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Sonbhadra News: बिचौलियों के जरिए वाराणसी जा रही 400 कुंतल गेहूं की खेप पर छापेमारी, पकड़े गए चार ट्रैक्टर
Sonbhadra News:किसानों से कम कीमत पर गेहूं खरीद कर, अच्छे मुनाफे के लिए वाराणसी ले जाया जा रहा था। पकड़े गए अनाज को, कार्रवाई के लिए खाद्य विपणन विभाग की तरफ से मंडी समिति के सचिव को सुपुर्द कर दिया गया।
बिचौलियों के जरिए वाराणसी जा रही 400 कुंतल गेहूं की खेप पर छापेमारी, पकड़े गए चार ट्रैक्टर (Photo- Social Media)
Sonbhadra News: सोनभद्र । बिचौलिए कह लीजिए या कथित व्यापारी...। जिले से तस्करी कर गेंहू वाराणसी ले जाए जाने का बड़ा और अनोखा मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि लगभग एक सप्ताह से जारी इस कथित तस्करी के खेल की जानकारी खाद्य विपणन विभाग के डिप्टी आरएमओ तक पहुंची तो मंडी समिति की टीम के साथ समन्वय बनाकर राबर्टसगंज-मिर्जापुर मार्ग पर खैराही के पास छापेमारी/औचक चेकिंग अभियान चलाया गया तो एक-दो नहीं, चार ट्रैक्टर बगैर किसी कागजात के गेहूं ले जाते पकड़े गए।
पूछताछ में सामने आया कि किसानों से कम कीमत पर गेहूं खरीद कर, अच्छे मुनाफे के लिए वाराणसी ले जाया जा रहा था। पकड़े गए अनाज को, कार्रवाई के लिए खाद्य विपणन विभाग की तरफ से मंडी समिति के सचिव को सुपुर्द कर दिया गया। दोपहर बाद तक इस मामले में एक्शन क्या लिया गया? इसकी तस्वीर स्पष्ट नहीं हो पाई थी। संबंधित अफसरों-निरीक्षकों का कहना था कि, इसको लेकर संबंधित कथित व्यापारियों को, निर्धारित पेनाल्टी जमा करने के लिए कहा जा रहा है।
बताते हैं कि कुछ दिन पूर्व एक ट्रक भी बगैर किसी कागजात के वाराणसी गेहूं ले जाता पकड़ा गया था लेकिन इस मामले में क्या कार्रवाई हुई, यह जानकारी सामने नहीं आ सकी। अलबत्ता बुधवार की देर रात डिप्टी आरएमओ अमित चौधरी को किसी के जरिए जानकारी मिली कि राबर्टसगंज से चार ट्रैक्टर बगैर किसी वैध प्रपत्र के गेहूं लेकर, खैराही यानी आगे चलकर राजगढ़-सक्तेशगढ़ के रास्ते वाराणसी के लिए निकलने वाले हैं।
इस पर उन्होंने मंडी समिति की टीम से संपर्क साधा। इसके बाद दोनों विभागों की संयुक्त टीम गठित की गई। भोर में तीन-साढ़े तीन बजे के करीब, टीम मिली सूचना के आधार पर खैराही पहुंची तो देखा कि थोड़ी-थोड़ी दूरी बनाए रखते हुए अनाज की बोरियों से लदे चार ट्रैक्टर आगे की तरफ बढ़ रहे हैं। इसमें तीन पर अनाज से भरी बोरियां लदी दिखाई दे रही थीं। जबकि एक को तिरपाल से कवर कर रखा गया था। चारों वाहनों को रोककर जांच की गई तो पता चला कि बोरियों में गेहूं भरा हुआ है। किसी भी वाहन के पास गेहूं को सोनभद्र से वाराणसी ले जाने के लिए कोई प्रपत्र मौजूद नहीं था।
मंडी लाकर कराई गई तौल, 400 कुंतल पाया गया वजन
वहां से गेहूं लदे चारों ट्रैक्टरों को कब्जे में लेकर मंडी समिति लाया गया। यहां वजन की प्रक्रिया पूरी कराने के बाद, मंडी परिसर में ही एक किनारे खड़ा करा दिया गया। बताया गया कि चारों वाहनों पर लदे गेहूं का कुल वजन 400 कुंतल पाया गया है। हालांकि इस मामले में विभागीय स्तर पर क्या कार्रवाई अमल में लाई गई, इसकी पूरी तस्वीर, दोपहर बाद तक स्पष्ट नहीं हो पाई थी।
हो गहन जांच तो होगा बड़े खेल का खुलासा
फिलहाज जैसा बताया जा रहा है कि प्रकरण में पेनाल्टी यानी गेहूं बाहर ले जाने के लिए मंडी टैक्स अदायगी न किए जाने के एवज में पेनाल्टी की प्रक्रिया अपनाई जा रही है लेकिन जैसी चर्चा है कि, सारा खेल अनाज तस्करी और कागजों का खेल कर, जिले में संचालित क्रय केंद्रों से भी ऊंची कीमत पर अनाज बेचने का है। बताया जा रहा है कि यूपी सरकार की ओर से जो क्रय केंद्र संचालित किए जा रहे हैं, उस पर गेहूं का खरीद मूल्य 2425 रुपये प्रति कुंतल निर्धारित है।
वहीं, वाराणसी में केंद्रीय स्तर की कोई खरीद एजेंसी है, जो 2600 रुपये प्रति कुंतल से भी ज्यादा मूल्य दे रही है। उल्लेखनीय है कि, किसी भी राज्य या केंद्र के खरीद केंद्र पर, धान की बिक्री किसान द्वारा और उस केंद्र की एक निर्धारित एरिया के किसानों द्वारा ही सामान्यतया की जाती है लेकिन सोनभद्र के गेहूं की वाराणसी में खरीद, वह भी बगैर किसी वैध प्रपत्र के.. होने की चर्चा जिस तरह के सामने आ रही है। उसको देखते हुए कहा जा रहा है कि अगर प्रकरण की गहनता से और उच्चस्तर पर जांच की गई तो अनाज तस्करी का एक बड़ा रैकेट सामने आ सकता है।
जानिए, किस अफसर ने क्या दी जानकारी?
फोन पर डिप्टी आरएमओ अमित चौधरी ने बताया कि चार ट्रैक्टर बगैर किसी वैध प्रपत्र के गेहूं ले जाते पकड़े गए हैं। कारवाई के लिए उन्हें मंडी सचिव को सौंप दिया गया है। मंडी सचिव रविकांत ने बताया कि प्रकरण में पेनाल्टी निर्धारित की जानकारी है, इसके लिए मंडी निरीक्षक आएस मौर्य को जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं, आरएस मौर्य ने बताया कि संबंधित व्यापारियों से, पेनाल्टी जमा करने के लिए कहा गया है।