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UP Bye-Election : लखीमपुर में छिड़ी कुर्मी बनाम ठाकुर की लड़ाई, क्या उपचुनाव में दिखेगा असर?
UP Bye-Election : उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में सदर विधायक योगेश वर्मा के साथ मारपीट मामला कुर्मी बनाम ठाकुर में बदलता हुआ दिखाई दे रहा है।
UP Bye-Election : उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में सदर विधायक योगेश वर्मा के साथ मारपीट मामला कुर्मी बनाम ठाकुर में बदलता हुआ दिखाई दे रहा है। यह मामला और आगे बढ़ता है तो इसका सीधा असर आगामी विधानसभा उपचुनाव में देखने को मिल सकता है। वहीं, समाजवादी पार्टी भी इस आग में घी डालने का काम करती हुई नजर आ रही है।
लखीमपुर खीरी में कोऑपरेटिव बैंक के चुनाव को लेकर सदर विधायक योगेश वर्मा और बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अवधेश सिंह के बीच विवाद हो गया था। इस दौरान अवधेश सिंह ने पुलिस-प्रशासन की मौजूदगी में विधायक योगेश वर्मा के थप्पड़ जड़ दिया था। यही नहीं, उनके समर्थकों ने कॉलर पकड़कर जमीन में गिरा दिया और अभद्रता की थी। इस मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है।
वहीं, विधायक के समर्थकों ने जनपद मुख्यालय पहुंचकर डीएम कार्यालय का घेराव करके पुलिस-प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन अभी तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है। वहीं, विधायक योगेश वर्मा इस घटना को पूरे कुर्मी समुदाय का अपमान बता रहे हैं।
लखीमपुर में ठाकुर बनाम कुर्मी को लेकर छिड़ी सियासी आग में समाजवादी पार्टी घी डालने का काम कर रही है। सपा मुखिया एवं पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि योगेश वर्मा पिछड़े वर्ग से हैं, इसलिए पुलिस आरोपियों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं ले रही है। माना जा रहा है कि सपा इस मुद्दे के जरिए उपचुनाव में अपनी राजनीति को साधने में जुटी है।
ये सीटें अहम
बता दें कि उत्तर प्रदेश में 10 सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं। इनमें चार सीटें ऐसी हैं, जिन पर जीत के लिए कुर्मी मतदाता अहम साबित होते हैं। इन सीटों में कटेहरी, मझवां, फूलपुर और सीसामऊ शामिल है।
- अंबेडकरनगर के कटेहरी से लालजी वर्मा सांसद थे, अब वह अंबेडकर नगर से सांसद बन गए हैं। इस सीट पर कुर्मी और ब्राह्मण की आबादी लगभग बराबर है। बीजेपी यहां कुर्मी और ब्राह्मण समीकरण साधने की कोशिश में जुट गई है, हालांकि लखीमपुर मामले के बाद यहां झटका लग सकता है।
- मिर्जापुर की मझवां सीट काफी अहम हैं। यहां मिर्जापुर से अनुप्रिया पटेल सांसद है। मझवां सीट के समीकरण की बात करें तो यहां ब्राह्मण, बिंद और दलित के बाद कुर्मी की आबादी सबसे अधिक है। सपा ने यहां ज्योति बिंद को अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं, कांग्रेस से अजय राय मैदान में हैं।
- प्रयागराज की फूलपुर सीट काफी अहम हैं। यहां कुर्मी मतदाताओं से सहारे बीजेपी नैया पार लगाती रही है। यहां सपा ने मुस्तफा सिद्दीकी को मैदान में उतारा है। यदि कुर्मी समुदाय में नाराजगी दिखती है तो यहां बीजेपी को नुकसान हो सकता है।
- कानपुर की सीसामऊ विधानसभा में भी 20 हजार के करीब आबादी है। ये किसी उम्मीदवार जीत हार में अहम भूमिका निभा सकते हैं। हालांकि इस सीट पर मुस्लिमों की संख्या अधिक है। यहां से सपा ने इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी को मैदान में उतारा है।
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