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Sonbhadra News: लोक निर्माण विभाग के अफसरों ने घटा दी यूपी की सीमा, एक किमी पहले लगा दिया सीमा का बोर्ड, छूटी सड़क के निर्माण से भी झाड़ा पल्ला
Sonbhadra News: दिलचस्प मसला यह है कि इस रास्ते से सोनभद्र और बिहार के रोहतास जिले के लोगों के बीच व्यापारिक और रिश्तेदारी के संबंध भी बने हुए हैं।
Sonbhadra News: एक तरफ जहां यूपी सरकार सड़कों को गड्ढामुक्त और आवागमन से जुड़ी हर सड़क को पक्का करने में लगी हुई है। वहीं, सोंनभद्र में तैनात रहे पीडब्ल्यूडी महकमे के अफसरों ने यूपी-बिहार सीमा के वसुहारी बार्डर पर, यूपी की सीमा ही घटा देने का कुछ ऐसा कमाल किया है कि बार्डर पर पहुंचने वाला हर शख्स एकबारगी हैरान रह जा रहा है। एक किमी पहले सीमा समाप्ति का बोर्ड लगाने के साथ ही, आगे की एक किमी सड़क के निर्माण की जिम्मेदारी आखिर किसकी है? इसका भी जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है। चुनाव के वक्त जनप्रतिनिधियों की तरफ से जल्द निर्माण कराने के वायदे भी किए जा चुके हैं लेकिन इसको लेकर प्रोजेक्ट बनना तो दूर, किसी महकमे की तरफ से इसको लेकर प्रस्ताव तक सामने नहीं आया है।
कभी नक्सलियों के पदचाप से गूंजने वाला बिहार से सटा यूपी का वसुहारी बार्डर पर सुकुन की बयार के साथ ही, यूपी और बिहार के बीच आवागमन का भी प्रमुख रास्ता बना हुआ है । लेकिन रास्ते की दुर्गमता जहां, राह में रोड़ा बनी हुई है, वहीं पटवध-वसुहारी मार्ग का सही तरीके से निर्माण अभी भी चुनौती बना हुआ है। एक तरफ से जहां इस सड़क के बीच में सेंचुरी एरिया का पेंच, सड़क को अधूरा बना हुआ है। वहीं, पीडब्ल्यूडी के अफसरों ने बिहार सीमा से एक किमी पहले ही यूपी सीमा प्रारंभ-यूपी सीमा समाप्त का बोर्ड लगाकर, बोर्ड के बाद से बिहार सीमा तक जाने वाले रास्ते को भगवान भरोसे छोड़ दिया है। बोर्ड के आगे घाटी से होते हुए बिहार में जाने वाले रास्ते की दुर्गमता की स्थिति यह है कि इस रास्ते पर पैदल चलने के लिए भी सावधानी जरूरी है।
दिलचस्प मसला यह है कि इस रास्ते से सोनभद्र और बिहार के रोहतास जिले के लोगों के बीच व्यापारिक और रिश्तेदारी के संबंध भी बने हुए हैं। इसको देखते हुए, इस एरिया के लोगों की तरफ से जहां कई बार अफसरों का दरवाजा खटखटाया जा चुका है वहीं जनप्रतिनिधियों से भी गुहार लगाई जा चुकी है । लेकिन वर्ष 2012 में नक्सली आतंक के समाप्त होने के बाद से, अब तक बिहार सीमा से सटी वसुहारी घाटी का आवागमन सिर्फ आश्वासनों के भरोसे टिका हुआ है।
पीडब्ल्यूडी मंत्री ने देखी थी हालत, आवश्यक पहल के दिए थे निर्देश
दिलचस्प मसला यह है कि पिछले दिनों सोनभद्र आए पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद ने भी पटवध-वसुहारी मार्ग की स्थिति देखी थी। गड्ढों से भरे इस रास्ते से होते हुए लोगों ने उन्हें बार्डर तक ले जाने की कोशिश की थी । लेकिन रास्ते की दुरूहता के चलते उनका काफिला बीच में ही लौट आया। पीडब्ल्यूडी के अफसरों ने पटवध और वसुहारी के बीच सेंचुरी के पेंच के चलते निर्माण में अवरोध होने की जानकारी दी, जिस पर उन्होंने तत्काल जरूरी पहल का भरोसा भी दिया। साथ ही जो सड़क बन चुकी है और जहां कोई अवरोध नहीं है, उसे दुरूस्त करने का निर्देश भी लिया लेकिन संबंधित अफसर बिहार सीमा से एक किमी पहले लगाए गए यूपी सीमा संबंधी बोर्ड को सोनभद्र का सीमा मानते हुए पहल जारी रखे।
सेंचुरी की बाधा जल्द होगी दूर, पर घाटी पर कब होगी नजर-ए-इनायत, बना है सवाल
पीडब्यलूडी मंत्री की पहल के बाद सेंचुरी एरिया की बाधा करीब-करीब दूर हो गई है। इस बात को पीएमजेएसवाई के एक्सईएन प्रशांत यादव भी स्वीकार करते हैं। फोन पर बताया कि जल्द ही पटवध-वसुहारी मार्ग में सेंचुरी का पेंच दूर हो जाएगा। वहीं, बिहार बार्डर पर एक किमी सड़क को लावारिश छोडने और एक किमी पहले ही सीमा समाप्ति-सीमा प्रारंभ का बोर्ड लगाने के सवाल पर कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। उन्हें तो बस इतनी जानकारी थी कि जहां तक सड़क निर्माण कर बोर्ड लगाया गया है, वहीं तक हमारी सीमा है। बिहार सीमा बोर्ड से एक किमी आगे होने की जानकारी दिए जाने पर कहा कि न तो उन्हें इसकी जानकारी ना ही, बोर्ड के आगे वाले रास्ते के निर्माण का कोई प्रस्ताव ही उनके सज्ञान में है। बोर्ड लगाने वाले विभाग निर्माण खंड दो, के मौजूदा एक्सईएन गोविंद यादव से फोन पर बात की गई तो उन्होंने बोर्ड के आगे यूपी की सीमा होने से अनभिज्ञता जताई। कहा कि अब वह सड़क उनके विभाग के क्षेत्राधिकार में नहीं है, इसलिए क्या सही है, क्या गलत, अधूरे पड़े सडक निर्माण को लेकर कोई पहल हो रही है कि नहीं, इसके बारे में वह कोई भी जानकारी देने पाने में असमर्थ हैं।
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