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Sonbhadra News: चोपन-चुनार रेलवे ट्रैक पर दौड़ती ट्रेनों में जहां-तहां नहीं लगेगा ब्रेक, दो इंटर कनेक्टिंग स्टेशनों का संचालन शुरू
Sonbhadra News: रेलवे के लोगों ने बताया कि चोपन-चुनार रेलखंड पर एवं लूसा और खैराही रेलवे स्टेशन के बीच करमा में भी क्रासिंग रेलवे स्टेशन का तेजी से निर्माण कराया जा रहा है।
Sonbhadra News: चोपन-चुनार रेलवे ट्रैक पर बढ़ते यातायात के दबाव के बीच, ट्रैक पर दौड़ती ट्रेनों, खासकर सवारी रेलगाड़ियों में जहां-तहां लगते ब्रेक की बात अब अतीत बन गई है। कोयला रैक और हाई स्पीड ट्रेन को निकालने के लिए देर तक साइड में ट्रेनों के खड़ी किए जाने से आवागमन में देरी तथा यात्रियों को होती परेशानी से निजात के लिए उत्तर मध्य रेलवे की तरफ से, इस रूट पर तीन इंटर कनेक्टिंग (गाड़ियों की क्रासिंग के लिए) रेलवे स्टेशनों की सौगात देते हुए, दो का संचालन शुरू कर दिया गया है। वहीं, तीसरे का भी संचालन नए साल के पहले सप्ताह में किए जाने को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं।
पसही इंटर कनेक्टिंग स्टेशन का किया गया शुभारंभ
सक्तेशगढ़ और लूसा के बीच इंटर कनेक्टिंग का काम करने वाले सरसोग्राम रेलवे स्टेशन का जहां पहले ही संचालन शुरू कर दिया गया था। वहीं, सोनभद्र और खैराही रेलवे स्टेशन के बीच इंटर कनेक्टिंग का काम करने वाले हिंदुआरी स्थित पसही रेलवे स्टेशन का उत्तर मध्य रेलवे के डिप्टी सीपीएम इं. दीपक भारद्वाज ने उद्घाटन किया गया।
इस दौरान ग्रामीणों की तरफ से पत्रक सौंपकर, पसही को पूर्ण रेलवे स्टेशन में तब्दील करने की मांग उठाई गई। कहा गया कि 30 वर्ष पूर्व पसही कला के नाम से एक रेलवे स्टेशन संचालित हुआ करता था जहां से हिन्दुआरी, होना, हिनौती, नई, भरहियां, गढ़वां, गोइठहरी, गया रतवल, बरवन, जमगांव, जमुआंव, महुआंव, धुरियां, कूसी, कैथी, जिगना, डोमरियां, डेमा, सांगों, मांगों, चनुली, बभनौली, पसहीं कला आदि गांवों के ग्रामीण आवागमन करते थे।
जनवरी में क्रासिंग स्टेशन करमा का किया जाएगा शुभांरभ
रेलवे के लोगों ने बताया कि चोपन-चुनार रेलखंड पर एवं लूसा और खैराही रेलवे स्टेशन के बीच करमा में भी क्रासिंग रेलवे स्टेशन का तेजी से निर्माण कराया जा रहा है। जनवरी माह में इस स्टेशन का भी रेलवे गाड़ियों की क्रासिंग स्टेशन के रूप में शुभारंभ होने की पूरी उम्मीद जताई जा रही है। बताते चलें कि इससे जहां ट्रेनों को, दूसरी गाड़ी को पास कराने के लिए जहां-तहां खड़ा कर दिया जाता था। उससे जहां निजात मिलेगी। वहीं, 40-40 किमी पहले ही गाडी खड़ी करने की बाध्यता खत्म होने के बाद, ट्रेन संचालन में तेजी और लेट-लतीफी जैसी दिक्कतों से निजात मिलेगी।
चोपन-चुनार रेलखंड के दोहरीकरण की प्रक्रिया जारी
बताते चलें कि चोपन-चुनार रेलखंड के दोहरीकरण की प्रक्रिया जारी है। जिसको देखते हुए क्रासिंग स्टेशनों की भूमिका जहां महत्वपूर्ण मानी जा रही है। वहीं, निकट भविष्य में इन स्थलों को पूर्ण स्टेशन का भी दर्जा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। क्षेत्रीय रेल उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समिति उत्तर मध्य रेलवे प्रयागराज के सदस्य श्रीकृष्ण गौतम ने बताया कि वर्ष 2019 में उनके द्वारा दिए गए प्रस्ताव पर चोपन-चुनार सेक्शन में गति सीमा 100 किलोमीटर से अधिक करने के लिए पुरानी रेल पटरियों को बदलकर वजनदार रेल पटरियों को लगाया गया। रेल मार्ग के घुमाव/कर्व को कम किया गया। रेल विद्युतीकरण कार्य पूरा हुआ और रेल सेक्शन में पड़ने वाले सभी रेलवे स्टेशनों को इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम से स्वचालित सिग्नल प्रणाली में बदला गया।अब ब्लॉक सेक्शन को छोटा करने के लिए तीन क्रासिंग रेलवे स्टेशनों का निर्माण किया गया है ताकि सिंगल रेल लाइन पर विपरीत दिशा से आ रही गाड़ियों को कम समय में दूसरी दिशा में भेजा जा सके।
जानिए क्या है रेलवे के क्रासिंग स्टेशन का मतलब
रेलवे में क्रॉसिंग स्टेशन ऐसे जगह पर बनाए जाते हैं, जहां जहां दो रेल पटरियां एक-दूसरे को पार करती हैं। क्रॉसिंग स्टेशन बनाने का मकसद, वाहनों के पहियों को एक ट्रैक से दूसरे ट्रैक पर ले जाना होता है। इसका मुख्य मकसद ट्रेनों की रफ़्तार बढ़ाना होता है। क्रॉसिंग स्टेशनों को उपयोगिता के अनुरूप सड़क किनारे छोटे और मध्यम आकार के स्टेशन तथा प्रमुख स्टेशन के रूप में बांटा जाता है।