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Sonbhadra News: गांवों में 'हर घर नल योजना' बनी छलावा, सूखे नल, ग्रामीणों का फूटा गुस्सा
Sonbhadra News: सोनभद्र में करोड़ों खर्च के बावजूद “हर घर नल” योजना धरातल पर फेल, कई गांवों में पानी की एक बूंद नहीं, ग्रामीणों ने आंदोलन की चेतावनी दी।
गांवों में 'हर घर नल योजना' बनी छलावा, सूखे नल, ग्रामीणों का फूटा गुस्सा (Photo- Newstrack)
Sonbhadra News: सोनभद्र। प्रधानमंत्री के स्वच्छ जल मिशन के तहत “हर घर नल” योजना जहां सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजना कही जाती है, वहीं सोनभद्र के कोन ब्लॉक में यह अब भ्रष्टाचार और लापरवाही का पर्याय बन गई है। लाखों की लागत से बनीं पानी टंकियां अब शोपीस बनकर रह गई हैं, और ग्रामीण आज भी नदी-नालों का दूषित पानी पीने को मजबूर हैं।
भरोसेमंद सूत्र बताते हैं कि कई ग्राम पंचायतों में कागजों पर तो कनेक्शन पूरे दिखा दिए गए हैं, पर धरातल पर नलों से एक बूंद पानी नहीं टपक रहा। विभागीय अफसरों की मिलीभगत से हर महीने महज़ दो दिन कुछ मिनटों के लिए पानी चालू कर फर्जी फोटो और वीडियो भेजे जाते हैं — ताकि ऊपर तक रिपोर्ट “सब कुछ ठीक” दिखे।
कचनरवा, असनाबांध, नरोइयादामर, मधुरी, रोहिनवादामर, शिकारीखोली, बड़ाप, बागेसोती, सिंगा, डुबवा, कुड़वा, धौरवादामर, गोबरदाहा, डीलवाहा, शिवाखाड़ी, धीचोरवा, पीपरखाड़, बिछमरवा, केवाल, मिश्री, डोमा, बहुआरा, रगरम, खरौंधी, चांचीकला और नकतवार जैसे गांवों में जलापूर्ति पूरी तरह ठप है।
असनाबांध में ग्रामीणों ने प्रदीप चंद्रवंशी की अगुवाई में जबरदस्त प्रदर्शन किया। लोगों ने आरोप लगाया कि “हर घर नल” योजना झूठ और दिखावे की योजना बनकर रह गई है, नल हैं तो पानी नहीं, और कई जगहों पर नल तक नहीं।
ग्रामीणों ने बताया कि कई हैंडपंप वर्षों से मरम्मत के अभाव में जंग खा रहे हैं, लेकिन जनप्रतिनिधियों और अफसरों ने लोगों की पुकार अनसुनी कर दी।
वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता बिहारी प्रसाद यादव ने कहा, “यहाँ फ्लोरोसिस का कहर लगातार बढ़ रहा है। कचनरवा, कुड़वा और रोहिनवादामर में पानी में फ्लोराइड की मात्रा ज़हरीले स्तर तक पहुँच चुकी है। लोग बीमार पड़ रहे हैं, फिर भी सरकार सो रही है।”
उन्होंने आगे कहा कि जिन जगहों पर पाइपलाइनें बिछाई गईं, वहाँ महीनों से पानी नहीं आया। कई टंकियां बनकर ‘फोटो प्रोजेक्ट’ बन गई हैं — न देखरेख, न उपयोग। वहीं कार्यदायी संस्था ने कागजों पर काम पूरा दिखाकर धन निकासी कर ली है।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर शीघ्र ही शुद्ध पेयजल की आपूर्ति बहाल नहीं हुई और हैंडपंपों की मरम्मत नहीं कराई गई, तो वे सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे। ग्रामीणों का कहना है कि “अब हमें वादे नहीं, पानी चाहिए।”
इस पर अधिशासी अभियंता अरुण सिंह ने सफाई दी कि “नदी की धारा बदल जाने से तकनीकी दिक्कत आई है, जल्द ही जलापूर्ति बहाल कर दी जाएगी।”
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