Sonbhadra News: हाइटेंशन टावर के नीचे नाप दी जमीन, एथलीट-परिवार के लोग बोलेः जमीन उनके काम की नहीं

Sonbhadra News: जिस जगह पर खपरैल का मकान बना हुआ है, उसी जमीन को भी चकबंदी में बंजर घोषित कर दिए जाने से, वहां भी पक्का मकान बना पाना संभव नहीं हो पा रहा है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 9 Oct 2023 9:55 PM IST
Rambabu
X

Rambabu

Sonbhadra News: एशियन गेम्स में 35 किमी पैदल चाल में देश के लिए मेडल लाने वाले रामबाबू के परिवार को जिला प्रशासन की तरफ से घर बनाने के लिए दी गई सौगात पर राजस्वकर्मियों की तरफ से पानी फेरने का आरोप लगाया गया है। एथलीट और उसके परिवार वालों का आरोप है कि हाइटेंशन टावर के नीचे जमीन नाप दी गई जो किसी काम की नहीं है। इसको लेकर लेखपाल, प्रधान से लेकर अन्य संबंधितों से कई बार गुहार भी लगाई लेकिन अभी तक उसका कोई नतीजा नहीं निकल सका है। जिस जगह पर खपरैल का मकान बना हुआ है, उसी जमीन को भी चकबंदी में बंजर घोषित कर दिए जाने से, वहां भी पक्का मकान बना पाना संभव नहीं हो पा रहा है।

बताते चलें कि बहुअरा ग्राम पंचायत के भैरवा गांधी टोला निवासी रामबाबू ने एशियन गेम्स में पिछले सप्ताह ब्रांच मेडल हासिल किया था। इससे पहले पिछले वर्ष अक्टूबर माह में नेशनल खेल में गोल्ड झटककर जिले और परिवार का नाम गौरवान्वित किया था। उसकी कामयाबी से गदगद जिला प्रशासन की तरफ से 11 विश्वा जमीन की सौगात प्रदान की गई थी। इसमें 10 विश्वा खेती के लिए और एक विश्वा जमीन घर बनाने के लिए प्रदान की गई थी। एथलीट रामबाबू और उसके माता-पिता का कहना है कि पहले जमीन हाइटेंशन लाइन से बाहर नापी गई। जब पीलर की खुदाई हो गई बाद में लेखपाल और प्रधान ने आकर आधी जमीन टावर के नीचे नाप दी। अब ऐसे में वह जमीन उनके लिए आवासीय उपयोग के लिहाज से निष्प्रयोज्य बनकर रह गई है। इस बात का रामबाबू को भी खासा मलाल है। एशियन गेम्स के बाद सोनभद्र पहुंचे रामबाबू का कहना था कि वह देश के लिए मेडल लाने में लगे हुए हैं लेकिन अभी तक उनके माता-पिता के लिए एक अच्छे मकान के छत की आस पूरी नहीं हो सकी है।

चकबंदी के समय भी परिवार भुगत चुका है उपेक्षा का दंश

ब्ताते हैं कि जिस जगह रामबाबू का मौजूदा मकान है, वह 2000 में चकबंदी होेन से पूर्व आबादी माना जाता था। रामबाबू की मां मीना देवी का कहना है कि उन्होंने इस जमीन को पैसे देकर खरीदा था और तब से इस पर खपरैल का कच्चा मकान बनाकर रह रही हैं। 2000 में चकबंदी के समय इस जमीन को आबादी का दर्जा मिलना चाहिए था लेकिन तत्कालीन राजस्वकर्मियों की तरफ से मकान बनी जमीन को बंजर घोषित कर दिया गया।

लेखपाल से जानकारी लेकर की जाएगी पहल: तहसीलदार

नवागत तहसीलदार राबटर्सगंज सुशील कुमार ने फोन पर कहा कि उन्हें इस प्रकरण की जानकारी नहीं थी। वह संबंधित लेखपाल से जानकारी करेंगे। अगर मामला सही पाया गया तो एथलीट परिवार के हक में आवश्यक पहल की जाएगी। वहीं, जमीन नापी के समय तहसीलदार रहे सुनील कुमार से फोन पर संपर्क साधा गया तो उनका कहना था कि वह तीन माह पूर्व वहां से स्थानांतरित हो चुके हैं। टावर के नीचे नापी गई जमीन की जगह, घर बनाने के लिए सही जमीन दिए जाने की पहल हो रही है कि नहीं, इस पर उनका कहना था कि इसके लिए तहसील जाकर जानकारी करनी पड़ेगी।

Anant kumar shukla

Anant kumar shukla

Content Writer

अनंत कुमार शुक्ल - मूल रूप से जौनपुर से हूं। लेकिन विगत 20 सालों से लखनऊ में रह रहा हूं। BBAU से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन (MJMC) की पढ़ाई। UNI (यूनिवार्ता) से शुरू हुआ सफर शुरू हुआ। राजनीति, शिक्षा, हेल्थ व समसामयिक घटनाओं से संबंधित ख़बरों में बेहद रुचि। लखनऊ में न्यूज़ एजेंसी, टीवी और पोर्टल में रिपोर्टिंग और डेस्क अनुभव है। प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म पर काम किया। रिपोर्टिंग और नई चीजों को जानना और उजागर करने का शौक।

Next Story

AI Assistant

Online

👋 Welcome!

I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!