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यूपी के इस सिंघम ने 100 परिवारों के चेहरों की लौटाई मुस्कान
लखनऊ : सुनील दत्त दूबे देश में शतक पूरा करने वाले पहले कोतवाल बन गए हैं। निठारी कांड के बाद से बच्चों को लेकर बने कानून की वजह से उन्हें यह सफलता मिली है। मेरठ, इलाहाबाद, प्रतापगढ़, कौशाम्बी समेत करीब एक दर्जन जिलों में तैनात रहे सुनील ने पूरेटीका गावं गोपीगंज के अविनाश को बरामद कर 100 बच्चों की बरामदगी का रिकार्ड बनाया है। अधिकतर बरामद बच्चे दिव्यांग और 18 साल से कम उम्र के हैं।
हमेशा बदनामियों के चलते चर्चा में रहने वाली यूपी पुलिस इन दिनों कुछ अलग कर गुजरने की वजहों से चर्चा में हैं। आगरा में घायल को पीठ पर लाद कर हॉस्पिटल पहुँचाने की तस्वीर हो, या फिर इटावा में मासूम को नुमाइश दिखा कर बाप-बेटे का विवाद खत्म कराने की अनूठी कोशिश।
अब भदोही में तैनात इंस्पेक्टर गोपीगंज, सुनील दत्त दूब 100 घरों में खुशियां बिखेरने की वजह बन गए हैं। गोपीगंज के पूरेटीका गावं में रहने वाले नन्हकू बिन्द का 13 वर्षीय बेटा अविनाश उर्फ़ गौरी घर से लापता हो गया। अक्टूबर से लापता अविनाश को बूढ़ा बाप पहले खुद तलाशता रहा फिर 8 दिसंबर को गोपीगंज कोतवाली में मुकदमा लिखा दिया।
नाउम्मीद हो चुके नन्हकू को सुनील ने वह खुशी दे दी जिस की उसे उम्मीद ही नहीं थी। पुलिस ने अविनाश को शांतिपुर इलाके में एक संस्था के आफिस से बरामद किया।
1989 बैच के डायरेक्ट सब इंस्पेक्टर के तौर पर भर्ती हुए सुनील दत्त दूबे ने अविनाश को बरामद कर मेरठ, बागपत, प्रतापगढ़, इलाहाबाद, कौशाम्बी, जौनपुर, मिर्ज़ापुर, सोनभद्र और भदोही में "आपरेशन तलाश" के जरिये100 बच्चों को बरामद करने का रिकार्ड बना दिया है। सुनील ने भदोही में 90 के स्कोर से नॉट आउट पारी शुरू की तो शतक बना कर पूरी हुई।
दरअसल निठारी कांड के बाद देश भर में बच्चों की गुमशुदगी दर्ज करने की सख्त हिदायत जारी हुई। जिस के बाद से यूपी में भी बच्चों के लापता होने पर गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की जाती है। एनसीआरबी के रिकार्ड को माने तो यूपी से प्रतिदिन 8 नाबालिग बच्चे गायब होते हैं। इन में से औसतन तीन बच्चे बरामद ही नहीं होते जबकि गायब होने वाले नाबालिगों में करीब 34 फीसदी लडकियां होती हैं।

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