उत्तर प्रदेश : कोर्ट ने टाली सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा 2018 

Rishi
Published on: 6 March 2018 10:38 PM IST
उत्तर प्रदेश : कोर्ट ने टाली सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा 2018 
X

लखनऊ : इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने राज्य सरकार द्वारा करायी गयी टीईटी 2017 परीक्षा में 14 सवालों में गड़बड़ी के चलते सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा 2018 टाल दी है। कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया है कि 14 गलत सवालों के नंबर हटाकर फिर से टीईटी परीक्षा 2017 का परिणाम घोषित किया जाये। यह कवायद एक महीने में करने के बाद ही सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा करवायी जाये।

कोर्ट ने कहा कि 15 अक्टूबर 2017 को करायी गयी टीईटी परीक्षा 2017 में एनसीटीई के नियमों का पालन नही किया गया जिसके चलते कोर्ट को दखल देने की जरूरत पड़ रही है। कोर्ट ने पाया कि टीईटी परीक्षा में 8 प्रश्न गलत थे संस्कृत भाषा के दो प्रश्नेां के विकल्प गलत थे चार प्रश्न पाठ्रयक्रम के बाहर के थे तथा भाषा विषय में उचित नंबर के प्रश्न नहीं थे।

यह आदेश जस्टिस राजेश सिंह चैहान की बेंच ने टीईटी परीक्षा 2017 केा अलग अलग चुनौती देने वाली तीन सौ से अधिक रिट याचिकाओं पर एक साथ फैसला सुनाते हुए पारित किया। रिट याचिकायें दाखिल कर टीईटी परीक्षा 2017 को चुनौती दी गयी थी। कहा गया था कि उक्त परीक्षा एनसीटीई के दिशानिर्देशों के तहत नही करायी गयी थी। यह भी कहा गया कि परीक्षा नियंत्रक प्राधिकरण के सचिव ने 24 दिसम्बर 2014 को शासनादेश जारी किया था जिसके तहत जो पाठयक्रम अपनाया गया था कई प्रश्न उससे बाहर के पूंछे गये थे। कहा गया कि कई प्रश्न गलत थे तो कई के एक से अधिक विकल्प दिये गये थे। परीक्षा में गड़बड़ी के मुददे केा उठाकर याचियेां ने टीईटी परीक्षा 2017 रद करने की मांग की थी।

वहीं महाधिवक्ता राघवेद्र सिंह ने सरकार का पक्ष रखते हुए तर्क दिया कि टीईटी परीक्षा में असफल अभ्यर्थियेां को परिणाम को चुनौती देने का अधिकार नहीं है। उन्होने यह भी तर्क दिया कि एनसीटीई के दिशानिर्देश बाध्यकारी नहीं है। यह भी तर्क दिया कि सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा केा टाला नही जा सकता।

कोर्ट ने सारी परिस्थितियेां एव विधि व्यवस्थाओं पर गौर करने के बाद कहा महाधिवक्ता के तर्कों को सारहीन करार दिया। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि टीईटी परीक्षा में ऐसे लाखेां शिक्षा मित्र शामिल हुए थे जिन्हें सुप्रीम केार्ट से झटका मिला था और वे टीईटी परीक्षा पास कर नियमित शिक्षक बनने की केाशिश में लगे है। ऐसे भी अभ्यर्थी थे जिन्होंने बीटीसी पास कर रखी थी जिनमे कुछ शिक्षा मित्र के रूप में भी काम कर रहे है।

कोर्ट ने कहा कि ऐसे में टीईटी परीक्षा काफी महत्वपूर्ण थी। कोर्ट ने कहा कि जब परीक्षा में पूछे गये प्रश्नेा में गडबड़ी साफ दिख रही है तो याचिकाअेा में दखल न देना उचित प्रतीत नहीं होता है।

अपने आदेश में कोर्ट ने तारीखवार ब्यौरा भी लिखाया कि किस प्रकार सरकार की ओर से इस मामले में शीघ्र सुनवायी में अड़चन डाली गयी।

कोर्ट ने कहा कि सरकार की ओर से करा जानी परीक्षायें काफी बड़ी होती है और उनमें लाखों लोग शामिल होते है अतः किसी प्रकार की फजीहत से बचने के लिए सरकार की परीक्षा कराने वाली एजेंसी को चाहिए कि परीक्षा के बाद अभ्यर्थियेां से आपत्तियां मांगी जाये और जिनके निस्तारण के बाद ही परीक्षा परिणाम घोषित किया जाये जिससे कि इस मामले जैसी स्थितियेां से बचा जा सके।

Rishi

Rishi

आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

Next Story

AI Assistant

Online

👋 Welcome!

I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!