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Sonbhadra: प्राइवेट चिकित्सालयों के स्टाफ का बनेगा रिकार्ड, चिकित्सक व कर्मियों के नाम होंगे रजिस्टर्ड
Sonbhadra News: सीएमओ डा. अश्वनी कुमार ने बताया कि प्राइवेट हास्पिटलों में रजिस्ट्रेशन में उल्लिखित तथ्यों से इतर जाकर मरीजों का इलाज-ऑपरेशन करने और इसके चलते मरीजों के साथ अनहोनी की घटनाएं सामने आ रही हैं।
Sonbhadra News (Pic:Newstrack)
Sonbhadra News: अब प्राइवेट चिकित्सालयों के पंजीयन में डॉक्टरों और कर्मियों की कागजी खानापूर्ति नहीं चलेगी। रजिस्ट्रेशन कहीं, प्रैक्टिस कहीं.. के अंदाज में चल रहे चिकित्सा व्यवसाय के खेल पर अंकुश के लिए जहां राजस्व की तरफ से स्वास्थ्य महकमे को निर्देश दिए गए हैं। वहीं, सीएमओ डा. अश्वनी कुमार की तरफ से जिले में पंजीकृत सभी प्राइवेट अस्पतालों में सूचीबद्ध चिकित्सक और कर्मियों का रिकार्ड तैयार करवाने को लेकर प्रकिय्रा शुरू करवा दी है। शनिवार को इस मसले पर जिला मुख्यालय स्थित कई अस्पताल संचालकों की बैठक ली गई और उन्हें इसको लेकर जरूरी दिशा-निर्देश दिए गए।
सीएमओ ने ली अस्पताल संचालकों संघ की बैठक
सीएमओ डा. अश्वनी कुमार ने बताया कि प्राइवेट हास्पिटलों में रजिस्ट्रेशन में उल्लिखित तथ्यों से इतर जाकर मरीजों का इलाज-ऑपरेशन करने और इसके चलते मरीजों के साथ अनहोनी की घटनाएं सामने आ रही हैं। इसको देखते हुए राजस्व सरकार की तरफ से ऐसे अस्पतालों पर शिकंजा कसने के निर्देश दिए गए हैं। उसी के क्रम में जिला मुख्यलय स्थित अस्पताल के संचालकों की बैठक बुलाई गई थी। उन्हें यह निर्देश दिया गया था कि वह चिकित्सकीय टीम के साथ आएंगे लेकिन केवल एक अस्पताल संचालक ही मेडिकल आफिसर के साथ आए। अगली बैठक में सभी को संबंधित चिकित्सक के साथ, चिकित्सा कर्मियों का विवरण लेकर उपस्थित होने के निर्देश दिए गए हैं।
हास्पिटल प्रोफेशनल के रजिस्ट्रेशन की शुरू हुई प्रक्रिया
सीएमओ ने बताया कि अब तक हास्पिटल फैसिलिटी के रजिस्ट्रेशन की प्रकिय्रा अपनाई जा रही थी। अब सरकार की तरफ से हास्पिटल प्रोफशनल यानी चिकित्सकों के भी रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं।
अभी तक यह है मानक, आगे इसमें और हो सकती है तब्दीली‘
अभी तक प्रावधान है कि आठ किमी की एरिया में एक एमबीबीएस चिकित्सक दो अस्पतालों में अपनी सेवाएं दे सकता हैं लेकिन जो राज्य सरकार की तरफ से नई प्रक्रिया अपनाई जा रही है, उसमें इस बात की संभावना जताई जा रही है कि इसे संशोधित कर एक चिकित्सक के नाम पर एक ही अस्पताल के रजिस्ट्रेशन की अनुमति का प्रावधान लागू किया जा सकता है।
एक क्लिक पर सामने होगा सारा ब्यौरा
नई प्रक्रिया से जैसे ही किसी चिकित्सक या चिकित्सा कर्मी के रजिस्ट्रेशन नंबर के जरिए ऑनलाइन चेकिंग की जाएगी, वैसे ही संबंधित व्यक्ति के नाम कितने अस्पताल या अल्ट्रासाउंड सेंटर का रजिस्ट्रेशन है, इसका विवरण सामने आ जाएगा। एक चिकित्सक या चिकित्सा कर्मी के नाम पर मानक से अधिक अस्पताल या सेंटर का रजिस्ट्रेशन पाए जाने पर संबंधित अस्पताल का रजिस्ट्रेशन कैंसिल कर दिया जाएगा। बता दें कि जिले में कुल 97 प्राइवेट हास्पिटल पंजीकृत है, जिसमें कुछ सील किए गए हैं।
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