गैंगरेप के बाद पुलिस के संग घूम रहा था गौरव, SI ने ऐसे सुलझाई मिस्ट्री

Admin
Published on: 13 April 2016 11:33 PM IST
गैंगरेप के बाद पुलिस के संग घूम रहा था गौरव, SI ने ऐसे सुलझाई मिस्ट्री
X

ved prakash singh Ved Prakash Singh

लखनऊ: 11 साल पुराने आशियाना गैंग रेप मामले में सेसन कोर्ट ने आरोपी गौरव शुक्ला को दोषी मानकर जेल भेज दिया है, लेकिन गैंगरेप की वारदात के बाद भी गौरव निडर रहा और खुलेआम टहलता रहा, क्योंकि उसे जहां अपने लोगों की पहुंच पर गर्व था वहीँ उसे इस बात का यकीन था कि वह पहचाना नहीं जाएगा।

साल 2005 में आरोपी गौरव ने राह चलती एक लड़की को किडनैप किया था जिसे वह पहले जानता तक नहीं था। यह खुलासा किया है राजधानी में तैनात एक एसआई ने जो उसकी मोबाइल शॉप में हुई चोरी की जांच कर रहा था। एसआई ने बताया कि गैंगरेप के 2 दिन बाद भी वह अपने सामान की बरामदगी के सिलसिले में पुलिस टीम के साथ गया था।

क्या था मामला और कैसे पुलिस के साथ था एक रेपिस्ट ?

-एसआई के मुताबिक आरोपी गौरव शुक्ला की साल 2005 में अलीगंज के पुरनिया पर एक मोबाइल की दुकान थी।

-जिसमे एक बार चोरी हुई। जिससे उसके सैकड़ों मोबाइल चोरी हो गए।

-उन दिनों सर्विलांस की ज्यादा जानकारी पब्लिक में नहीं थी तो लोग चोरी का मोबाइल भी धड़ल्ले से इस्तेमाल करते थे।

-ऐसे में सर्विलांस की मदद से पुलिस ने उसके चोरी हुए सभी मोबाइल के IEMI नंबर रन करवाए तो कई मोबाइल चलते मिले।

-उन्ही मोबाइल की लोकेशन ट्रेस करने के बाद एक पुलिस टीम वेस्ट यूपी गई थी।

-उस टीम में गौरव शुक्ला भी शामिल था।

-गैंग रेप की वारदात के 3 दिन बाद ही एसआई ने बताया कि उस समय तक किसी को भी इस बात की जानकारी नहीं थी कि रेपिस्ट कौन है।

कैसे मिला सुराग ?

-एसआई ने Newztrack को बताया कि रेड के दौरान जब हम लोग गाड़ी से जा रहे थे तो गौरव के हाथ में चोट के निशान देखे।

-जब चोट के बारे में गौरव से पूछा गया तो उसने कहा ‘बस ऐसे ही’।

-एसआई ने बताया कि उन्हें यह पता था कि गौरव शुक्ला का घरेलू नाम बाबा है और उसके पास एक सैंट्रो कार है।

घर बैठे ही मिलाई कड़ी से कड़ी

-एसआई ने बताया कि अखबारों में जब रेपिस्ट के बारे में सुबह पढ़ा तो उसमे विक्टिम का बयान लिखा था।

-विक्टिम का बयान था कि आरोपियों ने उसे सैंट्रो कार में बिठाया था और आरोपी गौरव को सब बाबा कह रहे थे।

-विक्टिम को जलाने में गौरव का भी बायां हाथ जल गया था।

-तभी मेरे दिमाग में उसका भी नाम कौंधा कहीं वही तो नहीं?

यह भी पढ़ें ... आशियाना गैंगरेप : कोर्ट ने गौरव शुक्ला को बताया दोषी, भेजा गया जेल

परिजन बनाने लगे थे उससे दूरी

-कई दिनों बाद आरोपियों को पकड़ने के लिए महिला संगठनों ने धरना देना शुरू किया, तो पुलिस पर भी दबाव बढ़ता गया।

-इस दौरान गौरव शुक्ला लापता हो गया।

-जबकि उसकी दुकान संभालने वाले नौकर और गौरव के परिजन पुलिस से दूरी बनाने लगे।

-जब दुकान पर जाकर किसी से गौरव के बारे में पूछा जाता तो वह गोल-मोल जवाब देता।

-इससे एसआई का यकीन पुख्ता हो गया।

एक चेक ने बता दी गौरव की लोकेशन

-जब एसआई गौरव की दुकान पर पहुंचा तो वहां मौजूद नौकर ने एसआई से बात ना करने के लिए बहाने बनाने लगा।

-इसी दौरान एसआई को नौकर के जेब में एक चेक दिखाई दी।

-जिसके बारे में एसआई ने पूछताछ की और उसी दौरान एसआई ने चेक का नंबर नोट कर लिया।

-जब उस चेक के बारे में पता किया तो मालूम हुआ कि वह अकाउंट गौरव शुक्ला का था।

-उस अकाउंट से 2 बार जयपुर में एटीएम के जरिये पैसे निकाले गए हैं।

-इसके बाद पुलिस की एक टीम ने जब गौरव की फोटो विक्टिम को दिखाई तो उसने गौरव को कद काठी से पहचान लिया।

-इसके बाद एक टीम गौरव की खोज के लिए जयपुर गई।

-गौरव इस रेप के सह-आरोपी सौरभ जैन के एक रिश्तेदार के यहां रुका था।

यह भी पढ़ें ... आशियाना गैंग रेप विक्टिम ने बांटी मिठाई, कहा-सिर्फ मेरी नहीं थी लड़ाई

भनक लगते ही भाग निकला आरोपी गौरव शुक्ला

-पुलिस टीम के पहुंचने से पहले ही गौरव को इस बात की भनक लग गई और वह वहां से भाग निकला।

-लेकिन तब तक इस बात की तस्दीक हो चुकी थी वह आरोपी कोई और नहीं गौरव शुक्ला ही था।

-जिसे उस वक़्त उसके दोस्त बाबा-बाबा के नाम से पुकार रहे थे।

-बाद में, पुलिस ने गौरव को उसके साथियों के साथ अरेस्ट कर लिया।

-जिसमे गौरव के अलावा सभी को सजा हो गई है।

Admin

Admin

Next Story

AI Assistant

Online

👋 Welcome!

I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!