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Jhansi News: बालू माफिया से दहशत में बेतवा नदी किनारे बसे लोग, दबंगों ने गांवों को आग लगाने की धमकी
Jhansi News: बालू का अवैध खनन परिवहन फिर से तेज हो गया है। एनजीटी की रोके के बाद भी जिले में ट्रैक्टर व हाइवा के बाद अब जुगाड़ गाड़ी से धड़ल्ले से बालू का अवैध खनन किया जा रहा है।
Jhansi: बालू का अवैध खनन (Illegal mining) व परिवहन फिर से तेज हो गया है। एनजीटी की रोके के बाद भी जिले में ट्रैक्टर व हाइवा के बाद अब जुगाड़ गाड़ी से धड़ल्ले से बालू का अवैध खनन का परिवहन किया जा रहा है। इस दिशा में पुलिस प्रशासन की कार्रवाई की स्थिति लचर है। बालू का अवैध खनन कर परिवहन खेतों से किया जा रहा है। रात व दिन में ट्रैक्टर से बालू का अवैध खनन होने से किसानों की फसल पूरी तरह से चौपट हो गई है। विरोध करने पर बालू खनन करने वाले दबंगों ने ग्रामीणों को धमकी दी कि अगर बालू खनन रोका गया तो गांवों में आग लगा देंगे।
इस प्रकार की धमकियों से गांव में रहने वाले गरीब किसान काफी दहशत में है। उधर, चिरगांव के बरौल घाट पर पुलिस को देख दो दर्जन से अधिक बालू से भरे ट्रैक्टरों को छोड़कर चालक भाग गए। पुलिस ने कई ट्रैक्टरों के टायर पंचर कर लाईट तक तोड़ दी है। हकीकत में देखा जाय तो चिरगांव व टहरौली थाना क्षेत्र (Tehrauli police station area) में अवैध बालू का खनन का कारोबार अभी चालू है।
दबंगों ने कहा- अगर बालू खनन रोका तो गांवों को लगा देंगे आग
माफिया बेतवा नदी से प्रतिदिन सैकड़ों वाहनों से बालू का उठाव कर रहे हैं। उसे जरुरतमंदों तक पहुंचाकर मनमानी कीमत वसूल रहे हैं। एनजीटी की रोक से पहले यहां बालू का बिक्री 1200 रुपए प्रत्येक ट्रैक्टर की जा रही थी। रोक के बाद प्रशासनिक कार्रवाई से दो तीन दिनों तक अवैध कारोबार बंद रहा। लेकिन जैसे ही कार्रवाई ढीली पड़ी तो अवैध बालू के कारोबार से जुड़े माफियाओं की चांदी काटने लगी है।
कारोबारी अब प्रशासनिक कार्रवाई का हवाला देकर 1200 ट्रैक्टर बेचे जाने वाले बालू की कीमत 3500 से चार हजार रुपए तक वसूलने लगे। इतना ही नहीं यह सारा खेल प्रशासन की नाक की नीचे होने लगा। जिले में संचालिक विकास योजनाओं के क्रियान्वयन स्थलों पर बालू व चिप्स का भंडारण किया जाने लगा। जानकारी के बावजूद अधिकारी चुप है। आखिल योजना स्थलों पर स्टॉक किये जा रहे बालू कहां से आ रही है, यह देखने की किसी भी अधिकारी से हिमाकत नहीं की। आखिल वे करें भी तो क्यों। क्योंकि योजना सरकार की चल रही है।
चिरगांव पुलिस ने टहरौली पुलिस से कहा, कैसे हिम्मत हुई उनके क्षेत्र में घुसने की
बेतवा नदी किनारे चिरगांव क्षेत्र में बरौल व दीदर गांव है। गांव के बीच नदी से अवैध खनन किया जा रहा है। खनन माफिया रात के समय नदी में पहुंच जाते हैं और वहां से बालू निकाल कर ला रहे हैं जिसकी शिकायत दीदर गांव की एक दर्जन लोगों ने चिरगांव पुलिस से की तथा अधिकारियों को अवगत कराया। बीती रात टहरौली और चिरगांव पुलिस ने दीदर घाट पर छापा मारा जहां करीब 20-25 ट्रैक्टर बालू भर रहे थे। इस बीच कई ट्रैक्टर खेतों के रास्ते हुए थे हुए भागे, कुछ ट्रैक्टर पकड़े तो उनके चालक छोड़कर भाग गए।
पुलिस ने और ग्राम वासियों ने उनकी लाइटें बगैर तोड़ने बाद में भी सभी लोग अपने-अपने टैक्टर उठा ले गए। ग्रामीणों का आरोप है की चिरगांव पुलिस खनन चोरी करने वालों से मिली हुई है इसलिए पकड़ने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं करती है। बताते हैं कि टहरौली पुलिस जैसे ही बालू से भरे ट्रैक्टर को उठाकर ले जा रही थी, तभी चिरगांव थाना का कसबा इंचार्ज अपनी टीम के साथ वहां पहुंचा और टहरौली पुलिस के कहने लगा कि हिम्मत कैसे हुई है, जो उनके क्षेत्र में घुस आए। एेसी हिम्मत कभी नहीं करना, वरना नेताजी व पुलिस अफसरों से कहकर निलंबित करवा देंगे। यह बात सुनते ही टहरौली पुलिस वापस लौट गई।
एक चालान से दूसरी नदियों से बालू का हो रहा उठाव
बरौल घाट से बालू का अवैध खनन फल फूल रहा है। बेतवा नदी किनारे बसे गांव के पास से नदी से अवैध बालू का कारोबार हो रहा है। यह सब विभागीय मिलीभगत से जारी है। ऐसे विभाग का दावा है कि अवैध बालू की बिक्री पर पूरी तरह लगाम लगाई गई है। जबकि जिले की सभी छोटी -बड़ी नदियों से बालू का उठाव जारी है। बालू घाटों से प्रतिदिन 50 से अधिक की संख्या में ट्रैक्टर, ट्रक, हाइवा बालू लेकर किसानों के खेतों व ग्रामीण इलाकों की सड़कों से बेखौफ गुजरते देखे जा सकते हैं। सड़कों से गुजरने वाले कई अधिकारियों की भी इस पर नजर पड़ रही है, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
चालक बोले- जरुरतमंदों से बालू की मुंह मांगी कीमत ली जा रही है
पूछे जाने पर चालकों ने बताया कि अभी कीमतों में उछाल हो गया है। जिन्हें बालू की जरुरत है, उनसे मुंह मांगी कीमत ली जा रही है। चालकों का कहना था कि सब खेल अब नजराना देकर हो रहा है। किन्हें नजराना दिया जा रहा है,यह पूछे जाने पर वे चुप्पी साध ले रहे थे। अवैध बालू लोडिंग कर शहर में घुसने वाले किसी भी चालक में जिला प्रशासन का कोई भय नहीं था। बालू का उनके पास से कोई चालान भी मौजूद नहीं था। ट्रैक्टर के अलावा बालू की बिक्री के खेल का तरीका भी बदल गया है। तस्कर अब पिकअप व अन्य दूसरे वाहनों से भी इस कारोबार को करने में जुट गए हैं। इससे बालू के अवैध कारोबार में काफी वृद्धि हुई है और कारोबार तेजी से बढ़ रहा है।
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