, सितंबर माह में जब बिजली की खपत 15 से 20 हजार मेगावाट के बीच रहती थी। वह खपत 27389 मेगावाट जा पहुंची है। मंगलवार की शाम भी बिजली की मांग 25 हजार मेगावाट से उपर बनी हुई थी।
कम हुई बारिश की वजह से मांग में इजाफा
12 वर्षों में अब तक हुई सबसे कम बारिश ने खेती-किसानी पर असर तो डाला ही है। कंक्रीट के जंगल में रूप में तब्दील होते जा रहे गांव-शहरों में भारी उमस की स्थिति लगातार बिजली के मांग में इजाफा किए हुए हैं। जुलाई माह के आखिरी सप्ताह में 24 जुलाई को जहां बिजली की अधिकतम मांग ने 28 हजार मेगावाट के आंकड़े को भी पारकर, यूपी के इतिहास में सर्वाधिक विद्युत खपत 28284 मेगावाट का नया रिकार्ड रच डाला था। वहीं, अधिकतम विद्युत उपलब्धता 27822 मेगावाट तक ही संभव हो पाई थी। अब सितंबर माह में भी बिजली खपत ने जहां पहले दिन से ही तेजी का रूख अख्तियार कर लिया है। वहीं बिजली की मांग बढ़ते हुए अधिकतम उपलब्धता के आंकड़े के करीब जा पहुंची है।
यूपी में बिजली संकट जैसे हालात बनने लगे
एक तरफ अवर्षण, दूसरी तरफ बिजली की मांग में रिकार्ड बढ़ोत्तरी को देखते हुए यूपी में बिजली संकट जैसे हालात बनने लगे हैं। हालात यह हैं कि गांवों, कस्बों, तहसील मुख्यालयों कौन कहे, सोनभद्र सहित अन्य जिलों के जिला मुख्यालयों पर हो रही अघोषित कटौती ने लोगों को तड़पाना शुरू कर दिया है। वहीं, प्रदेश सरकार को आपूर्ति प्रणाली संभाले रखने के लिए महंगी बिजली खरीदनी पड़ रही है।
पहले दिन से ही बिजली की मांग में बढ़ोत्तरी जारी
स्टेट लोड डिस्पैंच सेंटर से मिलने वाली जानकारी पर ध्यान दें तो पहली सितंबर को प्रदेश में बिजली की मांग 25894 मेगावाट थी। अगले दिन यानी दो सितंबर को यह 26763 मेगावाट पहुंच गई। तीन सितंबर को 27078 तो चार सितंबर को यह मांग बढ़कर 27389 मेगावाट जा पहुंची। इसी तरह न्यूनतम मांग ने तीन सितंबर को 21449 मेगावाट की मांग दर्ज कर, न्यूतनतम मांग के आंकड़े में भी अधिकतम मांग का एक नया रिकार्ड बना डाला। वहीं पांच सितंबर की सुबह न्यूनतम मांग 19753 मेगावाट दर्ज की गई। जबकि पिछले वर्षों में यह आंकड़ा 18 हजार मेगावाट के इर्द-गिर्द ही बना हुआ था।
रिहंद डैम के कम जलस्तर ने भी बढ़ाई चिंता
पावर सेक्टर की लाइफ का दर्जा रखने वाले रिहंद डैम में जलस्तर की खराब स्थिति ने भी उर्जा जगत के लोगों को बेचैन कर रखा है। एक तरफ जहां बिजली की मांग को देखते हुए, रिहंद की जल विद्युत इकाइयों से बिजली का उत्पादन लेना पड़ रहा है। वहीं, अच्छी बारिश से जुड़े जुलाई और अगस्त माह के अधिकांश दिनों के सूखा गुजर जाने से, अधिकतम जलस्तर की स्थिति अब तक के सबसे न्यूनतम स्तर पर जा पहुंची है।
आंकड़े पर नजर डालें तो वर्ष 2015 से वर्ष 20-23 के बीच वर्ष 2015 ही एक ऐसा वर्ष, जब रिहंद डैम में अधिकतम जलस्तर का आंकड़ा 31 अगस्त 2015 को सबसे कम 853.2 फीट दर्ज किया गया था। इस बार जलस्तर की स्थिति, वर्ष 2015 से भी काफी खराब दिख रही है। सिस्टम कंट्रोल के मुताबिक मंगलवार को रिहंद डैम का जलस्तर 846.7 फीट दर्ज किया गया जो पिछले वर्ष के 850 फीट के आंकड़े से तो कम है ही, 2015 के आंकड़े से एक दो फिट नहीं, बल्कि 6.5 फीट नीचे है।
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