TRENDING TAGS :
Sonbhadra News: शौचालय गबन में प्रधान की गिरफ्तारी के विरोध में ग्रामीणों का प्रदर्शन, कहा: विभागीय जांच में दी जा चुकी है क्लीनचिट
Sonbhadra News: पुलिस की तरफ से भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रधान की हुई गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए जहां एफआईआर के बाद हुई जांच में क्लीनचिट मिलने का दावा किया जा रहा है।
Sonbhadra News (Pic:Newstrack)
Sonbhadra News: शौचालय निर्माण में घपले को लेकर लंबे समय तक चर्चा में रहने वाली दुद्धी ब्लाक की धूमा ग्राम पंचायत एक बार फिर से चर्चा में है। पुलिस की तरफ से भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रधान की हुई गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए जहां एफआईआर के बाद हुई जांच में क्लीनचिट मिलने का दावा किया जा रहा है। वहीं, रविवार को ग्राम पंचायत के पंचायत भवन पर महिला-पुरूषों ने प्रदर्शन करते हुए गिरफ्तारी पर विरोध दर्ज कराया और कार्रवाई वापस लेने की मांग की। वहीं, पुलिस का कहना है कि जांच में दोषी पाए जाने पर विभाग की तरफ से ही एफआईआर दर्ज कराई गई थी और पुलिस जांच में भी अपराध होना पाया गया है।
विभागीय स्तर पर मिल चुकी है क्लीनचिट
स्वयं सहायता समूह से जुड़ी रेखा देवी, किरण शारदा, सुनीता, लालती देवी, रेखा, समुंद्री देवी, पानपती देवी, कबूतरी देवी, फुलेश्वरी, कलावती, लीलावती, मंजरी, हृदया देवी, फुलपती देवी, समांती देवी, मुन्नी देवी, विमला देवी आदि का कहना था कि जांच में विभागीय स्तर पर क्लीनचिट मिल चुकी है। प्रधान की तरफ से इसकी कापी भी पुलिस को उपलब्ध कराई गई थी। बावजूद गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। ग्रामीणों ने गवंई राजनीति के चक्कर में प्रधान को फर्जी तरीके से फंसाए जाने का आरोप लगाया।
यह है पूरा मामला
अपर जिला पंचायत राज अधिकारी, सहायक जिला पंचायत राज अधिकारी प्राविधिक, जिला कंसल्टेंट अनिल केशरी, किरन सिंह की जांच में धूमा ग्राम पंचायत में बड़े शौचालय घोटाले का दावा किया गया था और इसके लिए प्रधान और तत्कालीन दो सचिवों को दोषी पाए जाने की रिपोर्ट दी गई थी। इसके आधार पर डीपीआरओ के निर्देश पर एडीओ पंचायत की तरफ से प्रधान रामप्रसाद यादव, पंचायत सचिव उमेश कुमार और चांदनी गुप्ता के खिलाफ विंढमगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। वहीं, पंचायत राज विभाग की तरफ से वसूली के लिए नोटिस जारी की गई थी। नोटिस के मिले जवाब क्रम में फाइल डीएम के यहां प्रस्तुत की गई, जहां से मिले स्पष्टीकरण के क्रम में फाइनल जांच के लिए जिला कृषि अधिकारी और जिला पंचायत राज अधिकारी को निर्देश दिया गया।
फाइनल जांच में अधिकारियों ने देयता शेष न होने की दी थी रिपोर्ट
दोनों जांच अधिकारियों ने डीएम को जो रिपोर्ट सौंपी, उसमें बताया गया कि शौचालय मद में निकाली गई 93,56,352 रूपये में से शौचालय निर्माण पर व्यय की गई तथा निधि-छह में जमा की गई शेष धनराशि की कुल गणना 93,56,402 पाई गई। जांच आख्या के आधार पर निष्कर्ष निकाला गया कि शौचालय निर्माण की धनराशि का वर्तमान समय में कोई वसूली एवं अन्य देयता शेष नहीं है। इस आधार पर डीएम स्तर से प्रकरण अप्रैल 2023 में निक्षेपित कर दिया गया।
विभागीय जांच के बाद कराई गई थी एफआईआर: प्रभारी निरीक्षक
प्रभारी निरीक्षक विंढमगंज श्यामबिहारी ने फोन पर बताया कि विभाग की तरफ से ही जांच में दोषी मिलने की बात कहते हुए एफआईआर दर्ज कराई गई थी। आरोपियों ने एफआईआर को चुनौती भी दी लेकिन उन्हें कोई कामयाबी नहीं मिली थी। पुलिस जांच में अपराध होना पाया गया, इसको दृष्टिगत रखते हुए, यह कार्रवाई की गई। अब जब पुलिस ने मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रधान की गिरफ्तारी कर ली है और संबंधित सचिवों पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगी है तो कथित क्लीनचिट का मसला सुर्खियों में आ गया है।
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!


