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Sonbhadra News: छह किमी के सड़क निर्माण में ध्वस्त हो गई 12 किमी सड़क, ओवरलोड वाहनों ने निकाल दिया कचूमर
Sonbhadra News: ओवरलोड वाहनों के भार के चलते रास्ते में पड़ने वाले पुलिया और रपटा भी टूट गए हैं, जिस पर मिट्टी डालकर ओवरलोड वाहनों से, इस सड़क से इतर, दूसरी सड़क के निर्माण के लिए माल की ढुलाई जारी है।
ओवरलोड वाहनों से क्षतिग्रस्त मार्ग(Pic:Newstrack)
Sonbhadra News: निर्माण हो रही छह किमी सड़क और इसके चलते ध्वस्त हो गई 12 किमी सड़क..। सुनने में यह शब्द भले ही अटपटा लगे.. लेकिन नगवां ब्लाक के कोदई क्लस्टर में कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है। दरअसल पूरा प्रकरण चिरूई भावां से पल्हारी टोला और पपड़हवा टोले से मछरमारा को जोड़ने के लिए निर्मित जा रही कुल छह किमी सड़क से जुड़ा हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि इस सड़क के निर्माण के लिए, ओवरलोड वाहनों से की गई माल की ढुलाई ने महज माह भर में ही विजयगढ़ दुर्ग से पपड़हवा-पल्हारी तक बनी सडक का कचूमर निकाल दिया है। ओवरलोड वाहनों के भार के चलते रास्ते में पड़ने वाले पुलिया और रपटा भी टूट गए हैं, जिस पर मिट्टी डालकर ओवरलोड वाहनों से, इस सड़क से इतर, दूसरी सड़क के निर्माण के लिए माल की ढुलाई जारी है।
यह है पूरा माजरा
पीडब्ल्यूडी निर्माण खंड दो से नगवां ब्लाक के कोदई क्लस्टर एरिया में चिरूई ग्राम पंचायत के भावां टोले से पल्हारी ग्राम पंचायत के पल्हारी टोले और पपड़हवा टोले से मछरमारा को जोड़ने के लिए कुल छह किमी नई सडक का निर्माण किया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि इस सड़क के निर्माण के लिए जो सामग्री मंगाई जा रही है, वह ओवरलोड और काफी ज्यादा भार लेकर चलने वाले वाहनों से मंगाई जा रही है। इसके चलते, नई निर्मित हो रही सडक से पहले, एक साल पूर्व विजयगढ़ दुर्ग से पल्हारी ग्राम पंचायत के पपडहवा टोले तक बनाई गई लगभग 12 किमी सडक जगह-जगह से टूटकर बडे़-बड़े गड्ढों में तब्दील हो गई है। बताते हैं कि इस रास्ते पर बनी पुलिया-रपटे भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं और इससे माल लदे वाहनों को गुजारने के लिए मिट्टी डाल दी गई है। पल्हारी के क्षेत्र पंचायत सदस्य बिंदु अगरिया भी इस बात को स्वीकार करते हैं। कहते हैं कि गिट्टी लदे भारी वाहनों की आवाजाही ने महज एक माह में विजयगढ़ दुर्ग से पपड़हवा के लिए एक वर्ष पूर्व बनी सडक का कबाड़ा कर दिया।
मुनाफे के खेल ने निकलवा दिया सडकों का कचूमर
बताते हैं कि विजयगढ़ दुर्ग के पास सीधी चढ़ाई होने के कारण दुर्ग के निचले हिस्से में डंपिंग यार्ड बनाकर टैक्टर से आगे के लिए सड़क निर्माण सामग्री ले जाई जाती थी लेकिन ज्यादा मुनाफा के चक्कर में ठीकेदार की तरफ से ज्यादा माल वाहन क्षमता वाहनों से माल की ढुलाई करवाई गई और माल डंपिंग यार्ड में न गिराकर, सीधे कार्यस्थल पर ले जाया गया, जिसके चलते, भार क्षमता कम होने के कारण, विजयगढ़ दुर्ग-पपड़हवा सडक टूटकर जगह-जगह गड्ढों में तब्दील हो गई।
ग्रामीणों के साथ आस्थावानों को भी उठानी पड़ रही कठिनाई
क्षतिग्रस्त सड़क से मोरैला, बोदरहवा, कोदई, गड़वान, बैजनाथ, पपड़हवा, पल्हारी, मछरमारा आदि गांवों के ग्रामीणों का आना-जाना होता है। वहीं, मत्स्येंद्रनाथ गुफा और मां अमिला धाम जाने के लिए इस रास्ते हर दिन सैकड़ों लोग गुजरते हैं। सड़क टूटने के कारण ग्रामीणों के साथ ही, श्रद्धालुओं को भी परेशानी पड़ रही है।
माल ढुलाई कर रहे वाहनों से पीडब्ल्यूडी का कोई लेना-देना नहीं
अवर अभियंता अनिल शर्मा का फोन पर कहना था कि ओवरलोड वाहनों के गुजरने के मामले से उनका कोई लेना-देना नहीं है। इसे रोकने का काम परिवहन विभाग का है। जो सड़क क्षतिग्रस्त है, उसकी पैचिंग करा दी जाएगी। सवाल उठता है कि महज, एक वर्ष पूर्व बनी सड़क का, दूसरी सड़क निर्माण के लिए हुए माल ढुलाई परिवहन ने कचूमर निकाल दिया और अब पीडब्ल्यूडी विभाग के लोगों का कहना है कि इसको लेकर उनकी कोई जिम्मेदारी है। इस पर सवाल उनसे नहीं परिवहन विभाग से पूछा जाना चाहिए। जब कि पूर्व में निर्मित सड़क और वर्तमान में निर्मित हो रही सड़क दोनों का क्षेत्राधिकार उन्हीं के पास है।
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