लखनऊ मेट्रो: अंडरग्राउंड टनल खोदेंगी गंगा-गोमती, जमीन से 18 मीटर नीचे ऐसे शुरू हुआ काम

Rishi
Published on: 23 Jan 2017 7:32 PM IST
लखनऊ मेट्रो: अंडरग्राउंड टनल खोदेंगी गंगा-गोमती, जमीन से 18 मीटर नीचे ऐसे शुरू हुआ काम
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लखनऊ. राजधानी में लखनऊ मेट्रो की अंडरग्राउंड टनल की खुदाई का काम सोमवार से शुरू हो गया है। जमीन से 18 मीटर नीचे शुरू हुए इस काम को मेट्रो के अधिकारी रिकॉर्ड टाइम में पूरा करने का दावा कर रहे हैं। इतना ही नहीं लखनऊ मेट्रो के अधिकारी इस बात का भी पूरा ध्‍यान रख रहे हैं कि मेट्रो के हर काम को इस तरह से अंजाम दिया जाए कि लोग इससे खुद को जुड़ा हुआ महसूस कर सकें। इसीलिए अंडरग्राउंड टनल की अप लाइन के काम को शुरू करने वाली टनल बोरिंग मशीनों का नामकरण सूबे की दो महत्‍वपूर्ण नदियों गंगा और गोमती के नाम पर किया गया है।

फर्स्‍ट फेज में 3.5 किलोमीटर होगी खुदाई

-एलएमआरसी के एमडी कुमार केशव ने बताया कि सोमवार को अंडरग्राउंड सचिवालय मेट्रो स्‍टेशन में फर्स्‍ट टनल बोरिंग मशीन(टीबीएम) द्वारा खुदाई का काम शुरू कर दिया गया है।

- इसी के साथ लखनऊ मेट्रो के फेज 1 ए (नार्थ साउथ कॉरिडोर) के 3.5 किलोमीटर लंबे सचिवालय, हुसैनगंज और हजरतगंज में अंडरग्राउंड टनल बोरिंग का काम शुरू कर दिया गया है।

- इसकी अपलाइन और डाउन लाइन के लिए दो टीबीएम मशीनों को काम पर लगाया गया है।

- इन दोनों टीबीएम मशीनों का नामकरण सूबे की दो प्रतिष्ठित नदियों गंगा और गोमती के नाम पर रखा गया है।

दिल्‍ली से टुकड़ों में आई है मशीन, 18 मीटर नीचे की गई इंस्‍टॉल

- एमडी कुमार केशव ने बताया कि गंगा और गोमती टीबीएम मशीनों को दिल्‍ली से रोड के माध्‍यम से कई टुकड़ों में लाया गया है।

- इसके लिए चौबीस लो- बेड मल्‍टी एक्‍सल ट्रेलर्स को काम पर लगाया गया था।

- इसके अलग-अलग पार्टस को जमीन से 18 मीटर नीचे एसेंबल किया गया है।

- गोमती नाम वाली टीबीएम मशीन ने अप लाइन की खुदाई का काम सोमवार को शुरू कर दिया है।

- वहीं गंगा की एसेंबलिंग का काम अपने आखिरी पड़ाव पर है।

- इसके लिए इंजीनियर्स की टीम दिन- रात लगकर काम को अंजाम दे रही है।

टीबीएम की एसेंबलिंग है जटिल प्रक्रिया

- एमडी कुमार केशव ने बताया कि टनल बोरिंग मशीनों का काफी सावधानी से एसेंबल करना पड़ता है।

- इसके हर पार्ट को ढाई सौ टन की क्रेन से शाफ्ट द्वारा नीचे ले जाना, पार्टस को आपस में कनेक्‍ट करना, इलेक्ट्रिक और हाईड्रोलिक कनेक्‍शंस के लिए सही स्‍पेस बनाना और ग्राउटिंग के काम के लिए सेटिंंग करना शामिल है।

- हमारा प्रयास रहा है कि मेट्रो के हर काम को रिकार्ड समय में पूरा करें।

- इसी क्रम में गोमती नामक टीबीएम मशीन की एसेंबलिंग का काम सिर्फ आठ महीने में पूरा कर लिया गया।

- जबकि इस काम में कम से कम 12 से 14 महीने का टाइम लग जाता है।

-इसी तरह हमारा प्रयास रहेगा कि हम लखनऊ मेट्रो केे फर्स्‍ट फेज का काम रिकार्ड समय में पूरा करें।

- हमने 26 मार्च को मेट्रो पब्लिक के लिए खोलने का वादा किया है, जिसके लिए हम रिकार्ड समय में सारे काम पूरे कर रहे हैं।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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