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Sonbhadra: जन औषधि केंद्र पर बेची जा रही महंगी दवाएं, प्रशासन ने शुरू की मामले की जांच
Sonbhadra News: दुद्धी स्थित सीएचसी परिसर में संचालित जन औषधि केंद्र पर महंगी दवाएं बेचे जाने को लेकर तरह-तरह के सवाल उठाए जाने लगे हैं। दिलचस्प मसला यह है कि डॉक्टर ने कुछ और दवा लिखी और मरीज को कुछ और ही दवा थमा दी गई।
Sonbhadra News (Pic:Newstrack)
Sonbhadra News: जन औषधि केंद्र, जिन पर मरीजों को सस्ती दवाएं उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी हैं, वहां मार्केट से दवाएं मंगाकर महंगे दामों पर बेचे जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इसको लेकर जहां एक वीडियो सामने आया है। वहीं, दुद्धी स्थित सीएचसी परिसर में संचालित जन औषधि केंद्र पर महंगी दवाएं बेचे जाने को लेकर तरह-तरह के सवाल उठाए जाने लगे हैं। दिलचस्प मसला यह है कि डॉक्टर ने कुछ और दवा लिखी और मरीज को कुछ और ही दवा थमा दी गई। उधर, मामला संज्ञान में आने के बाद औषधि प्रशासन महकमे की तरफ से इसकी जांच शुरू कर दी गई है।
वायरल वीडियो पिछले सप्ताह का बताया जा रहा है। बताते हैं कि दुद्धी क्षेत्र का एक व्यक्ति दुद्धी सीएचसी में दवा लेने आया था। अस्पताल मे एक दवा उपलब्ध न होने पर डॉक्टर उस व्यक्ति को, परिसर में संचालित जन औषधि केंद्र पर दवा लेने के लिए भेज देता है। वहां, मरीज को जन औषधि केंद्र पर मिलने वाली सस्ती दवा देने की बजाय, बाहर के मार्केट से लाकर रखी गई महंगी दवा थमा दी जाती है। जब मरीज अस्पताल के बाहर स्थित एक मेडिकल स्टोर पर जाकर, अस्पताल परिसर में संचालित जन औषधि केंद्र से महंगी दवा मिलने की जानकारी देता है तो लोग अवाक रह जाते हैं। जब उससे कहा जाता है कि वहां दवा सस्ती मिलती है तो मरीज कहता है कि मलहम की कीमत उससे 90 रूपये वसूली गई है। इसके बाद लोग जब सीएचसी परिसर के अंदर जन औषधि केंद्र पर जाकर पूछताछ करते हैं तो औषधि केंद्र में मौजूद चेयर पर मौजूद व्यक्ति कहता है कि उसके पास मरीज के लिए लिखी गई दवा नहीं थी इसलिए उसने बाहर से लाई दवा थमा दी।
डाइजीन यानी पेटदर्द की जगह थमा दिया डिक्लो मलहम
जन औषधि केंद्र पर बैठने वाले किस तरह से दवा बेच रहे हैं, यह वीडियो उसका भी नमूना प्रदर्शित करता है। वायरल वीडियो में जन औषधि केंद्र में मौजूद व्यक्ति का महंगी दवा देने के पीछे तर्क होता है कि उसके पास डायक्लो नहीं था इसलिए उसने सूमो जेल नामक मलहम थमा दिया। औषधि केंद्र की दवा की बजाय दूसरी दवा लाकर बेचे जाने पर सवाल पर उसका कहना था कि कभी-कभी बाहर से दवा लाकर बेचनी पड़ती है। पूछताछ कर रहा व्यक्ति जब उससे यह कहता है कि डॉक्टर ने पेटदर्द की शिकायत पर डाइजीन दवा देने के लिए लिखा है और उसकी जगह मरीज को मलहम थमा दिया, इसका जवाब नहीं मिला पाता।
जेनरिक दवाएं ही बेचने का अधिकार, मामले की होगी जांच:ड्रग इंस्पेक्टर
इस बारे में ड्रक इंस्पेक्टर राजेश मौर्या से जानकारी चाही गई तो उनका कहना था कि वीडियो का मामला उनके संज्ञान में नहीं है। वह मौके पर जाकर इसकी जांच करेंगे। जो भी चीजें सामने आएंगी, उसके अनुरूप कार्रवाई की जाएगी। बाहर की दवा बेचे जाने के मसले पर कहा कि जन औषधि केंद्र संचालकों को इस बात के स्पष्ट निर्देश हैं कि उन्हें भारत सरकार की तरफ अनुमन्य सस्ती यानी जेनरिक दवाएं ही बेचनी हैं। अगर कोई जनऔषधि केंद्र संचालक सामान्य मेडिकल स्टोरों पर मिलने वाली महंगी/ब्रांडेड दवाएं बेचता है तो गलत है।
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