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Sonbhadra: बगैर चिकित्सक-प्रशिक्षित स्टॉफ चला रहा था हॉस्पिटल, धमकी टीम, चार अस्पतालों पर गाज
Sonbhadra News: नोडल अधिकारी की अगुवाई वाली टीम सबसे पहले लाइफ लाइन हॉस्पिटल, उरमौरा पहुंची। पाया गया कि जिला मुख्यालय पर वह भी हाइवे से बिल्कुल सटे पूरा अस्पताल ही अवैध रूप से संचालित हो रहा था।
Sonbhadra News (Pic: Newstrack)
Sonbhadra News: एक तरफ जहां जुगाड़ सिस्टम से संचालित हो रहे अस्पतालों में डीएम चंद्र विजय सिंह के निर्देश पर स्वास्थ्य महकमे की ओर से चलाए जा रहे छापेमारी/औचक चेकिंग अभियान से हड़कंप की स्थिति बनी हुई है। वहीं, शनिवार को की गई छापेमारी के दौरान ऐसा भी वाकया सामने आया कि बगैर चिकित्सक-प्रशिक्षित स्टाफ के संचालित हो रहे अस्पताल को लेकर टीम कोई कार्रवाई करते ही, इससे पहले ही अस्पताल संचालक ने चालाकी दिखाते हुए, स्वयं ही अस्पताल बंदी का प्रार्थना पत्र थमा दिया। इसके अलावा तीन और अस्पतालों में खामिया पाई गई। एक को सीएल, एक के ओटी पर ताला जड़ने के साथ ही, एक अस्पताल को पंजीयन लाइसेंस का नवीनीकरण न किए जाने की चेतावनी जारी की गई।
यहां-यहां पहुंची टीम, इन-इन पर गिरी गाज
नोडल अधिकारी निजी चिकित्सालय डा. गुलाब शंकर यादव की अगुवाई वाली टीम सबसे पहले लाइफ लाइन हॉस्पिटल, उरमौरा पहुंची। पाया गया कि जिला मुख्यालय पर वह भी हाइवे से बिल्कुल सटे पूरा अस्पताल ही अवैध रूप से संचालित हो रहा था। तत्काल अस्पताल को सील करने के साथ ही, मामले को लेकर विभागीय और विधिक दोनों तरह की कार्रवाई शुरू कर दी गई।यहां के बाद टीम हेमचंद्रा हॉस्पिटल हिंदुआरी पहुंची। पाया कि नवीनीकरण के समय जो पत्रावली प्राप्त कराई गई थी, वह जहां अपूर्ण है। वहीं, दिखाया गया कोई भी चिकित्सक और डिग्रीधारी पैरामेडिकल स्टाफ मौजूद नहीं है। पूछताछ के बाद, टीम कोई एक्शन लेती, इसस पहले ही, हॉस्पिटल संचालक ने अस्पताल बंद करने का प्रार्थना पत्र थमा दिया। इसके बाद तत्काल अस्पताल का पंजीकरण निरस्त कर दिया गया।
इसी तरह, टीम ग्लोबल सिटी हॉस्पिटल मधुपुर पहुंची, जहां निरीक्षण के समय चिकित्सक तो नदारद मिले ही, ओटी में भी मानक की अनदेखी पाई गई। इस पर ओटी कार्य पर रोक लगाने के साथ ही, हिदायत दी गई कि जब तक दर्शाए गए चिकित्सक हास्पीटल में उपस्थिति दर्ज नहीं कराते हैं, तब तक अस्पताल का संचालन बंद रखें। सिटी हॉस्पिटल राबर्ट्सगंज में भी कई मानकों का उल्लंघन पाया गया। इस पर अस्पताल संचालक को तत्काल मानकों का अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया। साथ ही इस बात की चेतावनी जारी की गई कि मौजूदा स्थिति में पंजीकरण का नवीनीकरण किया जाना संभव नहीं है।
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