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UP EX DGP Prashant Kumar: “जूते उतारे तो दिल कृतज्ञता और गर्व से भर गया” , पूर्व डीजीपी प्रशांत कुमार का भावुक विदाई संदेश
UP EX DGP Prashant Kumar Wikipedia: प्रशांत कुमार को एक ऐसा अधिकारी माना जाता है जिन्होंने संवेदनशीलता के साथ शक्ति, और संगठनात्मक अनुशासन के साथ मानवीय मूल्य दोनों को पुलिस प्रशासन में संतुलित किया।
UP EX DGP Prashant Kumar Wikipedia
UP EX DGP Prashant Kumar Wikipedia: लखनऊ, उत्तर प्रदेश पुलिस के पूर्व कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (DGP) और राज्य के सबसे मुखर, प्रतिबद्ध व संवेदनशील अधिकारियों में गिने जाने वाले प्रशांत कुमार ने सेवा निवृत्ति के बाद एक भावनात्मक संदेश के माध्यम से अपने साथ काम कर चुके सहयोगियों, अधीनस्थों और नागरिकों को धन्यवाद ज्ञापित किया।
उन्होंने रविवार सुबह सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा —
“31 मई को जब घर लौटा और अपने जूते उतारे, तो मेरे भीतर एक गहरा भाव उमड़ा — कृतज्ञता, गर्व और अपनेपन का। यह सिर्फ एक विदाई नहीं थी, बल्कि एक ठहराव का क्षण था — रुकने, सोचने और सेवा की इस असाधारण यात्रा में मेरे साथ चलने वालों को धन्यवाद कहने का अवसर।”
‘यूनीफॉर्म अस्थायी है, ड्यूटी हमेशा है”
उन्होंने अपने पोस्ट में ट्रैफिक में भीगते सिपाहियों से लेकर रातभर केस सुलझाने में जुटे अफसरों तक को याद करते हुए लिखा —
“वे सिपाही जो तेज़ बारिश में ट्रैफिक संभालते हैं, वे अधिकारी जो पूरी रात जागकर केस सुलझाते हैं — वही इस बल की सच्ची आत्मा हैं।”
“हमने त्रासदी देखी, विजय महसूस की और पुलिसिंग को एक नए युग में प्रवेश कराया — साइबर अपराधों से लड़ते हुए, जनता के विश्वास को जीतते हुए।”
“मैं इस पद को बिना किसी पछतावे के, पूर्ण संतोष और गर्व के साथ छोड़ रहा हूं। मेरी प्रार्थनाएं, समर्थन और सम्मान हमेशा आप सबके साथ रहेगा।”
प्रोफ़ाइल: कौन हैं प्रशांत कुमार?
• नाम: प्रशांत कुमार
• सेवा बैच: IPS, 1990 बैच (उत्तर प्रदेश कैडर)
• शैक्षणिक पृष्ठभूमि: स्नातक - दिल्ली विश्वविद्यालय | लॉ की पढ़ाई दिल्ली विश्वविद्यालय से
• प्रारंभिक पोस्टिंग: सहायक पुलिस अधीक्षक, मेरठ
• महत्वपूर्ण पद:
• ADG (कानून-व्यवस्था)
• IG (कानपुर ज़ोन)
• DIG (बरेली, वाराणसी)
• कार्यवाहक डीजीपी, उत्तर प्रदेश (2023-2024)
• एडीजी, लॉ एंड ऑर्डर — जिनके कार्यकाल में कई बड़ी घटनाओं पर शानदार नियंत्रण
• विशेष उपलब्धियाँ:
• हाथरस कांड से लेकर कासगंज दंगा, CAA/NRC विरोध, त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव, और राम मंदिर भूमि पूजन जैसे उच्च तनाव वाले अवसरों पर शांतिपूर्ण कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशंसा प्राप्त।
• एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के रूप में पहचान — 100+ एनकाउंटर की रणनीतिक अगुवाई
• उत्तर प्रदेश में मॉडर्न पुलिसिंग के स्तंभ — साइबर अपराध शाखा की मजबूती, इंटेलिजेंस फ्यूजन सेंटर की स्थापना
• ‘मिशन शक्ति’ और ‘बेटी बचाओ’ अभियानों को पुलिस व्यवस्था से जोड़ने में अग्रणी भूमिका
• सम्मान एवं पुरस्कार:
• राष्ट्रपति पुलिस पदक (Meritorious Service)
• उत्तर प्रदेश गवर्नर गैलेंट्री अवार्ड
• कई बार मुख्यमंत्री प्रशंसा पत्र
विरासत और छवि:
प्रशांत कुमार को एक ऐसा अधिकारी माना जाता है जिन्होंने संवेदनशीलता के साथ शक्ति, और संगठनात्मक अनुशासन के साथ मानवीय मूल्य दोनों को पुलिस प्रशासन में संतुलित किया। वह ‘खाकी में करुणा’ के प्रतीक माने जाते हैं।
उनकी मीडिया से संवाद की शैली स्पष्ट, तथ्यात्मक और शांत रही, जिससे पुलिस की छवि एक कठोर सिस्टम से बदलकर विश्वासपात्र लोकसेवक की बनी।
निष्कर्ष:
प्रशांत कुमार का यह विदाई संदेश महज एक रिटायरमेंट नोट नहीं, बल्कि एक सेवा भावना का प्रतिबिंब है। वह अब भले ही वर्दी में न हों, लेकिन उनकी बातें यह जता गईं कि —
“यूनीफॉर्म अस्थायी हो सकती है, लेकिन कर्तव्य और सेवा भाव जीवनभर की पुकार होती है।”
उनकी जगह भले कोई और अधिकारी ले, लेकिन उनके द्वारा छोड़ा गया मानदंड उत्तर प्रदेश पुलिस के लिए प्रेरणा बना रहेगा।
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