पानी की कमी को लेकर सोनिया गांधी ने जताई चिंता, DM को लिखा लेटर

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Published on: 8 May 2016 10:30 PM IST
पानी की कमी को लेकर सोनिया गांधी ने जताई चिंता, DM को लिखा लेटर
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रायबरेली: देश भर में इस वक्त पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। देश के हुक्मरानों के ऊपर जनता को पेयजल उपलब्ध कराने का दबाव भी साफ झलक रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष और रायबरेली से सांसद सोनिया गांधी ने भी अपने संसदीय क्षेत्र में पानी की किल्लत को लेकर चिंता जाहिर की है।

क्षेत्र की जनता को पेयजल उपलब्ध कराने के संबंध में उन्होंने रायबरेली के डीएम को लेटर लिखकर नए हैंडपंप लगाने और पुराने खराब पड़े हैंडपंपों की मरम्मत करवाने की बात कही है।

लेटर में क्या लिखा सोनिया ने ?

-सोनिया गांधी ने जिलाधिकारी से अनुरोध किया कि वित्तीय वर्ष 2016-17 को रायबरेली क्षेत्र के लिए ‘पानी का वर्ष’ मानकर कार्य योजना तैयार की जाए।

-उन्होंने लिखा, 'मेरी सांसद निधि और जिला आयोजना सहित अन्य सभी संभव स्रोतों से वांछित धनराशि इन योजनाओं के लिए उपलब्ध कराई जाए।'

-लेटर में उन्होंने लिखा कि हमारी कोशिश होनी चाहिए कि सभी उपलब्ध संसाधन इसी दिशा में केंद्रित हों।

-राज्य और केंद्र के स्तर पर जहां भी जरूरत पड़ेगी मदद का पूरा प्रयास किया जाएगा।

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डीएम को लिखे लेटर की प्रति डीएम को लिखे लेटर की प्रति

फ्लोराइड प्रभावित क्षेत्रों को करें शामिल

-गांधी ने लेटर के माध्यम से डीएम को यह भी कहा कि अपनी कार्ययोजना में फ्लोराइड प्रभावित क्षेत्रों को सम्मिलित करें।

-साथ ही आगामी जिलास्तरीय सतर्कता एवं अनुश्रवण समिति में सभी जनप्रतिनिधियों से इस मुद्दे पर विचार आमंत्रित किए जाएं ताकि उन पर सार्थक चर्चा हो सके।

सोनिया के निजी सचिव ने की थी बैठक

इस संबंध में बीते दिनों सोनिया गांधी के निजी सचिव धीरज श्रीवास्तव ने डीएम सहित पेयजल निगम के अधिकारियों के साथ बैठक की थी।

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इन मुद्दों को किया गया रेखांकित

-बैठक में मनरेगा के अंतर्गत तालाबों को गहरा कराकर नहरों से जोड़ने।

-प्रत्येक ब्लॉक में दो लोगों को कौशल संवर्धन योजना में टेंडर कराकर बंद पड़े तेरह हजार हैंडपंपों की मरम्मत कराने का निर्णय लिया गया था।

-ब्लॉक स्तर पर ट्राॅली ट्रांसफार्मर की व्यवस्था की जाएगी ताकि ट्यूबेल चल सके।

-ग्राम सभा स्तर पर पेयजल समिति को सौर ऊर्जा आधारित पंपों के रखरखाव की जिम्मेदारी दी जाएगी।

-साथ ही 1344 नई बस्तियों में फ्लोराइड पानी से निस्तारण के लिए राज्य सरकार से मदद लिए जाएंगे।

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