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निषाद पार्टी की यात्रा रोक मंत्री को नियमों का पाठ पढ़ाना पड़ा महंगा, यातायात निरीक्षक लाइन हाजिर, मंत्री के एतराज के बाद की गई कार्रवाई
Sonbhadra News: निषाद पार्टी की संवैधानिक रथयात्रा के साथ चल रहे बाइक जुलूस को रोकने और उसकी अगुवाई कर रहे मत्स्य मंत्री डॉ संजय कुमार निषाद को नियमों का पाठ पढ़ाना आखिरकार भारी पड़ गया।
Sonbhadra News (Image From Social Media)
Sonbhadra News: यूपी में एनडीए गठबंधन के महत्वपूर्ण घटक का दर्जा रखने वाले निषाद पार्टी की संवैधानिक रथयात्रा के साथ चल रहे बाइक जुलूस को रोकने और उसकी अगुवाई कर रहे मत्स्य मंत्री डॉ संजय कुमार निषाद को नियमों का पाठ पढ़ाना आखिरकार भारी पड़ गया। मंत्री के नाराजगी के बाद, देर शाम यातायात निरीक्षक अविनाश कुमार को पुलिस लाइन अटैच कर दिया गया। हालांकि पुलिस अधीक्षक की तरफ से जारी किए गए आदेश में लाइनहाजिर करने के पीछे जनहित का हवाला दिया गया है।
जुलूस रोकने के बाद आठ घंटे भी पद पर नहीं रह पाए टीआई:
पुलिसिया अंदाज में निषाद पार्टी का जुलूस रोकने और मंत्री को नियमों का पाठ पढ़ाने वाले टीआई अविनाश सिंह आठ घंटे भी पद पर नहीं बने रह पाए। दोपहर डेढ़ बजे के करीब नोंकझोंक हुई थी। वहीं, शाम चार से पांच बजे के बीच इसका वीडियो वायरल होना शुरू हुआ था। मंत्री का प्रोटोकॉल रहने के बावजूद, मंत्री को नियमों का पाठ और सत्तापक्ष का घटक होने के बावजूद, निषाद पार्टी के बाइक जुलूस को रोकने की कोशिश के चलते, रात नौ बजे के करीब उन्हें यातायात निरीक्षक के पद से पुलिस लाइन के लिए चलता कर दिया गया।
बताते चलें कि दोपहर में मत्स्य मंत्री डॉ संजय निषाद संवैधानिक रथ यात्रा लेकर सर्किट हाउस आए थे। यहां कार्यकर्ताओं के साथ बैठक और मीडिया के साथ वार्ता की। इसके बाद बाइक जुलूस के साथ रथयात्रा लेकर बढ़ौली चौक और वहां से डाला के लिए निकले। बताते हैं कि जैसे ही स्वर्णजयंती चौक पर पहुंचकर जुलूस ने यू टर्न लिया, यातायात निरीक्षक ने काफिले को रोक दिया। खुद बुलेट चलाकर अगुवाई कर रहे मंत्री डॉ संजय निषाद को भी नियमों का पाठ पढ़ाने की कोशिश की गई। सत्तापक्ष का घटक होने के बावजूद, जुलूस को रोकने की कोशिश पर जब मंत्री का पारा चढ़ा, तब ट्रैफिक इंस्पेक्टर और उनके सहयोगी पीछे हो लिए।
मंत्री ने डीआईजी तक से जताई थी नाराजगी:
बताया जा रहा है कि इससे खफा मंत्री ने जिले के आला अधिकारियों से बात करने के साथ ही, डीआईजी को भी फोन कर नाराजगी जताई। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी की तरफ से एएसपी मुख्यालय को जांच के निर्देश दिए गए। वहीं, रात नौ बजे के करीब जनपदीय पुलिस स्थापना बोर्ड से अनुमोदन मिलने के बाद, टीआई को निरीक्षक यातायात पद से हटाकर पुलिस लाइन अटैच कर दिया गया।